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धरती पर लौटीं Sunita Williams का सनातनी प्रेम देख कर आप भी दंग रह जाएंगे !

Sunita Williams भले ही अमेरिकी एस्ट्रोनॉट हों लेकिन उनकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं और उनकी रगों में सनातन धर्म की ताकत दौड़ती है… यही वजह है कि सुनीता विलियम्स अपने साथ भगवान गणेश जी की मूर्ति भी अंतरिक्ष में ले गई थीं… तो वहीं महाकुंभ के दौरान जब पूरी दुनिया से सनातनी श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा रहे थे… तो उस दौरान भी सुनीता विलियम्स का सनातनी रूप देखने को मिला ! #sunitawilliams #yogi #space

20 Mar, 2025
( Updated: 04 Dec, 2025
04:23 AM )
धरती पर लौटीं Sunita Williams का सनातनी प्रेम देख कर आप भी दंग रह जाएंगे !

भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स साल 2024 के जून महीने में तीन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ सिर्फ 8 दिन के जॉइंट क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन पर गई थीं, जिसका मकसद था बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को टेस्ट करना, लेकिन कुछ तकनीकी गड़बड़ी की वजह से महज आठ दिन का ये मिशन नौ महीने तक जा पहुंचा और अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन यानी ISS में करीब नौ महीने गुजारने के बाद 18 मार्च की सुबह सुनीता विलियम्स धरती पर लौट सकीं, जिससे अमेरिका ही नहीं भारत में भी जबरदस्त खुशी देखी गई क्योंकि सुनीता विलियम्स भले ही अमेरिकी एस्ट्रोनॉट हों, लेकिन उनकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं और उनकी रगों में सनातन धर्म की ताकत दौड़ती है, यही वजह है कि सुनीता विलियम्स अपने साथ भगवान गणेश जी की मूर्ति भी अंतरिक्ष में ले गई थीं, तो वहीं महाकुंभ के दौरान जब पूरी दुनिया से सनातनी श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा रहे थे, तो उस दौरान भी सुनीता विलियम्स का सनातनी रूप देखने को मिला

दरअसल 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में जब महाकुंभ मेला लगा था, उस दौरान देश दुनिया से लोग संगम में डुबकी लगाने के लिए महाकुंभ पहुंच रहे थे, तो वहीं इसी दौरान सुनीता विलियम्स की चचेरी बहन फाल्गुनी पांड्या भी संगम में डुबकी लगाने पहुंचीं थीं, जिसका जिक्र करते हुए फाल्गुनी पांड्या ने एक इंटरव्यू में बताया, जब मैंने कुंभ मेले की अपनी तस्वीरें उनके साथ साझा कीं तो उन्होंने मुझे अंतरिक्ष से ली गई एक तस्वीर भेजी, जो कुंभ मेले की एक यादगार तस्वीर थी

महाकुंभ के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से भी सुनीता विलियम्स के महाकुंभ प्रेम का जिक्र करते हुए एक ट्वीट में बताया गया

 महाकुम्भ की तस्वीरें लाईं, सुनीता विलियम्स को बधाई, वसुधैव कुटुम्बकम् की पुनीत भावना फिर हुई साकार, महाकुम्भ की तस्वीरों के साथ 9 महीने बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से सुरक्षित धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स, जब पूरी दुनिया की सांसें सुनीता को देखने के लिए तरस रही थीं, तब ISS से सुनीता विलियम्स प्रयागराज की धरती पर चल रहे महाकुम्भ को निहार रही थीं और इसकी तस्वीरें ले रही थीं, सुनीता विलियम्स ने ये तस्वीरें अपनी बहन फाल्गुनी पंड्या को भेजी थीं, धरती से अंतरिक्ष तक विश्व कल्याण की कामना के साथ संपन्न हुआ मानवता का महाकुम्भ पूरे विश्व को दे रहा है यही संदेश

महाकुंभ के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से किये गए एक और ट्वीट में लिखा गया

