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‘योगी सत्ता का गुलाम नहीं...’ क्या है योगी आदित्यनाथ के इस बयान के मायने

हाल के दिनों में योगी आदित्यनाथ का बार बार अपने मठ का जिक्र करना राजनीतिक गलियारों में शोर मचा रहा है। माना जा रहा है कि ये जनता के लिए नहीं बल्कि ये एक मैसेज है BJP आलाकमान से लेकर उन नेताओं के लिए जो योगी आदित्यनाथ को उनकी कुर्सी से हटाना चाहते है। पूरी खबर देखिए इस रिपोर्ट में

04 Sep, 2024
( Updated: 04 Sep, 2024
03:48 PM )
‘योगी सत्ता का गुलाम नहीं...’ क्या है योगी आदित्यनाथ के इस बयान के मायने

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) , एक ऐसा नाम जिनके ईर्द-गिर्द बीजेपी की राजनीति घूमती है। जिनके एक बयान से यूपी से लेकर दिल्ली तक तहलका मच जाता है। हाल के दिनों में उन्हीं के राजनीतिक भविष्य को लेकर संशय बना हुआ है। कभी खबर आती है कि योगी को यूपी की कुर्सी से हटाया जा सकता है, तो कभी खबर आती है कि यह मात्र एक अफवाह है। लेकिन कहते हैं न, आग भी वहीं लगती है जहां चिंगारी उठती है। अगर ऐसी अफवाहें सामने आ रही हैं कि योगी से यूपी की कमान छीनी जा सकती है, तो इसमें कहीं न कहीं कुछ प्रतिशत ही सही, सच्चाई तो होगी ही। योगी के राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलों का बाजार लोकसभा चुनाव के समय से ही शुरू हो गया था।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर कई विपक्षी दलों के नेताओं ने इस बार को बड़े जोर-शोर से उठाया था कि योगी आदित्यनाथ को उनकी कुर्सी से बेदखल कर दिया जाएगा। बीजेपी आलाकमान एक नए चेहरे की तलाश में है जो योगी की जगह ले सके।

लोकसभा चुनाव खत्म हुआ और रिजल्ट सामने आया, जिसने सभी को चौंका दिया। यूपी में बीजेपी को एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद से यह चर्चाएं जोर पकड़ने लगीं कि अब आगे क्या होगा। इसी बीच लखनऊ में बीजेपी कार्यसमिति की बैठक हुई, जिसमें भी बीजेपी के अंतरकलह को साफ तौर पर देखा गया। ऐसे में योगी आदित्यनाथ को फ्रंटफुट से हटा कर बैकफुट पर करने की कोशिशों ने जोर पकड़ लिया। कई बार खबरें सामने आईं कि हो सकता है कि 2027 के विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ को बीजेपी अपना चेहरा न बनाए। बार-बार योगी आदित्यनाथ के एक बयान ने भी इस बात को खूब जोर दिया।

विधानसभा के सत्र के दौरान योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ बारिश वाले मामले पर अपनी बात रखते हुए मठ का जिक्र किया था।इसके बाद एक बार फिर योगी आदित्यनाथ ने मठ का जिक्र करते हुए सत्ता को लेकर बड़ा बयान दे दिया है।

योगी आदित्यनाथ का बार-बार यह कहना कि सत्ता उनके लिए कोई मायने नहीं रखती, उनके लिए मठ के आगे सत्ता का कोई अर्थ नहीं है। कुल मिलाकर देखा जाए तो योगी आदित्यनाथ यह बताने या कह लें कि एक मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं कि यूपी की सत्ता के साथ-साथ उनके पास एक और कुर्सी है, वह है उनका मठ, जिनके वे महंत हैं। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि योगी का बार-बार मठ का जिक्र करना एक मैसेज है आलाकमान के लिए कि उनकी कुर्सी से उन्हें हिलाना एक बड़ी भूल होगी। योगी बार-बार यह याद दिलाने की कोशिश करते हैं कि बीजेपी में अगर कोई नेता सनातन और हिंदुत्व का चेहरा है, तो वह योगी आदित्यनाथ हैं। यूपी में बीजेपी की वजह से योगी नहीं, योगी की वजह से बीजेपी है।





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