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मिड डे मील को बेहतर बनाने के लिए नायब सरकार का बड़ा कदम, यहां से आएगा बच्चों के लिए पौष्टिक खाना

करार के मुताबिक, सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के खाद्य सामग्री के 25 आइटम भेजे जाएंगे. हरियाणा सरकार ने स्कूलों में मिड-डे-मील को और बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाया है.

हरियाणा (Haryana) की नायब सिंह सैनी सरकार ने सरकारी स्कूलों में मिड डे मील की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बड़ा फैसला लिया है. स्कूलों में मिड डे मील की सामग्री अब सीधे पंचकूला से आएगी. शिक्षा निदेशालय ने पंचकूला में हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच करार किया है. 

इस करार के तहत 6 अगस्त 2026 तक सरकारी स्कूलों में मिड डे मील की सामग्री हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन से ली जाएगी. इसके तहत के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के खाद्य सामग्री के 25 आइटम भेजे जाएंगे. हरियाणा सरकार ने स्कूलों में मिड-डे-मील को और बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाया है. नायब सरकार के का मानना है कि इससे भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा दोनों में सुधार होगा. 

जानें समझौते की बड़ी बातें 

शिक्षा विभाग के मुताबिक, एग्रो इंडस्ट्रीज के साथ एक साल के लिए समझौता किया गया है. इस दौरान चावल, दाल, तेल, मसाले, नमक और बाकी जरूरी सामग्री सीधे एग्रो इंडस्ट्रीज के स्टोर से सरकारी स्कूलों तक भेजी जाएंगी. खाद्य सामग्री भेजने से पहले क्वालिटी टेस्ट से गुजरेगी. क्योंकि पहले मिड डे मील की गुणवत्ता को लेकर कई शिकायतें मिलती थीं. जो अब काफी हद तक खत्म हो जाएंगी. 

बच्चों तक पहुंचेगा पौष्टिक खाना 

वहीं, नई व्यवस्था से खाद्य सामग्री सीधे स्कूलों तक पहुंचेगी. ताकि,  बीच में होने वाली गड़बड़ियां और देरी को रोका जा सके. कक्षा 8 तक के सभी बच्चों को इस नए सिस्टम से स्वच्छ और पौष्टिक खाना मिलेगा. इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने हरियाणा के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं. अधिकारियों को अब हर दिन की रिपोर्ट 100 प्रतिशत तक अपडेट भी रखनी होगी. 

हाल ही में हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच करार के संकेत दिए थे. HAIC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि शिक्षा निदेशालय ने उनसे मौजूदा स्किम्ड मिल्क पाउडर वितरण को और बेहतर बनाने का आग्रह किया है. सरकार की ओर से कहा गया था कि ऐसे दूध-आधारित विकल्प खोजें जो पोषण को मजेदार बना सकें. उस समय खीर और मिल्क बार जैसे सुझाव दिए गए थे. इसके बार पिन्नी या बार को बच्चों के लिए नए पौष्टिक विकल्प के तौर पर शामिल किया गया था. 

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