यूपी में बनेगा नया शहर... CM योगी ने ग्रेटर गाजियाबाद बनाने का किया ऐलान, जानें कौन सी नगर पालिकाएं होंगी शामिल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को गाजियाबाद दौरे के दौरान ‘ग्रेटर गाजियाबाद’ की योजना को धरातल पर उतारने की घोषणा की. इस योजना के तहत लोनी, खोड़ा मकनपुर और मुरादनगर नगर पालिकाओं को गाजियाबाद नगर निगम में शामिल किया जाएगा.
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को गाजियाबाद दौरे के दौरान ‘ग्रेटर गाजियाबाद’ की योजना को धरातल पर उतारने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि गाजियाबाद के शहरी विस्तार और बेहतर कानून व्यवस्था के लिए यह जरूरी कदम है. इस योजना के तहत लोनी, खोड़ा मकनपुर और मुरादनगर नगर पालिकाओं को गाजियाबाद नगर निगम में शामिल किया जाएगा.
सीएम योगी ने गाजियाबाद में सार्वजनिक प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद कहा, "यह सही समय है जब शहर के दायरे का विस्तार किया जाए। ग्रेटर नोएडा की तर्ज़ पर ग्रेटर गाजियाबाद को विकसित किया जाएगा ताकि शहरी विकास योजनाएं प्रभावी ढंग से लागू की जा सकें." मुख्यमंत्री यहां सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सीईएल के डेटा सेंटर की आधारशिला रखने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि शहरीकरण की दिशा में यह योजना गाजियाबाद के विकास को नई दिशा देगी.
सीएम योगी ने दी जानकारी
ग्रेटर गाजियाबाद योजना का ऐलान करते हुए सीएम योगी ने कहा कि यह शहर अब विकास के एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है. उन्होंने कहा कि बीते आठ वर्षों में गाजियाबाद ने बुनियादी ढांचे, कानून-व्यवस्था और स्वच्छता के क्षेत्र में प्रगति की है. मुख्यमंत्री ने कहा, “दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, रैपिड रेल और हिंडन सिविल टर्मिनल जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स यहां पूरे हो चुके हैं. अब वक्त आ गया है कि शहर की सीमाएं बढ़ाई जाएं ताकि अधिक से अधिक नागरिकों तक बेहतर सुविधाएं पहुंचाई जा सकें.” सीएम योगी ने यह भी कहा कि एक समय था जब गाजियाबाद गैंगवार और अपराध के लिए बदनाम था, लेकिन अब यह शहर विकास का प्रतीक बन गया है. उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था में सुधार ने गाजियाबाद की छवि को पूरी तरह बदल दिया है. बताते चलें कि पिछले साल अगस्त में उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में ‘ग्रेटर गाजियाबाद’ के प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी. इस प्रस्ताव में लोनी, खोड़ा मकनपुर और मुरादनगर की नगर पालिकाओं को गाजियाबाद नगर निगम में शामिल करने की बात कही गई थी. इस विलय से सड़कों, जलापूर्ति, सीवरेज, बिजली और व्यापार जैसे बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे. इससे इन क्षेत्रों का समग्र और समान विकास सुनिश्चित किया जा सकेगा.
ग्रेटर गाजियाबाद को लेकर नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “गाजियाबाद दिल्ली-एनसीआर का अभिन्न हिस्सा है. ऐसे में शहर की सीमाओं का विस्तार शहरी विकास की दिशा में एक जरूरी और लाभकारी निर्णय है. यह न सिर्फ मौजूदा सुविधाओं को सुदृढ़ करेगा, बल्कि भविष्य में बढ़ती जनसंख्या के लिए भी बेहतर जीवनशैली सुनिश्चित करेगा.”
तेजी से आगे बढ़ रही योजना
उत्तर प्रदेश सरकार अब गाजियाबाद को ‘ग्रेटर’ शहर के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है. ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर फरीदाबाद की तर्ज पर अब गाजियाबाद को भी आधुनिक शहरी सुविधाओं और नियोजित ढांचे के साथ विकसित किया जाएगा. राज्य सरकार का उद्देश्य है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शामिल सभी शहरों को भविष्य की जरूरतों के अनुसार ढाला जाए. इसके तहत यातायात, आवास, रोजगार और बुनियादी ढांचे का संतुलित और समेकित विकास सुनिश्चित किया जाएगा.
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क्यों पड़ रही नए शहर बनाने की जरूरत
भारत जैसे तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ते देश में नए शहरों की योजना केवल भविष्य की जरूरत नहीं, बल्कि वर्तमान की प्राथमिकता बन चुकी है. बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिक विस्तार और बदलती जीवनशैली की मांगों को देखते हुए अब सरकारें योजनाबद्ध तरीके शहरों का विकास कर रही हैं. जानकारों का मानना है कि नए शहरों की स्थापना केवल आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और सामरिक दृष्टिकोण से भी अहम है. शहरी नियोजन में एक स्पष्ट विजन की आवश्यकता होती है. यह तय करना जरूरी है कि नया शहर किस उद्देश्य से विकसित किया जा रहा है. क्या वह स्मार्ट सिटी होगा, औद्योगिक हब, या एक पर्यावरण-अनुकूल ग्रीन सिटी? इस विजन के आधार पर ही शहर के बुनियादी ढांचे, यातायात प्रणाली, ऊर्जा आपूर्ति, जल प्रबंधन और नागरिक सेवाओं की रूपरेखा तैयार की जाती है. यही वजह है कि यूपी की योगी सरकार ने देश की राजधानी दिल्ली से सेट नोएडा के साथ-साथ अब गाजियाबाद के विस्तार के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध दिखाई दे रही है.
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