Advertisement

…जब अखाड़े में उतर गए 2 सांसद, रवि किशन और विजय दुबे ने एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए लगा दिया पूरा जो, अब VIDEO हो रहा वायरल

एक वीडियो में गोरखपुर के सांसद रवि किशन शुक्ल और कुशीनगर के सांसद विजय दुबे अखाड़े में आमने-सामने दिखाई दे रहे हैं. जानकारी के मुताबिक यह वीडियो साल 2023 का है, जो अब दोबारा चर्चा में है.

Ravi Kishan/Vijay Dubey

नेताओं को चुनावी मैदान में पटखनी देते तो खूब देखा होगा, लेकिन क्या कभी सांसदों को कुश्ती के अखाड़े में उतरते देखा है? इन दिनों सोशल मीडिया पर बीजेपी के दो सांसदों का कुश्ती मुकाबला तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में गोरखपुर के सांसद रवि किशन शुक्ल और कुशीनगर के सांसद विजय दुबे अखाड़े में आमने-सामने दिखाई दे रहे हैं. जानकारी के मुताबिक यह वीडियो साल 2023 का है, जो अब दोबारा चर्चा में है.

दंगल में दिखा अनोखा नजारा

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में दशहरा के बाद लगे परंपरागत दंगल में इस बार अनोखा नज़ारा देखने को मिला. खड्डा क्षेत्र के मठिया गांव में आयोजित इस दंगल में पहलवानों की 30 जोड़ियों के बीच मुकाबले हुए, लेकिन सबसे ज़्यादा सुर्खियां तब बटोरीं जब अखाड़े में गोरखपुर के सांसद रवि किशन और कुशीनगर के सांसद विजय दुबे आमने-सामने उतर आए. कुर्ते-पायजामे में ही दोनों सांसदों ने ताल ठोंकी और एक-दूसरे से दो-दो हाथ किए. 95 साल पुरानी इस परंपरा में इस बार नेताओं का दंगल सबसे बड़ा आकर्षण बन गया.

क्या है वायरल वीडियो में?

वायरल वीडियो में गोरखपुर के सांसद रवि किशन और कुशीनगर के सांसद विजय दुबे अखाड़े में आमने-सामने दिखाई दे रहे हैं. रवि किशन ने दुबे को पटखनी देने के लिए एक के बाद एक दांव आज़माए, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद सफल नहीं हो सके. वहीं, विजय दुबे ने बेहतरीन डिफेंस करते हुए मुकाबला बराबरी पर रोक लिया.

एक-दूसरे को चारों खाने चित करने की भरपूर कोशिश

अखाड़े में दोनों सांसदों ने एक-दूसरे को चारों खाने चित करने की भरपूर कोशिश की. रवि किशन पूरे जोश के साथ आक्रामक खेले, तो विजय दुबे डिफेंस मोड में डटे रहे. लेकिन नतीजा बराबरी पर रहा. आखिरकार दोनों सांसदों ने गले मिलकर मुकाबले का समापन किया, और मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.

दरअसल, कुशीनगर सांसद विजय दुबे के गांव मठिया में यह परंपरागत दंगल पिछले 95 साल से हो रहा है. विजय दुबे के पूर्वजों ने दशहरा के अगले दिन दंगल की यह परंपरा शुरू की थी. आज भी यह मेला इलाके का बड़ा आकर्षण है, जहां दूर-दराज़ से पहलवान अखाड़े में अपना दमखम दिखाने पहुंचते हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE
अधिक →