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हेट स्पीच मामला: अब्बास अंसारी की सजा के खिलाफ अपील पर 24 जून को होगी अगली सुनवाई

अब्बास के खिलाफ 2022 में एक मामला कोतवाली नगर में कायम हुआ था.2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में अब्बास अंसारी ने कथित तौर पर ऐसा बयान दिया था, जिसे भड़काऊ और अधिकारियों को धमकी देने वाला माना गया.उन्होंने कहा था कि सत्ता में आने के बाद 'सबका हिसाब लिया जाएगा।'

21 Jun, 2025
( Updated: 22 Jun, 2025
12:32 AM )
हेट स्पीच मामला: अब्बास अंसारी की सजा के खिलाफ अपील पर 24 जून को होगी अगली सुनवाई

मुख्तार अंसारी के बेटे और पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को दो साल की सजा और विधायकी रद्द होने के मामले में दाखिल अपील पर शनिवार को सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई.इस दौरान दोनों पक्षों के वकीलों की ओर से बहस हुई.अब अगली सुनवाई की तारीख 24 जून निर्धारित की गई है.

अब्बास हेट स्पीच का मामला में अगली सुनवाई 24 जून को 

फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश राजीव कुमार वत्स की अदालत अब्बास अंसारी की याचिका पर सुनवाई कर रही है. अब्बास ने अपने खिलाफ आए फैसले को सत्र न्यायालय में चुनौती दी थी. फिलहाल कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए बहस को अगली तारीख तक स्थगित कर दिया.

हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया

अब्बास अंसारी को सजा के ऐलान के बाद उनकी विधायकी भी जा चुकी है. मुख्तार के बेटे ने मऊ सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के टिकट पर जीत हासिल की थी.हेट स्पीच मामले में मऊ की सीजेएम कोर्ट ने पिछले महीने उन्हें दोषी करार दिया और दो साल की सजा सुनाई.

अब्बास अंसारी ने 2022 दिया था भड़काऊ भाषण 

अब्बास के खिलाफ 2022 में एक मामला कोतवाली नगर में कायम हुआ था.2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान एक जनसभा में अब्बास अंसारी ने कथित तौर पर ऐसा बयान दिया था, जिसे भड़काऊ और अधिकारियों को धमकी देने वाला माना गया.उन्होंने कहा था कि सत्ता में आने के बाद 'सबका हिसाब लिया जाएगा।'

बयान के बाद चुनाव आयोग ने उनके प्रचार पर रोक लगाई थी. साथ ही एक मुकदमा कोतवाली नगर थाना क्षेत्र में दर्ज हुआ था. उस मामले में छह गवाह सामने आए. बाद में मामला मऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चला, जहां उन्हें दोषी करार दिया गया.इसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, एमपी-एमएलए कोर्ट के जज डॉ. केपी सिंह ने अब्बास के लिए सजा का ऐलान किया था.

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अदालत से दोषी ठहराए जाने और दो साल की सजा तय होने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा ने कुछ घंटों में ही अब्बास की सदस्यता खत्म करने का फैसला लिया. विधानसभा के प्रमुख सचिव ने एक नोटिस जारी किया था, जिसमें मऊ सीट को रिक्त घोषित किया गया था.

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