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दिल्ली के बाद हरियाणा के स्कूलों में पढ़ाया जा सकता है RSS का पाठ, बोले शिक्षा मंत्री- ये सौभाग्य होगा

हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करना देश का सौभाग्य है, क्योंकि यह संगठन व्यक्ति निर्माण और राष्ट्र के प्रति समर्पण सिखाता है. दिल्ली सरकार ने भी अपने स्कूलों में राष्ट्रनीति कार्यक्रम के तहत आरएसएस, स्वतंत्रता सेनानियों और अन्य स्वैच्छिक संगठनों के बारे में पढ़ाने की घोषणा की है. इस पहल का उद्देश्य छात्रों में नागरिक और सामाजिक चेतना के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है.

हरियाणा के स्कूलों में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सकता है. राज्य के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा का कहना है कि अगर ऐसे संगठन के बारे में बच्चों को पढ़ाने की बात है, तो यह इस देश का सौभाग्य है. 

क्या बोले हरियाणा के शिक्षा मंत्री?

शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से दिल्ली सरकार के फैसले के बाद हरियाणा में भी आरएसएस को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की तैयारियों के बारे में सवाल किया गया था. उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस एक गैर-राजनीतिक संगठन है. यह एक ऐसा संगठन है, जो काम करता है, वह दुनिया में कोई नहीं करता है. आरएसएस 'व्यक्ति निर्माण' का कार्य करता है." उन्होंने आगे कहा, "व्यक्ति निर्माण का यह काम बेहद कठिन और अलग है. जो व्यक्ति परिपूर्ण हो जाए या इसकी तरफ चल पड़े व राष्ट्र के प्रति समर्पित भाव को लेकर जीवन को जिए, ऐसे संगठन व ऐसे तैयार किए गए लोग देश और समाज के लिए प्रेरणा का काम करते हैं."

दिल्ली के स्कूलों में RSS के बारे में पढ़ेंगे बच्चे

इससे पहले, दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों को जल्द ही एक नए शिक्षा कार्यक्रम ‘राष्ट्रनीति' के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बारे में पढ़ाए जाने की घोषणा की गई. यह घोषणा दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने की. शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में छात्रों को जल्द ही प्रशासन के नए नागरिक शिक्षा कार्यक्रम ‘राष्ट्रनीति’ के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अन्य स्वैच्छिक संगठनों और स्वतंत्रता सेनानियों पर पाठ मिलने की संभावना है.

वीर सावरकर के भी बलिदान का पढ़ाया जाएगा पाठ

आशीष सूद ने पिछले हफ्ते एक बयान में कहा कि स्कूलों में विनायक दामोदर सावरकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ-साथ स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पाठ शामिल होंगे. उन्होंने कहा, "छात्रों में नागरिक और सामाजिक चेतना पैदा करने के अलावा मौलिक कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कार्यक्रम के तहत आरएसएस पर अध्याय जोड़ा जा रहा है. "यह घोषणा उस समय की गई, जब हाल ही में आरएसएस का शताब्दी वर्ष पूरा हुआ है.

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