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मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को किया बरी, 2006 में हुए धमाकों में 189 लोगों की हुई थी मौत

मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाकों के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने दोषी ठहराए गए 12 में से 11 आरोपियों को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया. आरोपियों को निर्दोष करार देकर बरी कर दिया, जिससे यह केस एक नए मोड़ पर पहुंच गया है.

21 Jul, 2025
( Updated: 21 Jul, 2025
08:37 PM )
मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट केस में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को किया बरी, 2006 में हुए धमाकों में 189 लोगों की हुई थी मौत

2006 में हुए मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाकों के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया. हाई कोर्ट की खंडपीठ, जिसमें जस्टिस अनिल किलोर और जस्टिस एस.जी. चांडक शामिल थे, ने मामले में दोषी ठहराए गए 12 में से 11 आरोपियों को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया. गौरतलब है कि निचली अदालत ने सभी 12 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जिनमें से 5 को फांसी और 7 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. लेकिन हाई कोर्ट ने इस फैसले को पलटते हुए कहा कि सबूतों के अभाव में सजा को बरकरार नहीं रखा जा सकता. यह फैसला न्याय प्रणाली की पारदर्शिता और साक्ष्यों की मजबूती की आवश्यकता पर एक बार फिर ध्यान केंद्रित करता है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने कहा, ''अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ मामला साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है. यह विश्वास करना कठिन है कि आरोपियों ने यह अपराध किया है, इसलिए उनकी दोषसिद्धि रद्द की जाती है.’’

पीठ ने कहा कि वह पांच लोगों को मृत्युदंड और शेष सात को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा की पुष्टि करने से इनकार करती है और उन्हें बरी करती है. अदालत ने कहा कि अगर आरोपी किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं तो उन्हें जेल से तुरंत रिहा कर दिया जाए.

11 आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी
मुंबई में 11 जुलाई, 2006 को हुए सिलसिलेवार लोकल ट्रेन धमाकों में 189 लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे. इस बहुचर्चित मामले में सत्र न्यायालय ने 2015 में 13 में से 12 आरोपियों को दोषी करार दिया था, जबकि एक आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी थी. सूत्रों के अनुसार, इस साल जनवरी में बॉम्बे हाई कोर्ट में इस मामले की अंतिम सुनवाई पूरी हो गई थी, लेकिन निर्णय को सुरक्षित रख लिया गया था. सभी आरोपी नासिक, येरवडा और नागपुर की जेलों में बंद हैं, और उनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. हाई कोर्ट के हालिया फैसले ने निचली अदालत के आदेश को पलटते हुए 11 आरोपियों को बरी कर दिया, जिससे इस केस ने एक नया मोड़ ले लिया है.

मुंबई ट्रेन ब्लास्ट: 2006 में 189 लोगों की मौत 
मुंबई में 11 जुलाई, 2006 को हुए सिलसिलेवार धमाकों ने शहर को हिला कर रख दिया था. महज 11 मिनट के भीतर लोकल ट्रेनों में 7 धमाके हुए, जिनमें 189 लोगों की मौत हो गई और 827 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए थे.

इस मामले में सत्र न्यायालय ने 2015 में 12 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जिनमें से मोहम्मद फैसल शेख, एहतशाम सिद्धीकी, नावेद हुसैन खान, आसिफ खान और कमल अंसारी को फांसी की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, कमल अंसारी की 2022 में कोरोना संक्रमण के कारण जेल में ही मौत हो गई थी.

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सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए सभी दोषियों ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की थी. हाल ही में उच्च न्यायालय ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए 11 आरोपियों को निर्दोष करार देकर बरी कर दिया, जिससे यह केस एक नए मोड़ पर पहुंच गया है.

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