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चुनावों के बाद फिर बढ़ी Sangeet Som और Sanjeev Baliyan की तकरार !

संगीत सोम और संजीव बालियान के बीच की तकरार लगातार बढ़ती जा रही है। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि योगी को बीच में आना ही होगा। कहा तो ये तक जा रहा है कि अब सीधा संगीत सोम पर एक्शन लिया जा सकता है ?

12 Jun, 2024
( Updated: 12 Jun, 2024
08:26 PM )
चुनावों के बाद फिर बढ़ी Sangeet Som और Sanjeev Baliyan की तकरार !

देश में लोकसभा चुनाव संपन्न तो हो गए लेकिन कई मुद्दों पर बीजेपी का फेलियर जगज़ाहिर हुआ। इसका सबसे चर्चित उदाहरण पश्चिमी यूपी में देखने को मिला जहां पर राजपूतों ने जाटों के ख़िलाफ़ ऐसा मोर्चा खोला कि मुज़फ़्फ़रनगर से लेकर कैराना और सहारनपुर सीट तक बीजेपी के हाथ से निकल गई। मेरठ भी बस जैसे तैसे बच गई। इसके पीछे की वजह आई संगीत सोम और संजीव बालियान के बीच की तकरार जो चुनाव ख़त्म होने के बाद और बढ़ गई है। आलम ये है कि दोनों नेता प्रेस कॉन्फ़्रेंस बुला बुलाकर एक दूसरे को कोस रहे हैं। सबसे पहले तो संजीव बालियान को सुनिए कैसे सीधा आरोप लगा रहे हैं कि कुछ लोगों ने सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है और मुझे उम्मीद है कि पार्टी ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेगी।

संजीव बालियान ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में संगीत सोम पर सवाल उठाए तो पूर्व विधायक संगीत सोम ने भी प्रेस कॉन्फ़्रेंस बुला ली। संगीत सोम ने तो बालियान का नाम ले लेकर ऐसी ऐसी बातें कहीं कि दोनों के बीच की निजी तल्ख़ी भी सामने आ गई।

संगीत सोम तो माँ बाप तक को बीच में ले आए हैं, खैर, दोनों दिग्गजों की बातों को सुनकर आप इतना तो समझ गए होंगे कि इसी तल्ख़ी का असर चुनावों में दिखा। दरअसल कहा ये जाता है कि संगीत सोम जो की ठाकुर हैं उनकी संजीव बालियान से क़तई नहीं बनती। वैसे तो ये इन दोनों की निजी लड़ाई है लेकिन इसे ठाकुर और जाटो ने संयुक्त तौर पर अपने समाज की लड़ाई मान लिया है। तभी तो संगीत सोम के समर्थक आरोप लगाते हैं कि संजीव बालियान से विधायकी के चुनाव में अतुल प्रधान का साथ दिया था और इसीलिए संगीत सोम हार गए थे।

अब सांसदी के चुनाव में कहा जा रहा है कि संगीत सोम ने मुज़फ़्फ़रनगर सीट से सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक साथ देकर उन्हें जितवाया है। सरधना से पूर्व विधायक रहे संगीत सोम का ये क्षेत्र मुज़फ़्फ़रनगर लोकसभा क्षेत्र में आता है। सरधना में एक बड़ी तादाद में ठाकुर रहते हैं जिन्होंने समाज के साथ चलते हुए जाट नेता संजीव बालियान का विरोध किया, नतीजा ये रहा कि बालियान उन्हीं 20-21 हज़ार के मार्जिन से हार गए। हैरानी की बात ये है कि सिर्फ़ मुज़फ़्फ़रनगर ही नहीं इस लड़ाई का असर कैराना से लेकर सहारनपुर तक भी दिखाई दिया। सहारनपुर से कांग्रेस के इमरान मसूद और कैराना से सपा की इकरा हसन ने बीजेपी को करारी शिकस्त दी है। बहरहाल अब देखना दिलचस्प रहेगा कि क्या बालियान के कहने पर बीजेपी या बीजेपी का कोई बड़ा नेता संगीत सोम के ख़िलाफ़ कार्रवाई की पैरवी करता है या नहीं…क्यों योगी आदित्यनाथ अब संगीत सोम को सबक़ सिखाएँगे या फिर नहीं ? बहरहाल आपको क्या लगता है ? जाट बनाम राजपूतों की लड़ाई कहां तक जाएगी ? कमेंट करके अपनी राय हमें जरुर दें। 

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