एक की गलती, सबको सजा! ओडिशा में आदिवासियों ने जला डाला 'बांग्लादेशियों' का गांव, मलकानगिरी में तनाव, फोर्स तैनात
ओडिशा के मलकानगिरी में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है. यहां अपने समुदाय की एक विधवा महिला की संदिग्ध हत्या के शक में आदिवासियों की हथियारबंद भीड़ ने बांग्लादेशी मूल के लोगों के पूरे गांव में आग लगा दी और पूरी बस्ती को सजा देने की ठानी. प्रशासन ने इलाके में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की है. वहीं इंटरनेट पर भी अगले 24 घंटे के लिए बैन लगाया गया है.
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ओडिशा के मलकानगिरी जिले में तनाव पैदा हो गया है. दरअसल, हथियारबंद आदिवासियों की भीड़ ने बांग्लादेशी मूल के रहने वाले गांव में आग लगा दी है. कहा जा रहा है कि ये हमला सोमवार तड़के किया गया. जानकारी के मुताबिक अपने समुदाय की एक लापता महिला की सिर कटी लाश मिलने के बाद भीड़ का गुस्सा भड़क गया. प्रशासन ने पूरे इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी है. वहीं इंटरनेट पर भी 24 घंटे के लिए बैन लगा दिया गया है. इसके अलावा जिले और घटनास्थल के इर्द-गिर्द अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.
अधिकारियों के मुताबिक आदिवासी महिला की निर्मम हत्या से गुस्साई भीड़ ने एमवी-26 बस्ती के करीब 150 घरों को आग के हवाले कर दिया. उनका आरोप है कि राखलगुडा गांव की निवासी लेक पदियामी (51) की इसी बस्ती के लोगों ने हत्या की थी. विधवा महिला पदियामी का शव हत्या उपरांत बाद में एक नदी के किनारे से बरामद किया गया था.
मलकानगिरी में इंटरनेट बैन
पुलिस प्रशासन के मुताबिक ओडिशा के मलकानगिरी जिले में इंटरनेट बंद कर दिया गया है, क्योंकि जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति, खासकर एमवी-26 गांव में, सोमवार को और बिगड़ गई. यह घटना दुदुमेटला के पास पोटेरू नदी से एक महिला की लाश मिलने से जुड़ी अशांति के बाद हुई. डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के ऑफिशियल एक्स हैंडल ने एक पोस्ट में लिखा, "आम लोगों को यह बताया जाता है कि आज शाम 6 बजे से अगले 24 घंटों के लिए पूरे जिले में इंटरनेट सर्विस बंद रहेंगी."
पुलिस का फ्लैग मार्च!
डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने बीएनएसएस एक्ट के सेक्शन 163 के तहत इलाके में रोक भी लगा दी है. हालात सामान्य करने के लिए मलकानगिरी पुलिस ने फ्लैग मार्च किया. मलकानगिरी के पुलिस सुपरिटेंडेंट विनोद पाटिल एच ने सभी लोगों से शांत रहने और किसी भी तरह की हिंसा से बचने की अपील की है.
क्या है पूरा मामला?
खबर है कि पारंपरिक हथियारों से लैस 5 हजार से ज्यादा आदिवासी लोग पास के एमवी-25 गांव में इकट्ठा हुए और जमावड़े के कुछ हिस्से हिंसक हो गए. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि गुस्साए लोगों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी, जिससे एमवी-26 और राखलगुडा गांवों के बीच पहले से मौजूद तनाव और बढ़ गया.
यह हिंसा राखलगुडा गांव की रहने वाली लेक पदियामी की हत्या से जुड़ी है, जिसकी बिना सिर वाली बॉडी करीब चार दिन पहले नदी से मिली थी. पीड़ित के लापता होने की रिपोर्ट कोरुकोंडा पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई थी. विरोध कर रहे आदिवासियों ने आरोप लगाया कि एमवी-26 गांव के सुका रंजन मंडल ने कथित तौर पर प्रॉपर्टी के झगड़े में मृतक पदियामी की हत्या कर दी.
एमवी-26 गांव में आदिवासियों ने लगाई आग!
इससे पहले बदमाशों ने कथित तौर पर एमवी-26 गांव में प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया और घास के ढेर और घरों में आग लगा दी, जिससे रविवार को हालात काफी बिगड़ गए. इसके बाद इलाके में जारी अशांति ने लोगों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. इसके जवाब में प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की 8 प्लाटून और बीएसएफ की दो प्लाटून तैनात की हैं.
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मलकानगिरी के पुलिस अधीक्षक विनोद पाटिल वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मौके पर मौजूद हैं और हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं. पुलिस ने संवेदनशील गांवों में गश्त और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है. अधिकारियों ने लोगों से शांत रहने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कानून लागू करने वाली एजेंसियों के साथ सहयोग करने की अपील की है.
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