मोदी सरकार करने जा रही बड़ा बदलाव, चंडीगढ़ पर होगा अब केंद्र का कंट्रोल? भड़के विपक्ष ने खोला मोर्चा
Panjab: केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लाने वाली है जिसके तहत चंडीगढ़ को पंजाब के राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र से हटाकर अलग प्रशासक नियुक्त किया जाएगा.
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केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लाने जा रही है, जिसके तहत चंडीगढ़ को पंजाब के राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र से हटाकर एक अलग प्रशासक नियुक्त किया जाएगा. ये सब कुछ संविधान के अनुच्छेद-240 के तहत किया जाएगा. इस प्रस्ताव ने पंजाब की राजनीति को गरमा दिया है, विपक्ष का कहना है कि इसके ज़रिए केंद्र सरकार चंडीगढ़ पर अपना कंट्रोल करना चाहती है.
क्या है अनुच्छेद- 240?
भारतीय संविधान का आर्टिकल-240 राष्ट्रपति को कुछ विशेष क्षेत्रों (केंद्र शासित) के लिए नियम बनाने की शक्ति प्रदान करता है. वर्तमान में पंजाब के राज्यपाल ही चंडीगढ़ के प्रशासक होते हैं. अनुच्छेद-240 के तहत ही संशोधन के ज़रिए चंडीगढ़ को पंजाब के राज्यपाल के संवैधानिक दायरे से हटाकर एक अलग एलजी नियुक्त किया जाएगा. जिसके बाद राष्ट्रपति को सीधे क़ानून बनाने का अधिकार मिल जाएगा. यह व्यवस्था ठीक उसी तरह होगी जैसे अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप, दादर नगर हवेली जैसे केंद्र शासित राज्यों पर लागू है.
वर्तमान में पंजाब-चंडीगढ़ के एक ही राज्यपाल होते हैं
चंडीगढ़ एक केंद्र शासित प्रदेश है, लेकिन यह पंजाब और हरियाणा दोनों की संयुक्त राजधानी है. भारतीय संविधान के अनुसार, चंडीगढ़ का प्रशासनिक नियंत्रण पंजाब के राज्यपाल के पास होता है, जो चंडीगढ़ का प्रशासक भी कहलाता है. मतलब पंजाब का जो भी राज्यपाल होगा, वही चंडीगढ़ का प्रशासक भी होगा, उसके लिए अलग से नियुक्ति नहीं की जाती. लेकिन विधेयक के पास हो जाने के बाद चंडीगढ़ को पंजाब के राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र से हटाकर एक अलग प्रशासक की नियुक्ति की जाएगी.
दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल ने किया विरोध?
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है. आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस संशोधन को एक साधारण संशोधन नहीं बताया, बल्कि पंजाब की पहचान और संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला बताया है. केजरीवाल ने कहा, ‘जिस पंजाब ने देश की सुरक्षा, अनाज, पानी और इंसानियत के लिए हमेशा बलिदान दिया, आज उसी पंजाब को उसके अपने हिस्से से वंचित किया जा रहा है. ये केवल एक प्रशासनिक फ़ैसला नहीं बल्कि ये पंजाब की आत्मा को चोट पहुँचाने जैसा है. इतिहास गवाह है कि पंजाब ने कभी किसी तानाशाही के सामने सिर नहीं झुकाया, पंजाब आज भी नहीं झुकेगा. चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब का रहेगा.’
अकाली दल उतरा विरोध में
अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि, पंजाब की जनता को भरोसा दिलाता हूँ कि यह बिल और केंद्र सरकार का यह कदम, जो संघीय ढाँचे पर सीधा हमला है, अकाली दल हर स्तर पर मुक़ाबला करेगा और इसे सफल नहीं होने देगा.
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