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'...इसका मतलब है कि आतंकवादियों का भी धर्म होता है', पहलगाम हमले को लेकर भड़के RSS नेता इंद्रेश कुमार

'...इसका मतलब है कि आतंकवादियों का भी धर्म होता है', पहलगाम हमले के दहशतगर्दों के धर्म को लेकर भड़के RSS नेता इंद्रेश कुमार

Created By: केशव झा
29 Apr, 2025
( Updated: 03 Jun, 2025
02:18 PM )
'...इसका मतलब है कि आतंकवादियों का भी धर्म होता है', पहलगाम हमले को लेकर भड़के RSS नेता इंद्रेश कुमार
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत इसके गुनहगारों पर कार्रवाई के सारे रास्ते खोज रहा है, कुछ कड़े फैसले लिए भी गए हैं और अन्य पर सोच-विचार किया जा रहा है. पिछले मंगलवार पाकिस्तान प्रायोजित आतंवाद में कुल 26 लोगों की मौत हो गई, जहां पर्यटकों से धर्म पूछकर उनकी हत्या की गई. इस नृशंस कत्लेआम के बाद एक बहस चल पड़ी कि क्या आतंकवाद का कोई धर्म होता भी है या नहीं? राजनीतिक बयानबाजी से इतर RSS के अल्पसंख्यकों से जुड़े अनुषांगिक संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) के मुख्य संरक्षक डॉ. इंद्रेश कुमार का बड़ा बयान सामने आया है. 

आतंकवादियों के धर्म पर इंद्रेश कुमार ने कह दी बड़ी बात 
डॉ. इंद्रेश कुमार ने पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों के बारे में बात करते हुए कहा कि इस घटना से पूरे देश जाग गया है. साथ ही उन्होंने इस थ्योरी को भी सिरे से खारिज कर दिया कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता. उन्होंने आगे कहा कि पहलगाम के शहीदों का खून व्यर्थ नहीं गया. इस त्रासदी के बाद पूरा देश एकजुट है और इस घटना से पूरा विश्व दुखी है. 

आतंकवादियों का धर्म नहीं तो जनाजे की नमाज़ क्यों? 
मुस्लिम मंच के संरक्षक ने आतंकवादियों के धर्म पर बात करते हुए कहा कि 'अगर आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता तो उनके लिए नमाज़-ए-जनाजा यानी जनाजे की नमाज़ क्यों पढ़ी जाती है? उन्होंने आतंकियों के जनाजे में आने वाली भीड़ की सोच पर भी सवाल उठाया और कहा कि अगर इऩका कोई धर्म नहीं है तो इतने लोग आतंकवादियों के जनाजे में क्यों शामिल होते हैं? 

आतंकवादियों का भी धर्म होता है: इंद्रेश कुमार
इंद्रेश कुमार ने कहा कि अगर आतंकियों के जनाजे में भीड़ आ रही है, नमाज-ए-जनाजा पढ़ी जा रही है, इसका मतलब है कि आतंकवादियों का कोई धर्म होता है. उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील करते हुए कहा कि मुसलमानों को आतंकियों के लिए जनाजे की नमाज पढ़ना बंद कर देना चाहिए, उनके जनाजे में भाग लेना भी बंद कर देना चाहिए. अगर यह कदम 30-40 साल पहले उठाया गया होता तो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद नहीं होता.

पहलगाम के पीड़ितों के लिए बने स्मारक
आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने पहलगाम में आतंकवादियों के हालिया हमले और 26 पर्यटकों की नृशंस हत्या की कड़ी निंदा की और शोक व्यक्त करते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों की याद में स्मारक बने ताकि आतंकवादियों की क्रूरता के बारे में पता चल सके, लोगों को याद रहे.

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