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सुबह हुआ जैश के आतंकी माड्यूल का भंडाफोड़, शाम में दहल उठी दिल्ली...क्या व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क का है काम!

दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके ने दिल्ली को दहला दिया है. अब इसके तार फरीदाबाद से जुड़ रहे हैं. कैसे दिन में आतंकी माड्यूल का भंडाफोड़ होता है और शाम को धमाका हो जाता है. पुलिस ने जो भी केमिकल आतंकियों से बरामद किए हैं उसका मिलान ब्लास्ट में इस्तेमाल हुए विस्फोटकों से करने शुरू कर दिए हैं.

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10 Nov 2025
( Updated: 10 Dec 2025
06:25 PM )
सुबह हुआ जैश के आतंकी माड्यूल का भंडाफोड़, शाम में दहल उठी दिल्ली...क्या व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क का है काम!

दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम हुए धमाके में 10 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए. करीब 14 साल बाद हुए इस ब्लास्ट ने राजधानी को दहला दिया है. वहीं इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश, मुंबई और नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय जैसी महत्वपूर्ण जगहों पर सुरक्षा सख्त कर दी गई है. पुलिस और सुरक्षा बल हर जगह अलर्ट पर हैं. CISF ने मेट्रे, महत्वपूर्ण इमारतों और पूरे देश के औद्योगिक प्रतिष्ठाणों को अलर्ट पर रहने को कहा है. वहीं इसकी खास बात यह है कि नागपुर में आरएसएस हेडक्वार्टर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.

दिल्ली धमाके से पहले जैश और अंसर गजवात-उल-हिंद का भंडाफोड़!

इसी बीच दिल्ली धमाके के तार फरीदाबाद से लेकर जम्मू-कश्मीर तक जुड़ रहे हैं. ये संदेह इसलिए भी पैदा हो रहे हैं क्योंकि ब्लास्ट से ठीक पहले 10 नवंबर को ही खबर सामने आई कि सुरक्षाबलों ने आतंक के मंसूबों और आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. इसके तहत कल देर रात यानी कि 9 नवंबर को जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में बड़े पैमाने पर खतरनाक केमिकल्स, विस्फोटक सामग्रियों की बरामदगी हुई. इस अभियान में पुलिस ने करीब 2,900 किलोग्राम IED बनाने का सामान, भारी मात्रा में हथियार मसलन AK-47 और गोला-बारूद बरामद किया था. और तो और इस पूरे मामले में करीब 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

इन गिरफ्तारियों से पुलिस को जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसर गजवात-उल-हिंद (AGuH) से जुड़े एक अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय आतंकी मॉड्यूल का पता चला है. अब ऐसे में कहा जा रहा है कि इतने बड़े पैमाने पर आतंक के साजो-सामान के बरामद होने से आतंकियों में बौखलाहट है. इसी का बदला लेने के लिए उन्होंने हो सकता है कि ऐसी किसी घटना को अंजाम दिया हो. फरीदाबाद राजधानी दिल्ली से सटा इलाका है और NCR के दायरे में आता है. वहीं इस घटना में आतंकी एंगल, विशेषकर फरीदाबाद से हुई बरामदी पर किसी भी प्रकार की कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. मौके पर फॉरेंसिक टीम के साथ NIA-NSG की टीम मौजूद है, सैंपल उठाए जा रहे हैं और इसकी हर एंगल से जांच हो रही है.

क्या दिल्ली धमाके के पीछे है फरीदाबाद एंगल?

आपको बताएं कि जम्मू-कश्मीर पुलिस की विशेष टीम ने फरीदाबाद पुलिस के सहयोग से यह ऑपरेशन चलाया मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था. वहीं जिस डॉक्टर के घर से विस्फोटक मिले, उसने कुछ महीनों पहले यह कमरा किराए पर लिया था. शुरुआती जांच में पता चला है कि यह मामला अंसार गजवत-उल-हिंद (AGH) नामक आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है. 

यह वही संगठन है, जिसे 2017 में हिजबुल मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर ज़ाकिर मूसा ने बनाया था. इस संगठन का मकसद कश्मीर में शरिया कानून लागू कर एक इस्लामिक राज्य की स्थापना करना और भारत के खिलाफ जिहाद छेड़ना था. पुलिस सूत्रों का कहना है कि अब तक तीन डॉक्टर इस संगठन से जुड़े पाए गए हैं. 

