'मैं किसी टैग का मोहताज नहीं...', अनिल विज ने X प्रोफाइल से हटाया 'मंत्री' शब्द, गर्म हुआ सियासी अटकलों का दौर
अंबाला कैंट में बीजेपी की 'समानांतर' इकाई चलाए जाने का दावा करने वाले हरियाणा के दिग्गज नेता अनिल विज ने अपने X प्रोफाइल से 'मंत्री' शब्द हटा लिया है. उनके इस प्रतिक्रिया से सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया है. विज ने साफ कर दिया उनके पद पर आने से पहले से ही सोशल मीडिया पर अच्छी खासी मौजूदगी है और वो किसी भी टैग के मोहताज नहीं हैं.
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अपने बेबाक बयानों के लिए पहचाने जाने वाले हरियाणा की नायाब सिंह सैनी सरकार के मंत्री अनिल विज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखे अपने बॉयो से मंत्री शब्द हटा दिया है. इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि वह 'किसी टैग के मोहताज नहीं हैं.
अनिल विज के प्रोफाइल से हटा 'मंत्री' शब्द
72 वर्षीय दिग्गज बीजेपी नेता के यहां 8 लाख से ज्यादा फॉलोअर हैं. उन्होंने अब अपने प्रोफाइल पर अपना परिचय 'अनिल विज, मंत्री हरियाणा, भारत' को हटाकर 'अनिल विज, अंबाला कैंट हरियाणा, भारत' कर लिया. आपको बता दें कि उनके पास सैनी सरकार में कई मंत्रालयों का कार्यभार है.
एजेंसियों के हवाले से सामने आ रही खबरों के मुताबिक उन्होंने इस संबंध में कहा कि 'मैं अनिल विज के रूप में अपनी 'व्यूअरशिप' (सोशल मीडिया पर प्रेजेंश) बढ़ाना चाहता हूं, एक मंत्री के रूप में नहीं. सोशल मीडिया पर मेरी मौजूदगी मंत्री बनने से बहुत पहले ही थी. उन्होंने आगे कहा कि मेरे फेसबुक पेज पर भी, आपको मेरे प्रोफाइल में 'मंत्री' नहीं लिखा मिलेगा.'
मैं किसी टैग का मोहताज नहीं: विज
उन्होंने आगे कहा कि 'लोग मुझे अनिल विज के नाम से जानते हैं. मैं जो भी चीजें पोस्ट करता हूं और उसे देखने वालों की संख्या इसी पर आधारित होनी चाहिए, न कि इस बात से कि मैं मंत्री हूं इसलिए देखना पड़ेगा. विज किसी टैग (मंत्री पद) का मोहताज नहीं है.' आपको बता दें कि विज के पास फिलहाल हरियाणा सरकार में ऊर्जा, परिवहन और श्रम विभागों का प्रभार है.
हालांकि उन्होंने साफ कर दिया कि बॉयो से 'मंत्री' शब्द हटाने के उनके इस फैसले का उनके विधानसभा क्षेत्र अंबाला कैंट से भाजपा की कथित 'समानांतर' इकाई चलाए जाने के उनके दावे से कोई लेना-देना नहीं है.
बीजेपी की 'समानांतर' इकाई का अनिल विज ने किया था दावा
इसके साथ ही यहां ये भी बता देना जरूरी है कि सात बार के विधायक विज ने 6 दिन पहले 12 सितंबर को अपने 'एक्स' पोस्ट में यह दावा किया कि कुछ लोग वरिष्ठ नेताओं के आशीर्वाद से उनके गृह निर्वाचन क्षेत्र अंबाला छावनी में बीजेपी की 'समानांतर' इकाई चला रहे हैं.
इसी पोस्ट में उन्होंने लोगों से सुझाव भी मांगे थे कि वह इनसे निपटने के लिए क्या करें. उनके इस बयान से सियासी हलचल बढ़ गई थी. अब देखने वाली बात होगी कि बीजेपी आलाकमान इसे कैसे देखता है.
इससे पहले विधानसभा चुनाव के वक्त भी उन्होंने सीएम पद के लिए भी दावा कर दिया था. हालांकि सरकार बनने के बाद उनके मंत्री बनने पर भी संशय पैदा हो गया था. हालांकि उनके पास फिलहाल कई विभागों का जिम्मा है.
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