Advertisement

CJI पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील ने दिए अजीबो-गरीब तर्क, नूपुर शर्मा से लेकर हिंदुओं के त्योहार पर कह दी बड़ी बात

CJI बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर ने कहा कि वह अदालत में की गई टिप्पणियों से बेहद आहत थे. उन्होंने बताया है कि सनातन धर्म से जुड़ा मामला आने पर सुप्रीम कोर्ट कोई न कोई आहत करने वाला आदेश पास कर देता है.

07 Oct, 2025
( Updated: 07 Oct, 2025
08:03 PM )
CJI पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील ने दिए अजीबो-गरीब तर्क, नूपुर शर्मा से लेकर हिंदुओं के त्योहार पर कह दी बड़ी बात
Rakesh Kishore(Social Media-X)

CJI बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर अब इस पूरी घटना पर अपना बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वह अदालत में की गई टिप्पणियों से बेहद आहत थे. उन्होंने बताया है कि सनातन धर्म से जुड़ा मामला आने पर सुप्रीम कोर्ट कोई न कोई आहत करने वाला आदेश पास कर देता है. उन्होंने आरोप लगाए हैं कि CJI ने जनहित याचिका दाखिल करने वाले एक शख्स का मजाक उड़ाया था. वह जाहिर तौर पर भगवान विष्णु की प्रतिमा से जुड़ी PIL की ओर इशारा कर रहे थे. 

मंगलवार को किशोर ने CJI गवई को लेकर कहा, 'बात यह है कि मैं बहुत ज्यादा आहत हुआ कि 16 सितंबर को चीफ जस्टिस की कोर्ट में किसी व्यक्ति ने जनहित याचिका डाली थी. तो गवई साहब ने पहले तो उसका पूरी तरह से मजाक उड़ाया. मजाक यानी यह कहा कि आप मूर्ति से प्रार्थना करो जाकर, मूर्ति से कहो जाकर कि अपना सिर खुद दोबारा बना ले. , 'जबकि, हम देखते हैं कि बहुत सारे धर्मों के खिलाफ, जो दूसरे समुदाय के लोग हैं. उनके खिलाफ जब कोई केस आता है, तो बड़े बड़े स्टेप लेते हैं. मैं उदाहरण देता हूं कि हलद्वानी में रेलवे की जमीन पर एक विशेष समुदाय का कब्जा है. जब उसे हटाने की कोशिश की गई तो सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया तीन साल पहले जो आज तक लगा है. 

'…लेकिन ऐसा मजाक भी मत कीजिए उसका'

किशोर ने कहा, 'ठीक है उस आदमी को रिलीफ नहीं देनी थी, तो मत दीजिए, लेकिन ऐसा मजाक भी मत कीजिए उसका. फिर उससे कहा कि आप उसी मूर्ति के सामने जाकर ध्यान लगाएं. अन्याय यह किया कि उसकी याचिका को खारिज भी कर दिया. इन चीजों को लेकर आहत था.' उन्होंने सफाई दी, 'वैसे मैं हिंसा के बहुत ज्यादा खिलाफ हूं, लेकिन आप यह भी देखिए कि एक अहिंसक आदमी, सीधा सच्चा आदमी, जिसके ऊपर कोई आज तक नहीं है, किसी ग्रुप से नहीं है, उसको ये सब क्यों करना पड़ा? यह सोचने वाली बात है.' उन्होंने आगे कहा, 'मैं भी कम पढ़ा लिखा नहीं हूं. मैं भी गोल्ड मेडलिस्ट हूं. ऐसा नहीं है कि मैं नशे में था या मैंने कोई गोलियां खा रखी थीं. उन्होंने ऐक्शन किया, मेरा रिएक्शन था. आप इसे जैसे लेना चाहें लीजिए. मुझे किसी बात का डर नहीं है और न ही मुझे किसी बात का अफसोस है.'< 

नूपुर शर्मा का भी किया जिक्र 

इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'ऐसे ही नूपुर शर्मा का जब मामला आया, तब कोर्ट ने कह दिया आपने माहौल खराब कर दिया. यह सब तो कहते हैं, रोक लगाते हैं ठीक, लेकिन जब बात हमारे सनातन धर्म की आती है, फिर चाहे जल्लीकट्टू हो या दही हांडी की ऊंचाई तय करनी हो तो उसपर वह जरूर ऐसा कोई न कोई ऑर्डर पास करते चली आ रही है सुप्रीम कोर्ट जिससे मैं बहुत दुखी हूं.'

क्या है पूरा मामला? 

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही CJI के नेतृत्व वाली एक पीठ ने खजुराहो मंदिर परिसर के एक हिस्से जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट ऊंची मूर्ति के पुनर्निर्माण और पुनः स्थापित करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था. CJI ने कहा, “ये बस पब्लिसिटी के लिए है… जाओ, भगवान विष्णु से खुद कहो कि कुछ करें. अगर तुम उनके इतने बड़े भक्त हो, तो प्रार्थना करो, ध्यान लगाओ.” सुनवाई के दौरान उनकी टिप्पणी का सोशल मीडिया पर विरोध शुरू हो गया था. जिसेक बाद उन्होंने इसपर सफाई भी पेश की थी. उन्होंने कहा थी कि वह हर धर्म का सम्मान करते हैं.

आपको बतां दें कि बार काउंसिल ने BR गवई पर जूते फेंकने वाले वकील की सदस्यता निलंबित कर दी है. राकेश ने बताया कि मध्य प्रदेश के खजुराहो के जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की सिर कटी मूर्ति की पुनर्स्थापना से संबंधित हालिया सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश की ओर से की गई टिप्पणियों से वे नाराज हैं. उन्होंने कहा, “उस फैसले के बाद मुझे नींद नहीं आई. ऊपर वाला हर रात मुझसे पूछ रहा था कि इतने अपमान के बाद मैं कैसे चैन से सो पाऊंगा. 

 

 

यह भी पढ़ें

 

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें