अलीगढ़ में मीट व्यापारियों पर हमले में कार्रवाई का विरोध, SSP ऑफिस पर हंगामा, पुलिस कप्तान बोले- दबाव नहीं बना पाओगे
यूपी के अलीगढ़ में 4 मीट विक्रेताओं की मॉब लिंचिंग के आरोप में 4 लोगों की गिरफ्तारी कर ली गई. इसके विरोध में प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘गांव के कई निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाया गया है.’ जिसपर SSP ने साफ कर दिया कि मुझ पर दबाव बनाना चाह रहे हैं, नहीं बना पाएंगे.

यूपी के अलीगढ़ में 24 मई को 4 मीट विक्रेताओं पर हमला हुई. उन पर गोमांस बेचने का आरोप था. अब मीट व्यापारियों के साथ हुई मारपीट के मामले में नया मोड़ आ गया है. लैब रिपोर्ट में गौमांस की पुष्टि नहीं हुई. लेकिन इसके बाद पुलिस ने एक पक्ष के चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इस कार्रवाई के विरोध में कई संगठनों ने SSP कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. हंगामा कर रहे लोगों से SSP संजीव सुमन ने साफ कहा ‘इस तरह से आप लोग मुझ पर दबाव बनाना चाह रहे हैं, नहीं बना पाएंगे.’
मीट व्यापारियों की मॉब लिंचिंग में हिंदूवादी संगठनों के 4 युवकों को जेल भेजने के विरोध में आज अलीगढ़ SSP दफ्तर पर प्रदर्शन हुआ।
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) June 2, 2025
SSP संजीव सुमन ने हिन्दू संगठनों से साफ कहा– "इस तरह से आप लोग मुझ पर दबाव बनाना चाह रहे हैं, नहीं बना पाएंगे"
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प्रशासन पर पक्षपात का आरोप
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘गांव के कई निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाया गया है.’ प्रदर्शनकारियों की मांग है कि असली दोषियों पर ही कार्रवाई हो. प्रदर्शन के दौरान एसएसपी संजीव सुमन खुद बाहर आए और प्रदर्शनकारियों को समझाते हुए कहा कि कानून व्यवस्था बिगड़ी तो इसकी जिम्मेदारी आपकी होगी. उन्होंने कहा कि जबरदस्ती दबाव बनाने की कोशिश सफल नहीं होगी. बातचीत करनी है तो शांतिपूर्ण ढंग से ऑफिस में आइए.
प्रदर्शन के दौरान हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक कुमार पांडे ने कहा कि प्रशासन की नाकामी के कारण यह घटना हुई. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने कई निर्दोष ग्रामीणों को परेशान किया है. हरीश जादौन ने भी पुलिस की जांच पर सवाल उठाए और निष्पक्ष जांच की मांग की. पुलिस फिलहाल अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है और मामले की जांच जारी है.
मीट व्यापारियों के साथ हुई मारपीट
बता दें, अलीगढ़ के अलहदादपुर में 25 मई को खुद को गौरक्षक बताने वाले संगठनों के लोगों ने चार युवकों को बेरहमी से पीटा था. इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने उनके ट्रक में आग भी लगा दी थी. कथित गौरक्षकों का आरोप था कि युवक अपनी गाड़ी से प्रतिबंधित मीट लेकर जा रहे थे. अगर पुलिस फोर्स समय पर न पहुंचती तो इनकी जान भी जा सकती थी.