Advertisement

महाराष्ट्र में रेलवे का मेगा अपग्रेड, ₹89,780 करोड़ की 38 परियोजनाएं स्वीकृत, बुलेट ट्रेन के लिए भी भूमि अधिग्रहण कार्य पूरा

महाराष्ट्र में रेलवे ढांचे का तेजी से कायाकल्प हो रहा है. केंद्र ने राज्य में 38 बड़ी रेल परियोजनाओं के लिए ₹89,780 करोड़ मंजूर किए हैं, जिनमें नई लाइनें, गेज परिवर्तन और दोहरीकरण शामिल हैं. अब तक 2,360 किमी ट्रैक चालू हो चुका है. इसके अलावा 100% ब्रॉड गेज नेटवर्क विद्युतीकृत हो चुका है और सभी नई लाइनें भी इलेक्ट्रिक होंगी. वहीं बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को भी नया मोमेंटम मिला है, महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है और सिविल वर्क्स जारी हैं. प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत 8,000 किमी के नए सर्वे भी मंजूर हुए हैं.

Image: Indian Railways (File Photo)

मोदी सरकार देशभर में रेल पटरियों का जाल बिछा रही है और इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर को मजबूती प्रदान कर रही है. इसी के तहत रेल मंत्रालय ने महाराष्ट्र में रेलवे अधोसंरचना के विकास की गति को तेज़ी से बढ़ाया है. पिछले हफ्ते राज्य के लिए 38 प्रमुख रेलवे परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें 11 नई लाइन परियोजनाएं, 2 गेज परिवर्तन परियोजनाएं और 25 दोहरीकरण या मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएं शामिल हैं.

ये सभी मिलाकर कुल 5,098 किलोमीटर लंबे नेटवर्क को कवर करती हैं. रेल मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, मार्च 2025 तक इनमें से 2,360 किलोमीटर नेटवर्क को चालू कर दिया गया है, जिस पर कुल ₹39,407 करोड़ की लागत आई है.

हाल के वर्षों में कार्य की गति में उल्लेखनीय तेजी आई है. मंत्री के अनुसार, 2009 से 2014 के बीच प्रति वर्ष औसतन केवल 58.4 किमी नई रेलवे लाइन चालू की जाती थी, जबकि 2014 से 2025 के बीच यह आंकड़ा बढ़कर प्रति वर्ष 208 किमी से अधिक हो गया है.

38 परियोजनाएं, ₹89,780 करोड़ का आवंटन...महाराष्ट्र में रेल इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर का कायाकल्प

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि 01 अप्रैल 2025 तक, 38 परियोजनाएं (11 नई लाइनें, 02 गेज परिवर्तन और 25 दोहरीकरण), जिनकी कुल लंबाई 5,098 किमी है और लागत ₹89,780 करोड़ है, जो पूरी तरह या आंशिक रूप से महाराष्ट्र में आती हैं, स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से 2,360 किमी की लंबाई चालू की जा चुकी है और मार्च 2025 तक ₹39,407 करोड़ की राशि खर्च की गई है."

केंद्र सरकार की वित्तीय प्रतिबद्धता भी इस प्रगति को दर्शाती है. अश्विनी वैष्णव के अनुसार, महाराष्ट्र में अधोसंरचना और सुरक्षा कार्यों के लिए वार्षिक बजट आवंटन 2009–14 के औसत ₹1,171 करोड़ से बढ़कर 2025–26 में ₹23,778 करोड़ हो गया है.

हाल ही में पूरे हुए प्रमुख प्रोजेक्ट्स में 300 किमी लंबी जबलपुर–गोंदिया और 150 किमी लंबी छिंदवाड़ा–नागपुर गेज परिवर्तन परियोजनाएं, तथा पनवेल–रोहा और उदना–जलगांव खंड पर दोहरीकरण कार्य शामिल हैं. दौंड–गुलबर्गा दोहरीकरण, जो अब तक की सबसे महंगी परियोजनाओं में से एक है, ₹3,182 करोड़ की लागत से पूरा हो चुका है.

वर्तमान में निर्माणाधीन प्रमुख परियोजनाओं में ₹16,321 करोड़ की लागत वाली मनमाड–इंदौर नई लाइन, 466 किमी लंबी पुणे–मिरज–लोंडा दोहरीकरण परियोजना, और ₹30,376 करोड़ की लागत वाली दौंड–मनमाड दोहरीकरण परियोजना शामिल हैं.

पिछले तीन वर्षों में ही महाराष्ट्र में पूरी या आंशिक रूप से आने वाली कुल 27 नई मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनकी कुल लंबाई लगभग 2,000 किमी है और लागत ₹47,126 करोड़ है. मंत्रालय के अनुसार, इन परियोजनाओं से यातायात अवरोध कम होंगे, माल और यात्री परिवहन में वृद्धि होगी, और पूरे क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित होंगे.

एक और बड़ी उपलब्धि यह रही कि महाराष्ट्र का 100 प्रतिशत ब्रॉड गेज रेल नेटवर्क-जिसकी लंबाई 5,938 रूट किमी है, अब पूरी तरह विद्युतीकृत हो चुका है. साथ ही, सभी नई स्वीकृत लाइनों का निर्माण भी प्रारंभ से ही विद्युतीकरण के साथ किया जा रहा है, जो भारतीय रेलवे के मिशन-मोड में चल रहे पूर्ण विद्युतीकरण के अभियान के अनुरूप है.

मुंबई–अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए पूरा हुआ भूमि अधिग्रहण का कार्य
मुंबई–अहमदाबाद हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन परियोजना का कार्य भी अब महाराष्ट्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, क्योंकि भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है. इस परियोजना के तहत ब्रिज और एक्वाडक्ट जैसे सिविल कार्य अब प्रगति पर हैं.

वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) का 178 किमी हिस्सा, यानी 12 प्रतिशत, महाराष्ट्र से होकर गुजरता है. इसमें से 76 किमी, न्यू घोलवाड़ से न्यू वैतरणा तक — पहले ही चालू किया जा चुका है. बाकी हिस्सा निर्माणाधीन है, और DFC का जेएनपीटी से प्रस्तावित लिंक दिल्ली-एनसीआर के साथ माल परिवहन को काफी बढ़ावा देगा.

इसके अलावा, प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत महाराष्ट्र के लिए 94 नए सर्वेक्षण कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें 26 नई लाइनों के सर्वे शामिल हैं. इनकी संयुक्त प्रस्तावित लंबाई लगभग 8,000 किमी है.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE