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MP के इंदौर में अजीबोगरीब वारदात, रिश्वत नहीं देने पर बम से उड़ा दी 4 मंजिला इमारत

इंदौर शहर से एक अजीबोगरीब वारदात सामने आई है. जहां रिश्वत ना देने पर 4 मंजिला इमारत को बम से उड़ा दिया गया है. नगर निगम की ओर से चार दिन पहले की गई कार्रवाई के बाद अब इमारत के मालिक की तरफ से यह बड़ा दावा किया गया है.

इंदौर शहर से एक अजीबोगरीब वारदात सामने आई है. जहां रिश्वत ना देने पर 4 मंजिला इमारत को बम से उड़ा दिया गया है. नगर निगम की ओर से चार दिन पहले की गई कार्रवाई के बाद अब इमारत के मालिक की तरफ से यह बड़ा दावा किया गया है. 

रिश्वत ना दी तो उड़ा दी बिल्डिंग 

इंदौर में नगर निगम की ओर से चार दिन पहले कार्रवाई की गई थी. इसके बाद अब इमारत के मालिक ने दावा किया है कि इमारत के निर्माण के लिए उनसे 5 लाख रुपये की रिश्वत ली जा चुकी थी और 15 लाख रुपये की फिर से डिमांड की गई थी. इससे इनकार करने पर बारूद लगाकर उड़ा दिया गया. मेयर ने पूरे मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन की बात कही है. 

इंदौर नगर निगम ने योजना क्रमांक 54, पीयू-4 में नाले से 9 मीटर की दूरी के दायरे में बनाई गई चार मंजिला बिल्डिंग को पहले तो पोकलेन के माध्यम से तोड़ा और फिर बाद में बम लगाकर उड़ा दिया. अब इमारत के मालिक डॉ. इजहार मुंशी ने कहा कि वह इस इमारत में अस्पताल खोलना चाहते थे. उन्होंने नक्शा भी पास करवाया था, लेकिन रिश्वत वाली डिमांड पूरी नहीं करने की वजह से इसे गिरा दिया गया है. डॉ. इजहार मुंशी स्वास्थ्य विभाग में मेडिकल ऑफिसर के पद पर नियुक्त थे. 31 मई 2025 को वह रिटायर हो चुके हैं. 

कैलाश विजयवर्गीय को लिखा लेटर, पास किया गया गलत नक्शा 

निगम आयुक्त ने जोनल कार्यालय के क्षेत्र में तैनात भवन अधिकारी और भवन निरीक्षक का ट्रांसफर कर दिया है. महापौर परिषद के सदस्य और भवन अनुज्ञा शाखा के प्रभारी राजेश उदावत ने प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को लेटर लिखकर कहा है कि गलत तरीके से इस भवन का नक्शा मंजूर करने वाले इंजीनियर असित खरे को ही अब इस जोनल कार्यालय पर पदस्थ कर दिया गया है. भवन अधिकारी के रूप में उन्होंने गलत नक्शा पास किया गया था. उन्होंने खरे और कंसल्टेंट इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. 

निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने इस मामले में इस जोनल कार्यालय के भवन अधिकारी और भवन निरीक्षक को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच करने के लिए आवाज उठाई है. उनका कहना है कि इंजीनियरों को जोनल कार्यालय से हटकर अन्य स्थान पर तैनात कर देना कोई कार्रवाई नहीं है, बल्कि पूरे मामले की गड़बड़ी से ध्यान हटाने की कोशिश है. इंदौर के मेयर पूषयमित्र भार्गव ने कहा, 'वह मकान जिस तरह से तोड़ा गया है उसमें कई प्रश्न चिह्न हैं. इसमें जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मैंने मकान मालिक से कहा है कि वह लिखित में शिकायत दें. उनके पास जो तथ्य हैं वह दें, उसकी जांच करेंगे. जिन परिस्थितियों में वह मकान टूटा है, जिस तरह नियमों का पालन करके किसी मकान को तोड़ा जाना है, वह पहली नजर में नहीं दिख रहा है. वह मकान बना कैसे, यदि वहां के बीओ, बीआई समय पर काम करते तो इतनी बड़ी इमारत नहीं बनती. आईडीए का प्लॉट लिया किसी ने, नक्शा पास कराया था. नक्शे के विपरीत कुछ बना था तो उतना ही तोड़ना था. 

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