नीतीश पर हमलावर तेजस्वी ने राहुल की बढ़ा दी टेंशन, इशारों-इशारों में कर दिया बड़ा खेला, खुद को बता दिया ‘ओरिजिनल CM’
बिहार में महागठबंधन का CM उम्मीदवार कौन होगा? इस पर कभी पत्ते नहीं खोले गए. RJD जरूर तेजस्वी यादव के CM उम्मीदवार होने का दावा कई बार कर चुकी है, लेकिन विपक्ष के बाकी दलों खासकर कांग्रेस की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं आया. अब वोट अधिकार यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी और अखिलेश के सामने खुद को CM उम्मीदवार घोषित कर दिया.
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बिहार में अभी विधानसभा चुनाव का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन सियासी माहौल सेट होने लगा है. सड़कों पर चुनावी शोर तेज हो गया है. बिहार में विपक्ष ने पूरी एकजुटता के साथ हुंकार भर दी है. हालांकि विपक्ष का CM उम्मीदवार कौन होगा इस पर कभी पत्ते नहीं खोले गए. RJD ज़रूर तेजस्वी यादव के CM उम्मीदवार होने का दावा कई बार कर चुकी है, लेकिन विपक्ष के बाकी दलों ख़ासकर कांग्रेस की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं आया. अब वोट अधिकार यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी और अखिलेश के सामने खुद को CM उम्मीदवार घोषित कर दिया.
दरअसल, आरा में वोट अधिकार यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव ने मंच से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला किया. उन्होंने नीतीश कुमार को नकलची CM करार दिया. तेजस्वी ने कहा, सरकार उनकी योजनाओं की नकल कर जनता के सामने पेश कर रही है. तेजस्वी आगे आगे चल रहा है और सरकार पीछे-पीछे उसकी नकल कर रही है. इसके बाद तेजस्वी ने जनता की ओर माइक घुमाकर पूछा कि, आपको ओरिजिनल मुख्यमंत्री चाहिए या डुप्लीकेट? उन्होंने साफ कहा कि जनता अब बदलाव चाहती है और वह तैयार हैं. इसके बाद उन्होंने जनता से तीन बार इस सवाल का जवाब मांगा कि ओरिजिनल CM चाहिए या डुप्लीकेट? इसी के साथ तेजस्वी यादव ने महागठबंधन को भी सीधा संदेश दिया कि वही CM उम्मीदवार के असली विकल्प हैं.
तेजस्वी के नाम पर राहुल ने क्यों नहीं दिया जवाब?
RJD प्रमुख लालू यादव खुले मंच से कई बार CM के तौर पर तेजस्वी यादव के नाम का ऐलान कर चुके हैं, लेकिन उनके नाम पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया कभी नहीं आई. कुछ दिन पहले ही राहुल गांधी से तेजस्वी को मुख्यमंत्री चेहरा बनाने पर सवाल पूछा गया था. तब राहुल ने इस पर कोई साफ जवाब नहीं दिया. अब आरा की रैली में तेजस्वी यादव ने न केवल ख़ुद को CM उम्मीदवार के तौर पर प्रेजेंट किया है साथ ही साथ राहुल गांधी को भी बड़ा इशारा कर दिया.
तेजस्वी के दावे पर BJP-JDU का तंज
उधर तेजस्वी यादव के दावे को NDA ने मुंगेरी लाल का हसीन सपना करार दिया. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि तेजस्वी मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं. खुद को CM के तौर पर प्रोजेक्ट कर रहे हैं लेकिन राहुल गांधी उनके नाम पर मुहर नहीं लगा रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि, तेजस्वी ने रैली में अखिलेश यादव को इसलिए बुलाया ताकि वह राहुल गांधी पर दबाव बनाया जा सके.
तेजस्वी पर चुप क्यों महागठबंधन?
BJP प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने पूछा, महागठबंधन बताये उनका चेहरा कौन है? RJD तेजस्वी को महागठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बताती है लेकिन सहयोगी दल इस पर कुछ नहीं बोलते. क्योंकि तेजस्वी के नाम पर महागठबंधन में सहमति नहीं. महागठबंधन को पता है जैसे ही तेजस्वी को CM कैंडिडेट महागठबंधन का घोषित किया जाएगा बिहार में महागठबंधन खत्म हो जाएगा, क्योंकि तेजस्वी भ्रष्टाचार के आरोपी हैं. जांच एजेंसियां जांच कर रही है.
क्या सीट शेयरिंग के बाद पत्ते खोलेगी कांग्रेस?
दरअसल, वोट अधिकार यात्रा के जरिए कांग्रेस अपना जनाधार मजबूत करने में जुटी हुई है. इस यात्रा का आइडिया राहुल गांधी का था इसलिए वह इसका सबसे ज़्यादा माइलेज लेने की कोशिश में है. वोट अधिकार यात्रा में सबसे ज्यादा फ़ायदा कांग्रेस को ही होता हुआ दिख रहा है. ऐसे में कांग्रेस महागठबंधन में अपने लिए ठीक ठाक सीटें मांग सकती है. माना जा रहा है कि सीट शेयरिंग पर फ़ॉर्मूला तय होने के बाद ही कांग्रेस CM कैंडिडेट पर अपने पत्ते खोलेगी.
पटना में खत्म होगी यात्रा
17 अगस्त से शुरू हुई वोट अधिकार यात्रा 1 सितंबर को पटना में ख़त्म होगी. जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ती गई राहुल गांधी पर बिहार का रंग चढ़ता गया. इस दौरान राहुल गांधी बिहार की जनता से सीधा जुड़ने की कोशिश करते दिखे. राहुल ने उन लोगों से भी मुलाक़ात की जिनका नाम वोटर लिस्ट से कट गया है. वहीं, बीच यात्रा में भाई का हौसला बढ़ाने प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं. प्रियंका गांधी राहुल के साथ बुलेट पर सवारी करती भी दिखीं. वहीं, प्रियंका की तर्ज पर ही आरा में रोहिणी आचार्य ने भी भाई तेजस्वी का साथ दिया.
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वोट चोरी का मुद्दा गर्माया!
महागठबंधन की वोट अधिकार यात्रा में विपक्ष वोट चोरी का आरोप लगाते हुए NDA पर आक्रामक है जिससे बिहार का सियासी माहौल गर्मा गया है. कांग्रेस का दावा है कि 65 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं. विपक्ष इस मुद्दे पर लगातार लोगों को लामबंद कर रहा है और कांग्रेस की कोशिश अपना पुराना मुक़ाम हासिल करने की है, लेकिन पार्टी इसमें कितनी सफल होगी ये तो चुनावों के बाद ही साफ़ होगा. उससे पहले बिहार की सियासी फ़िज़ाओं में चुनावी रंग धीरे-धीरे घुलने लगा है.
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