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650 करोड़ का हाईटेक सचिवालय, फिर भी CM क्यों निकल गए बाहर? वजह चौंका देगी

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी इन दिनों चर्चा में है. वजह है उनका पुलिस कमांड सेंटर से काम करना. रेंवत रेड्डी ने सचिवालय छोड़ दिया है जबकि वह भव्य CM ऑफिस के साथ-साथ तमाम हाईटेक तकनीक से लैस है. फिर अचानक ऐसा क्या हुआ जो इस आलीशान इमारत से CM रेड्डी ने किनारा कर लिया. जानिए

21 Sep, 2025
( Updated: 21 Sep, 2025
06:13 PM )
650 करोड़ का हाईटेक सचिवालय, फिर भी CM क्यों निकल गए बाहर? वजह चौंका देगी
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ईंट, पत्थर, चूना, पेंट, घर बनाते समय उसके कोने-कोने की प्लानिंग पहले ही कर ली जाती है. साथ-साथ वास्तु दोष का भी खास ध्यान रखा जाता है लेकिन अब लगता है सरकारी इमारतों को बनाने से पहले भी वास्तु दोष का गहनता से अध्ययन करना पड़ेगा. नहीं तो माननीय काम नहीं करेंगे. बात हो रही है तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की. जिन्होंने वास्तु दोष के कारण सचिवालय में काम करना छोड़ दिया. 

कांग्रेस शासित तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी इन दिनों चर्चा में है. वजह है उनका सचिवालय की नई बिल्डिंग में नहीं बैठना. वह अपने ज्यादातर काम बंजारा हिल्स के तेलंगाना पुलिस कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से कर रहे हैं. माना जा रहा है सचिवालय की नई बिल्डिंग में कुछ वास्तु दोष है. 

कब बनी थी तेलंगाना सचिवालय की नई बिल्डिंग? 

साल 2023 में तेलंगाना के तत्कालीन मुख्यमंत्री कुमार चंद्रशेखर राव(केसीआर) ने सचिवालय की नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया था. यह बिल्डिंग 650 करोड़ रुपए में बनी है. इस 7 मंजिला इमारत में CM रेवंत के भव्य दफ्तर के साथ-साथ मंत्रियों, मुख्य सचिवों और सरकारी ऑफिसर के दफ्तर हैं. हालांकि इस बिल्डिंग का निर्माण करवाने वाले केसीआर चुनाव हार गए थे. 

पुरानी बिल्डिंग में भी था वास्तु दोष

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व CM केसीआर ने भी वास्तु दोष के चलते ही सचिवालय की नई बिल्डिंग का निर्माण करवाया जा रहा है. केसीआर का मानना था कि सचिवालय की पुरानी बिल्डिंग के निर्माण में वास्तु दोष का ध्यान नहीं रखा गया. ये ही वजह है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में सचिवालय से बेहद कम काम किया. जानकारी के मुताबिक, केसीआर अपने दो कार्यकाल यानी 10 साल में केवल 24 बार ही सचिवालय आए. उन्होंने ज्यादातर काम अपने कैंप ऑफिस और मुख्यमंत्री आवास से किया. 
जब केसीआर नई बिल्डिंग का निर्माण करवा रहे थे तब कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इसे फिजूलखर्ची बताते हुए विरोध किया था. 


एंट्री गेट का खेल और अशांति 

सूत्रों के मुताबिक, सचिवालय की बिल्डिंग का एंट्री गेट पहले पूर्व दिशा की ओर था. बाद में इसे बंद करवाकर पूर्व CM केसीआर ने दक्षिण पूर्व में कर दिया. बताया गया कि, CM रेड्डी को सचिवालय की नई बिल्डिंग में काम करते समय अशांति महसूस हुई. इसके बाद उन्होंने जांच करवाई तो वास्तु दोष पाया गया. इसके बाद CM रेवंत रेड्डी ने हाई सिक्योरिटी वाले पुलिस कमांड सेंटर से काम करना ठीक समझा. 

क्या नई बिल्डिंग में हैं केसीआर के वफादार? 

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हिंदी अखबार दैनिक भास्कर ने मुख्यमंत्री के एक करीबी के हवाले से लिखा कि, सचिवालय में पूर्व CM केसीआर के वफादार आज भी मौजूद हैं. रेवंत रेड्डी की शुरूआती मीटिंग्स की कई जानकारी भी बाहर आई हैं. इसके बाद फोन टैपिंग मामले ने रेवंत रेड्डी के शक को और पुख्ता कर दिया. फिर वह ज्यादातर काम कमांड सेंटर से ही करने लगे. ऐसे में सवाल उठते हैं कि क्या वास्तु दोष ही रेवंत रेड्डी के सचिवालय छोड़ने की असली वजह है या फिर मामला कुछ और है? सवाल ये भी है कि 650 करोड़ की बिल्डिंग में अगर CM ही बैठने को तैयार नहीं है तो वह भवन किस काम का? आप इस मामले को कैसे देखते है नीचें कमेंट में बताएं 

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