UP के शिक्षा मंत्री ने ‘समिति’ को ‘श्रीमति’ पढ़ा तो कांग्रेस और सपा ने सरकार को घेरा !
Kalyan Singh के पोते Sandeep Singh को योगी सरकार में लगातार दूसरी बार मंत्री बनने का मौका मिला और बेसिक शिक्षा मंत्री जैसा बड़ा और जिम्मेदारी भरा पद संभाल रहे हैं लेकिन कुछ ही दिनों पहले सदन में उन्होंने कुछ ऐसा बोल दिया कि खुद शिक्षा मंत्री के साथ साथ योगी सरकार की भी फजीहत हो रही है !

प्रचंड बहुमत के साथ साल 2014 में जब बीजेपी सत्ता में आई। और नरेंद्र मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री देश की कमान संभाली थी तो उस वक्त उन्होंने स्मृति ईरानी को भी केंद्रीय मंत्री बनाया था। और उन्हें शिक्षा मंत्रालय की कमान सौंप दी थी।लेकिन मंत्रालय संभालते ही स्मृति ईरानी की डिग्री को लेकर ऐसा बवाल मचा कि विपक्ष ने मोदी सरकार का जीना दुश्वार कर दिया था। और महज एक साल बाद ही स्मृति ईरानी को शिक्षा मंत्री के पद से हटा दिया गया था।कुछ ऐसा ही विवाद अब यूपी में जोर पकड़ता नजर आ रहा जब सदन में शिक्षा मंत्री ने कुछ ऐसा बोल दिया। जिसके बाद तो योगी सरकार की खूब फजीहत होने लगी है।
दरअसल यूपी की जिस अतरौली विधानसभा सीट से बीजेपी के फायरब्रांड नेता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह दस बार विधायक रहे। उसी सीट से संदीप सिंह साल 2017 और 2022 में लगातार दूसरी बार जीत कर विधायक बने।और योगी सरकार में लगातार दूसरी बार मंत्री भी बने।क्योंकि संदीप सिंह कोई छोटे मोटे नेता नहीं हैं। कल्याण सिंह उनके दादा हैं और पूर्व मंत्री राजवीर सिंह उनके पिता। राजनीति में तगड़ा रसूख रखने की वजह से ही शायद योगी सरकार में उन्हें लगातार दूसरी बार मंत्री बनने का मौका मिला।और बेसिक शिक्षा मंत्री जैसा बड़ा और जिम्मेदारी भरा पद संभाल रहे हैं। लेकिन कुछ ही दिनों पहले सदन में उन्होंने कुछ ऐसा बोल दिया कि खुद शिक्षा मंत्री के साथ साथ योगी सरकार की भी फजीहत हो रही है।
बात यहीं खत्म नहीं होती। पत्र में लिखा था। रिश्वत ना देकर।और शिक्षा मंत्री संदीप सिंह पढ़ने लगे रिश्वत देकर। जिस पर उन्हें एक बार फिर टोकना पड़ा।
यूपी विधानसभा में पत्र पढ़ रहे शिक्षा मंत्री संदीप सिंह की ये दोनों वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। क्योंकि महज 24 सेकेंड की इस वीडियो में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह कोई पत्र देख कर पढ़ रहे हैं।और देख कर भी सही से नहीं पढ़ पा रहे हैं। कई बार उन्हें टोक कर बताया गया कि विधायी समाधिकारी श्रीमती नहीं। विधायी समाधिकार समिति लिखा है।
यूपी जैसे बड़े राज्य का शिक्षा मंत्री होने के बावजूद संदीप सिंह एक पत्र नहीं पढ़ पा रहे हैं। वो भी देख कर। जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर उनके साथ ही योगी सरकार की भी खूब फजीहत हो रही है। पत्रकार गोविंद प्रताप सिंह ने तंज मारते हुए लिखा "ये यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री हैं, नाम है संदीप सिंह, बाकी सुन लीजिये क्या लिखा है और क्या पढ़ रहे हैं"
मयंक शुक्ला नाम के एक यूजर ने तो लिखा " ये हमारे बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप लोधी जी हैं, मुझे नहीं लगता ये विधान परिषद जैसी जगह आने के पहले तैयारी भी करते होंगे, आज बेसिक शिक्षा की दशा भी इनकी हिंदी जैसी हो गई है, 7 वर्ष से बेसिक शिक्षा विभाग में योगी जी और संदीप लोधी ने कोई शिक्षक भर्ती नहीं की है, बेड़ागर्क है"
अभिनय नाम के एक यूजर ने लिखा " उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री संदीप सिंह हिंदी नहीं पढ़ पाते, फिर भी यूपी की शिक्षा उनके हाथ में ! परीक्षाओं का बुरा हाल, युवाओं का भविष्य दांव पर, क्या ऐसे अयोग्य लोग तय करेंगे करोड़ों युवाओं का भविष्य?
सपा प्रवक्ता मनोज यादव ने तो तंज मारते हुए लिखा " योगी जी की कैबिनेट में एक से बढ़कर एक रतन है, मिलिए योगी सरकार के शिक्षा मंत्री परम ज्ञानी संदीप सिंह जी से, मंत्री जी ने समिति को श्रीमती बना दिया। जोगीरा सा रा रा रा रा रा रा रा। बुरा मानो यह बीजेपी है"
यूपी कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल से लिखा गया" 'समिति' को 'श्रीमती' पढ़ने वाले ये महानुभाव यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह हैं, हमारा अनुरोध है कि सरकार शिक्षक भर्ती जल्दी निकाले ताकि बच्चों के साथ इन्हें भी शिक्षित करके कुछ पढ़ना-लिखना सिखाया जा सके"
समिति को श्रीमति पढ़ने वाले यूपी सरकार के शिक्षा मंत्री संदीप सिंह की सोशल मीडिया पर कुछ इसी तरह से फजीहत हो रही है। लोग तो यहां तक कहने लगे हैं कि योगी सरकार को उन्हें स्कूल भेजना चाहिए।तो वहीं हिंदी नहीं पढ़ पा रहे शिक्षा मंत्री संदीप सिंह की खुद की एजुकेशन के बारे में आपको बता दें। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर की डिग्री ली है। जबकि ब्रिटेन की लीड्स बेकेट यूनिवर्सिटी से पब्लिक रिलेशन एंड स्ट्रेटजिक कम्युनिकेशन में मास्टर की डिग्री हासिल की है। लेकिन इसके बावजूद सदन में हिंदी नहीं पढ़ पाए। जिसकी वजह से शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के साथ साथ योगी सरकार की भी फजीहत हो रही है।