गजवत-उल-हिंद के 7 लोग गिरफ्तार!

पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनकी पहचान श्रीनगर के नौगाम निवासी आरिफ निसार डार उर्फ ​​साहिल, श्रीनगर के नौगाम निवासी यासिर-उल-अशरफ, श्रीनगर के नौगाम निवासी मकसूद अहमद डार उर्फ ​​शाहिद, श्रीनगर के नौगाम निवासी, शोपियां की एक मस्जिद के इमाम मौलवी इरफान अहमद, गंदेरबल के वाकुरा निवासी जमीर अहमद अहंगर उर्फ ​​मुतलाशा, पुलवामा के कोइल निवासी डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई उर्फ ​​मुसैब और कुलगाम के वानपोरा के निवासी डॉ. अदील के रूप में हुई है.

व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क का है काम?

पुलिस का कहना है कि ये आरोपी व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क का हिस्सा थे. यानी पढ़े-लिखे प्रोफेशनल्स जो आतंकवाद को तकनीकी और आर्थिक मदद दे रहे थे. इससे पहले तक आतंकवाद को एक खास तबके और खास शैक्षणिक योग्यता वाले लोगों का काम माना जाता था लेकिन, अब धारणा बदल गई है. आतंकवाद बंदूक और बारूद से आगे निकल गया है. 

अब ये काम पढ़े-लिखे लोग भी कर करने लगे हैं. फरीदाबाद मामले में गिरफ्तार आरोपी डॉक्टर सोशल सर्विस के नाम पर काम कर रहा थे. पुलिस का कहना है कि यह नेटवर्क एन्क्रिप्टेड चैनलों के जरिए संपर्क करता था. हथियारों की सप्लाई, फंड मूवमेंट और विचारधारा फैलाने का काम यही लोग कर रहे थे.

कैसे होगी मामले की जांच?

दिल्ली धमाके की जांच शुरू कर दी गई है. घटने के चंद मिनटों के अंदर NIA-NSG की टीम मौके पर पहुंच गई. एनआईए और दिल्ली पुलिस की जॉइंट टीम ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं. कहा जा रहा है कि अब तक दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. जिस गाड़ी में विस्फोट हुआ, उसकी भी पहचान कर ली गई है. संभवता कार हरियाणा की है.

वहीं शुरुआती तस्वीरों और जांच में पता चला है कि एक सफेद i20 कार धमाके से ठीक पहले दिखाई दे रही है. टीम उसी फर्दर डिटेल तलाश रही है. इसके अलावा अब ये पता लगाना बाकी है कि क्या दिल्ली धमाके का फरीदाबाद से हुई हथियारों की बरामदगी से कोई लेना-देना है या हा नहीं. यानी कि हमले में इस्तेमाल विस्फोटक की केमिकल रिपोर्ट के लिए CFSL को सैंपल भेजे गए हैं. जबकि दिल्ली और हरियाणा के सीमावर्ती इलाकों में संदिग्ध वाहनों की तलाशी तेज कर दी गई है.

ब्लास्ट मामले पर पैनी नजर रख रहे पीएम मोदी

धमाके के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और पूरी स्थिति की जानकारी ली. सरकार के सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी लगातार हालात पर नजर रखे हुए हैं.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा से बात की. उन्होंने खुफिया ब्यूरो के प्रमुख तपन डेका से भी अपडेट लिया. इसके बाद, अमित शाह ने एनआईए के डीजी सदानंद वसंत दाते से बात की और उन्हें  तुरंत एनआईए की टीम मौके पर भेजने का आदेश दिया.

हादसे में घायल सभी लोगों को एलएनजेपी हॉस्पिटल ले जाया गया है. सूत्रों ने बताया कि दिल्ली, मुंबई और उत्तर प्रदेश के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है.

क्या ये आतंकी घटना है?

सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स में इस घटना को आतंकी हमला बताया जा रहा है. हालांकि, इस बारे में पुलिस या सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. जानकारी के अनुसार, लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास यह घटना हुई. धमाके के बाद कई वाहनों में आग लग गई. बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद है. पूरे एरिया को पुलिस द्वारा कॉर्डन ऑफ कर दिया गया है और गाड़ियों की आवाजाही को रोक दिया गया है.

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गौर करने वाली बात है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार सुबह ही जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद आतंकी संगठनों से जुड़े एक इंटर-स्टेट ट्रांसनेशनल टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था.

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