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2047 तक कैसे विकसित होगा भारत? CM योगी ने दिए ये पंच प्रण, PM मोदी के संकल्प को दोहराया

CM योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान देशवासियों के सामने 2047 तक आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य रखा था.

गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह-2025 का शुभारंभ किया. जहां उन्होंने आत्मनिर्भर और विकसित भारत के संकल्प को दोहराया. CM योगी ने PM मोदी के पंच प्रण को शाश्वत मंत्र बताया. 

CM योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान देशवासियों के सामने 2047 तक आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य रखा था. इसका मतलब था ऐसा भारत बनाना जहां हर व्यक्ति खुशहाल और परस्पर सौहार्द के साथ मिलकर दुनिया की महाशक्ति के रूप में भारत को स्थापित करे. जहां जाति, भाषा, क्षेत्र का विवाद और अभाव न हो. कोई नागरिक आपदा का शिकार न हो. हर व्यक्ति राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों को निभाए. CM योगी ने कहा कि भारत विकसित तब हो सकता है, जब हर शख्स पंच प्रण पर ध्यान दे. 

CM योगी के पंच प्रण कौनसे हैं? 

CM योगी ने पंच प्रण को शाश्वत मंत्र बताया और कहा कि यह हर नागरिक पर समान रूप में लागू होते हैं. उन्होंने पंच प्रण को समझाते हुए कहा, पहले प्रण में विरासत पर गौरव की अनुभूति है. हर भारतवासी को पूर्वजों, संस्कृति, महापुरुषों पर गौरव होना चाहिए. CM योगी ने महाराणा प्रताप, गुरु गोविंद सिंह महाराज, छत्रपति शिवाजी महाराज, रानी लक्ष्मीबाई, पं. रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और रोशन सिंह का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ये सभी नायक भारत की विरासत हैं. वहीं, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण और धर्मध्वजा की स्थापना इसी विरासत की श्रृंखला की महत्वपूर्ण कड़ी है. 

दूसरा प्रण: गुलामी के अंशों को पूरी तरह समाप्त करना है. CM योगी ने कहा कि बीच के कालखंड में हर देशवासी भूल गया कि जब दुनिया अंधकार में थी, तब भारत बड़ी ताकत था. दो हजार साल पहले दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत का हिस्सा 46 फीसदी और चार सौ वर्ष पहले भारत की भागीदारी का हिस्सा 26 फीसदी था. देश जब आजाद हुआ, तब दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत का हिस्सा महज डेढ़ फीसदी रह गया था. अंग्रेज और विदेशी आक्रांता जब भारत को लूटकर ले गए थे, उसकी कीमत उस समय लगभग 32-35 ट्रिलियन डॉलर के बराबर थी. आज भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हुआ है. उन्होंने कहा, दुनिया ने माना है कि भारत सबसे तेज गति के साथ बढ़ने वाला राष्ट्र बन गया है. 

तीसरा प्रण- सैन्य बलों का सम्मानः CM योगी ने कहा, सैनिक, यूनिफॉर्म धारी फोर्स (सेना, अर्धसेना, पुलिस बल) का सम्मान करना है. उनके बलिदान और सेवाओं के प्रति सम्मान व कृतज्ञता होनी चाहिए.  

चौथे प्रण की चर्चा कर CM योगी ने कहा कि विदेशी आक्रांता इसलिए सफल हुए, क्योंकि हम विभाजित थे, जाति-क्षेत्र, भाषा के नाम पर बंटे थे. पड़ोस में आग लगी है और हम निश्चिंत बैठे हैं तो देर-सवेर आग आप तक भी पहुंचेगी. सामाजिक विद्वेष की खाई को चौड़ा होने से रोकना होगा. हमारी पहचान राष्ट्रीयता के आधार पर होनी चाहिए. सामाजिक भेदभाव की खाई को दूर करना, राष्ट्रीय एकता के लिए प्राण प्रण से जुड़ना होगा. 

कानून के सही इस्तेमाल पर जोर 

CM योगी ने पांचवें प्रण के रूप में लोगों को अपने कर्तव्यों के बारे में बाया. उन्होंने कहा, दूसरों के ऊपर कानून लागू होगा और हमारे ऊपर नहीं होगा. यही प्रवृत्ति ही सारी समस्याओं की जड़ है. कानून दूसरों के लिए है तो मेरे लिए भी होना चाहिए. CM योगी ने कहा कि छात्र, शिक्षक, व्यापारी और जनप्रतिनिधि अगर अपने उत्तरदायित्वों का पालन करे तो पंच प्रण आत्मनिर्भर और विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने में सहायक बनेगा. 

 

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