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13 साल बाद राज ठाकरे का 'वनवास खत्म', पहुंचे मातोश्री, महाराष्ट्र में बदलते सियासी समीकरण के मिले संकेत

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे 13 साल बाद 'मातोश्री' पहुंचे और अपने चचेरे भाई, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की बधाई दी. उनके साथ मनसे नेता बाला नांदगांवकर और नितिन सरदेसाई भी थे. उद्धव ने राज को गले लगाया और दोनों ने बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर के सामने फोटो भी खिंचवाई. भले ही केक काटने के दौरान राज नजर नहीं आए, लेकिन उनकी मौजूदगी को बड़ा राजनीतिक संकेत माना जा रहा है.

27 Jul, 2025
( Updated: 28 Jul, 2025
10:27 AM )
13 साल बाद राज ठाकरे का 'वनवास खत्म', पहुंचे मातोश्री, महाराष्ट्र में बदलते सियासी समीकरण के मिले संकेत
Image: ANI

महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को एक महत्वपूर्ण तस्वीर सामने आई जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे 13 साल बाद 'मातोश्री' पहुंचे. यह वही आवास है जहाँ शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे रहते हैं. राज ठाकरे यहाँ अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने आए. लेकिन इस मुलाकात के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.

राज ठाकरे के साथ MNS के वरिष्ठ नेता बाला नांदगांवकर और नितिन सरदेसाई भी मौजूद थे. उद्धव ठाकरे ने गर्मजोशी से राज ठाकरे को गले लगाया और उनकी पीठ थपथपाई. दोनों भाइयों ने बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर के सामने खड़े होकर एक साथ फोटो भी खिंचवाई. एक अन्य तस्वीर में राज ठाकरे उद्धव ठाकरे को फूलों का गुलदस्ता भेंट करते नजर आए. हालांकि, केक काटते वक्त की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें राज ठाकरे नजर नहीं आए. यह स्पष्ट नहीं है कि वह उस समारोह का हिस्सा बने या नहीं. लेकिन उनकी 'मातोश्री' में मौजूदगी अपने आप में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है.

पार्टी नेता ने बताया ख़ुशी का दिन 

शिवसेना UBT के नेता अरविंद सावंत ने इस मुलाकात को 'खुशी का दिन' बताया. उन्होंने कहा, "राज ठाकरे यहां सिर्फ जन्मदिन की बधाई देने नहीं आए. यह संकेत है कि दोनों भाई अब महाराष्ट्र के हित के लिए साथ आ रहे हैं."शिवसेना नेता भास्कर जाधव ने कहा कि यह एक सकारात्मक संकेत है. उन्होंने उम्मीद जताई कि जब राज ठाकरे का जन्मदिन होगा, तो उद्धव ठाकरे भी उन्हें शुभकामनाएं देने जरूर जाएंगे. गौरतलब है कि यह 20 साल में दूसरी बार है जब उद्धव और राज ठाकरे को एक साथ सार्वजनिक रूप से देखा गया. इससे पहले 2005 में राज ठाकरे ने उद्धव से मतभेदों के चलते शिवसेना छोड़ दी थी और अपनी अलग पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया था. इसके बाद से दोनों नेता चुनावी राजनीति में आमने-सामने रहे हैं.

कुछ दिनों पहले साझा किया था मंच 

हाल ही में, 5 जुलाई को, दोनों नेता पहली बार एक साझा मंच पर नजर आए थे. यह मंच था हिंदी भाषा के विरोध में निकाली गई 'विजय रैली' का. उस समय उद्धव ठाकरे ने संकेत दिया था कि वे आगामी मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव साथ मिलकर लड़ सकते हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात सिर्फ एक पारिवारिक शिष्टाचार नहीं है. महाराष्ट्र की बदलती राजनीतिक परिस्थितियों के बीच यह संकेत हो सकता है कि आने वाले दिनों में ठाकरे बंधु एक बार फिर साथ खड़े दिखें.

राहुल गांधी ने दी बधाई 

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उद्धव को जन्मदिन पर बधाई देते हुए एक्स पर लिखा, 'शिवसेना अध्यक्ष और INDIA गठबंधन के साथी उद्धव ठाकरे जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई. आप स्वस्थ रहें, दीर्घायु हों, और महाराष्ट्र के लोगों के हितों और अधिकारों की लड़ाई हम साथ-साथ लड़ेंगे.'

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अब जबकि ठाकरे भाइयों के बीच रिश्तों में गर्मजोशी लौटती दिख रही है, राजनीतिक गलियारों में इसे अहम संकेत माना जा रहा है. शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत का कहना है कि महाराष्ट्र की जनता चाहती है कि राज और उद्धव ठाकरे एक साथ चुनावी मैदान में उतरें. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि MVA या INDIA गठबंधन स्थानीय निकाय चुनावों के लिए आवश्यक नहीं हैं, क्योंकि ये गठबंधन मुख्यतः लोकसभा और विधानसभा जैसे बड़े चुनावों के लिए बने हैं. ऐसे में अटकलें तेज़ हैं कि आने वाले बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव में दोनों ठाकरे भाई पहली बार एकजुट होकर उतर सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है.

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