यूपी में आउटसोर्स भर्ती को लेकर CM योगी का बड़ा फैसला, OBC, SC, ST सबको मिलेगा आरक्षण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंज़ूरी दे दी है. प्रस्तावित निगम में SC, ST, OBC, EWS, महिलाओं, दिव्यांगजन और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण के प्रावधान सख्ती से लागू होंगे. मुख्यमंत्री ने तलाकशुदा, परित्यक्ता और निराश्रित महिलाओं को भी नियुक्तियों में प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं.
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राज्य में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंज़ूरी दे दी है. यह निगम कंपनी एक्ट के तहत गठित किया जाएगा और इसके माध्यम से की जाने वाली सभी नियुक्तियों में आरक्षण नियमों का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जाएगा.
प्रस्तावित निगम में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), महिलाओं, दिव्यांगजन और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाएगा. इसके अलावा, मुख्यमंत्री योगी ने निराश्रित, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को नियुक्तियों में प्राथमिकता देने की बात भी स्पष्ट रूप से कही है. इस निर्णय को सामाजिक न्याय और समावेशिता की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. प्रदेश सरकार का यह कदम आउटसोर्सिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और न्यायसंगत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है.
सामाजिक सुरक्षा को मिलेगी मजबूती: सीएम योगी
उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंज़ूरी देने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह निगम प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कार्मिकों के श्रम अधिकारों, पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. मुख्यमंत्री का मानना है कि निगम की स्थापना से राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों में स्थायित्व का भरोसा भी मजबूत होगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य आउटसोर्सिंग प्रणाली को अधिक संगठित और उत्तरदायी बनाना है. वही, इस निगम के गठन के बाद आउटसोर्स कर्मियों का न्यूनतम मानदेय 16 से 18 हजार रुपये प्रतिमाह निर्धारित किया जा सकता है. इससे पहले की बैठकों में इस मानदेय पर चर्चा की जा चुकी है, लेकिन अंतिम निर्णय निगम के औपचारिक गठन के बाद ही लिया जाएगा. यह कदम राज्य सरकार द्वारा आउटसोर्सिंग के क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए की जा रही एक महत्वपूर्ण और दूरदर्शी पहल के रूप में देखा जा रहा है.
जिला स्तर तक होंगी समितियां
सरकार की ओर से जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस निगम का संचालन एक निदेशक मंडल के जरिए किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे. इसके अलावा, निगम के लिए एक महानिदेशक की भी नियुक्ति की जाएगी. प्रदेश भर में निगम की प्रभावी निगरानी और क्रियान्वयन के लिए मंडल और जिला स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा. इसके तहत विभिन्न आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन ‘जेम पोर्टल’के माध्यम से पारदर्शी प्रक्रिया से किया जाएगा। चयनित एजेंसियों का अनुबंध न्यूनतम तीन वर्षों के लिए होगा. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को किसी प्रकार की समस्या न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा. चयन प्रक्रिया में पुराने कर्मचारियों को उनके अनुभव के आधार पर अतिरिक्त वेटेज भी दिया जाएगा.
अब आउटसोर्स एजेंसियों की नहीं चलेगी मनमानी
उन्होंने कहा कि अब तक आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन अलग-अलग तरीकों से किया जाता रहा है, जिससे कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलना, वेतन कटौती, ईपीएफ/ईएसआई के लाभों से वंचित रहना और उत्पीड़न जैसी समस्याएं सामने आती रही हैं. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन हर महीने की 5 तारीख तक सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जाए। साथ ही, कर्मचारियों के ईपीएफ और ईएसआई की रकम समय से जमा की जाए और उनसे संबंधित सभी अनुमन्य लाभों का समय पर वितरण सुनिश्चित किया जाए. निगम को एक नियामक संस्था (रेगुलेटर) के रूप में कार्यभार सौंपा जाएगा, जो सभी आउटसोर्स एजेंसियों की निगरानी करेगा. नियमों के उल्लंघन की स्थिति में एजेंसियों पर ब्लैकलिस्टिंग, डिबार करने, अर्थदंड लगाने और वैधानिक कार्रवाई की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी. सीएम योगी ने यह भी सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में नियमित पदों पर आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवाएं नहीं ली जाएं.
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अब बिना अनुमति नहीं होगी सेवा समाप्ति
सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि चयन के बाद किसी भी आउटसोर्स कर्मचारी को सेवा से तब तक मुक्त नहीं किया जाएगा, जब तक संबंधित विभाग के सक्षम अधिकारी की संस्तुति प्राप्त न हो. सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक कर्मचारी की गरिमा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि 'उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम' राज्य की प्रशासनिक प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही का नया अध्याय जोड़ेगा. सरकार का मानना है कि इस निगम के गठन से न केवल राज्य के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, बल्कि प्रशासनिक दक्षता और सेवा वितरण की गुणवत्ता में भी काफी सुधार होगा.
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