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सपा विधायक का 'पत्नी' वाला किस्सा सुनकर हंसी नहीं रोक पाए CM योगी आदित्यनाथ, यूपी विधानसभा में लगे जोरदार ठहाके

विधायक समरपाल सिंह शिक्षामित्रों के मानदेय को बढ़ाने को लेकर सरकार से सवाल कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने एक ऐसा किस्सा सुनाया जिसे सुन सभी हंसने लगे. उन्होंने कहा कि मानदेय नहीं बढ़ा तो पत्नी छोड़कर भाग गई…

12 Aug, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
02:16 AM )
सपा विधायक का 'पत्नी' वाला किस्सा सुनकर हंसी नहीं रोक पाए CM योगी आदित्यनाथ, यूपी विधानसभा में लगे जोरदार ठहाके
CM Yogi/Samarpal Singh

उत्तर प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र चल रहा है. आज इसका दूसरा दिन है. मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान सदन के अंदर कुछ ऐसा हुआ जिसका वीडियो वायरल हो रहा है. यहां समाजवादी पार्टी के विधायक समरपाल सिंह ने एक ऐसा किस्सा सुनाया जिसे सुनकर पूरा सदन ठहाके लगाने लगा. दरअसल, विधायक समरपाल सिंह शिक्षामित्रों के मानदेय को बढ़ाने को लेकर सरकार से सवाल कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों का बुरा हाल है और 23 सालों से उनका मानदेय नहीं बढ़ाया गया है.  सरकार ने उनके मानदेय को बढ़ाने के सवाल पर अपना जवाब ना में दिया है.

इसके बाद उन्होंने कहा कि वे पीडीए की मीटिंग के दौरान अपने क्षेत्र में में गए थे. वहां एक शिक्षामित्र रोता-रोता उनके पास आया. जिस पर उन्होंने उससे पूछा क्यों रो रहे हो? तो शिक्षामित्र ने बताया कि वह हर साल अपनी पत्नी को दिलासा देता था कि इस बार सरकार मानदेय बढ़ा देगी, लेकिन बढ़ा नहीं. जिसके बाद उसकी पत्नी उसे छोड़कर भाग गई. 
सपा विधायक का जैसे ही सवाल खत्म हुआ तो विधानसभा स्पीकर सतीश महाना ने संदीप सिंह से कहा कि इनके सारे सवालों का जवाब दे दीजिए, केवल पत्नी वाला छोड़कर. वहीं इस बीच एक सपा विधायक ने पत्नी विरोध सरकार कहा, जो कि माइक में रिकॉर्ड हो गया.

‘पटवारी तक का काम, पर नहीं बढ़ाया मानदेय…’ 

विधायक समरपाल सिंह ने कहा कि शिक्षामित्रों से पटवारी तक का काम लिया जाता है, लेकिन उसका मानदेय नहीं बढ़ाया जाता. उन्होंने कहा कि वहीं काम के लिए नियमित शिक्षक को एक लाख रुपए सैलरी मिलती है, लेकिन उसे सर 10 हजार रुपए. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने शिक्षामित्रों को नियमित कर दिया था. लेकिन इस सरकार ने अभी तक उनका मानदेय भी नहीं बढ़ाया.

‘…कल्याण सिंह की आत्मा को भी शांति मिलेगी’

विधायक समरपाल सिंह ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह से कहा कि आप कल्याण सिंह के सुपौत्र हैं. वे भी शिक्षक रहे हैं और मैं भी शिक्षक रहा हूं. अगर वे शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ा देते हैं तो कल्याण सिंह की आत्मा को भी शांति मिलेगी. गौरतलब है कि सरकार की तरफ से शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री संदीप सिंह की तरफ से कहा गया कि वर्तमान में अभी ऐसी कोई योजना नहीं है.

‘…स्कूल कोई भी बंद नहीं किया जाएगा’

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि स्कूल कोई भी बंद नहीं किया जाएगा. सारे बेसिक स्कूल यथावत काम करते रहेंगे. उन्होंने बच्चों के स्कूलों में नामांकन की आयु घटाने से इनकार किया है. उनका कहना है कि यह राष्ट्रीय मानक है कि बच्चा कक्षा एक में 6 वर्ष का होना चाहिए. कक्षा 8 तक 14 वर्ष का बच्चा होना चाहिए. इसी के आधार पर शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चों को आठवीं तक की अनिवार्य शिक्षा दी जा रही है. इसलिए नामांकन की आयु घटा पाना संभव नहीं है.

सपा विधायकों के सवालों पर शिक्षा मंत्री का जवाब

सपा विधायकों के सवालों का शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्राथमिक विद्यालय में 1.93 लाख बच्चे हैं. 3.38 लाख शिक्षक तैनात हैं. 1.43 लाख शिक्षा मित्र भी हैं. उच्च और प्राथमिक का 30 पर एक और उच्च में 35 पर एक शिक्षक का अनुपात है. अभी छात्र संख्या के अनुसार शिक्षकों का अनुपात हैं. मर्जर की बात कर रहे हैं. 50 बच्चों पर तीन शिक्षक रखेंगे. दो शिक्षक और एक शिक्षा मित्र होंगे. जो गैप होगा, उसे पूरा करेंगे.

‘एक भी विद्यालय बंद करने का नहीं लिया गया फैसला’

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इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार ने एक भी विद्यालय को बंद करने का निर्णय नहीं लिया है. बेसिक शिक्षा के अंतर्गत जो भी विद्यालय हैं, वो चलते रहेंगे. बदलाव ये किया गया है कि कक्षा में 1 वर्ष में 6 वर्ष की है. 1 से 8 तक के बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिलेगा. आंगनबाड़ी केंद्रों में 6 वर्ष तक के बच्चे जाते थे. एक किमी के अंदर दो से तीन विद्यालय हैं, उन्हें ही मर्ज किया गया है.

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