22 लाख मजदूरों के लिए पीएम मोदी से भिड़ेगी ममता, उनकी सुरक्षा को लेकर उठाए सवाल !
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल के मजदूरों की सुरक्षा को लेकर टेंशन में हैं. सीएम ने दावा किया है कि बंगाली बोलने वाले लोगों को बीजेपी शासित प्रदेशों में बांग्लादेशी कहा जा रहा है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल के मजदूरों की सुरक्षा को लेकर टेंशन में हैं. सीएम ने दावा किया है कि बंगाली बोलने वाले लोगों को बीजेपी शासित प्रदेशों में बांग्लादेशी कहा जा रहा है.
बांगला भाषा बोलना जुर्म? पीएम को दूंगी जानकारी
सीएम ने ममता ने कहा, उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि राजस्थान में 300-400 बंगाली बोलने वाले मजदूरों को एक इमारत में कैद कर दिया गया था. मजदूरों ने वैध दस्तावेज दिखाए थे, उसके बाद भी मजदूरों को कैद किया गया. सीएम ने इसी मामले को उठाते हुए कहा, क्या बांगला भाषा बोलना जुर्म है? मुझे लगता है कि पीएम मोदी इस मामले को नहीं जानते हैं. मैं इस मामले की उनको जानकारी देकर इस तरफ उनका ध्यान आकर्षित करूंगी.
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सीएम ने साथ ही कहा, न सिर्फ राजस्थान बल्कि इस तरह के मामले मध्य प्रदेश और दिल्ली से भी मामले सामने आए हैं. नबन्ना के सूत्रों के अनुसार, यह घटना कथित तौर पर राजस्थान के खैरथल-तिजारा जिले के एक शहर और दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के एक हिस्से भिवाड़ी में हुई थी. यह खैरथल-तिजारा शहर, जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूर, अलवर शहर से 85 किमी दूर और राजस्थान-हरियाणा सीमा पर स्थित है. यहीं पर मजदूरों के साथ यह मामला पेश आया, जहां उन्हें कैद किया गया.
22 लाख बंगाली मजदूर दूसरे राज्य में कर रहे काम
सीएम ने आगे कहा, जहां तक मेरी जानकारी है, जो भी 1971 तक भारत में आ चुका है वो भारतीय नागरिक है. बनर्जी ने कहा कि विभिन्न राज्यों के 1.5 करोड़ प्रवासी मजदूर बंगाल में काम करते हैं. लेकिन हम ऐसे कदम उठाने की कभी सोच भी नहीं सकते. क्या होगा अगर ऐसे कदम यहां अन्य राज्यों के प्रवासियों के खिलाफ उनकी मातृभाषा बोलने के लिए उठाए जाते? क्या बंगाली बोलना बीजेपी शासित शासन अपवित्र मानता है?”
सीएम ने कहा कि 22 लाख बंगाली बोलने वाले मजदूर दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “क्या तमिल भाषी लोगों को श्रीलंका भेज दिया जाएगा क्योंकि वो तमिल बोलते हैं, या गोरखा समुदाय के भारतीयों को नेपाली बोलने के लिए नेपाल भेज दिया जाएगा?” सीएम ने आगे कहा, मैं अक्सर लोगों से यहीं रहने और काम करने का आग्रह करती हूं, लेकिन कई लोग रोजगार की तलाश में राज्य से बाहर जाते हैं. क्या बंगाली में बात करना उनका अपराध है? उनके पास सभी नागरिकता दस्तावेज हैं.
सीएम ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, बीजेपी शासित राज्यों में दलितों पर कथित अत्याचार पर उन्होंने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अल्पसंख्यकों और दलितों पर हमले हो रहे हैं. जब भी बंगाल में किसी छिटपुट घटना का आरोप लगाया जाता है तो वो (केंद्र) अलग-अलग केंद्रीय आयोगों की कम से कम 10 अलग-अलग टीमें भेजते हैं. लेकिन जब उनके लोगों के शासित राज्यों में दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर नियमित रूप से हमले होते हैं तो केंद्र चुप रहता है.
सीएम ममता बनर्जी ने पिछले हफ्ते राज्य विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था, जिसमें कहा गया था कि पश्चिम बंगाल के बंगाली भाषी प्रवासियों को पश्चिमी भारत में बीजेपी शासित राज्यों से निर्वासित किया गया था और सभी नागरिकता प्रमाण प्रस्तुत करने के बावजूद बांग्लादेश की ओर धकेल दिया गया था.