महाकुंभ आ नो भद्राः क्रतवोयन्तु विश्वतः ऋग्वेद के इस मंत्र के साथ संपन्न हुए प्रयागराज महाकुम्भ का यही सार है कि हमें सर्वत्र सभी ओर से कल्याणकारी विचार मिलें, सभी प्राणियों का कल्याण हो, भारतीय संस्कृति के मूल का यही भाव अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने हृदय में समेटे रहीं, सुनीता विलियम्स ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से महाकुम्भ की तस्वीरें लीं और अपने परिजनों को भेजीं, भारत की बेटी ने महाकुम्भ और वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को फिर किया साकार

योगी राज में पहली बार प्रयागराज में लगे महाकुंभ मेले में 65 करोड़ से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी, जो लोग धरती पर थे, वो सीधे संगम तट पर पहुंच कर महाकुंभ में डुबकी लगा रहे थे, तो वहीं सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष से ही महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता को निहार रही थीं, इतना ही नहीं, सुनीता विलियम्स जब अंतरिक्ष में जा रही थीं, तो इस दौरान अपने साथ भगवान गणेश की मूर्ति भी ले गई थीं, जिसकी एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर आई थी, जिसमें भगवान गणेश की एक छोटी सी मूर्ति अंतरिक्ष में तैरती हुई नजर आई थी, इसी बात से समझ सकते हैं कि सुनीता विलियम्स भले ही एक अमेरिकी एस्ट्रोनॉट हों, लेकिन उनकी रगों में सनातन धर्म की ताकत दौड़ रही है

धरती पर लौटीं सुनीता, क्या बोले मोदी ?

नौ महीने बाद सुनीता विलियम्स अपने साथी एस्ट्रोनॉट के साथ अंतरिक्ष से सुरक्षित धरती पर लौटीं तो भारत में भी जबरदस्त खुशी देखने को मिली, पीएम मोदी ने खुद एक ट्वीट में अपनी खुशी का इजहार करते हुए लिखा

आपका स्वागत है, क्रू9, धरती ने आपको मिस किया, यह उनके धैर्य, साहस और असीम मानवीय भावना की परीक्षा रही है, सुनीता विलियम्स और #Crew9 अंतरिक्ष यात्रियों ने एक बार फिर हमें दिखाया है कि दृढ़ता का वास्तव में क्या मतलब है, उनका अटूट दृढ़ संकल्प हमेशा लाखों लोगों को प्रेरित करेगा, अंतरिक्ष अन्वेषण का मतलब है मानवीय क्षमता की सीमाओं को आगे बढ़ाना, सपने देखने का साहस करना और उन सपनों को हकीकत में बदलने का साहस रखना, सुनीता विलियम्स, एक पथप्रदर्शक और एक आइकन ने अपने पूरे करियर में इस भावना का उदाहरण दिया है, हमें उन सभी पर बहुत गर्व है जिन्होंने उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए अथक परिश्रम किया, उन्होंने दिखाया है कि जब सटीकता जुनून से मिलती है और तकनीक दृढ़ता से मिलती है तो क्या होता है।

आपको बता दें भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स का जन्म भले ही अमेरिका में हुआ हो, लेकिन उनका परिवार गुजरात के मेहसाणा जिले का रहने वाला है, इसी जिले के कड़ी तहसील में एक गांव है झूलासन जहां, सुनीता विलियम्स के पापा रहा करते थे, लेकिन वर्षों पहले वो गुजरात छोड़ कर अमेरिका में बस गए, हालांकि उनके परिवार के लोग आज भी इसी झूलासन गांव में रहते हैं, वैसे एक बात और आपको बता दें, जिस मेहसाणा में सुनीता विलियम्स का परिवार रहता था, उसी मेहसाणा जिले में पीएम मोदी का भी घर है, भारत से गहरा नाता होने की वजह से पीएम मोदी ने एक मार्च को पत्र लिख कर सुनीता विलियम्स को भारत आने का न्योता भी दिया था, बहरहाल अंतरिक्ष से लौटीं सुनीता विलियम्स भारत कब आती हैं ये तो फिलहाल वक्त बताएगा।



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