सिक्किम में भारतीय सेना के कैंप पर लैंडस्लाइड, 3 जवान शहीद, 6 लापता
सिक्किम में भूस्खलन हुआ है. राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे सैनिकों ने अब तक चार व्यक्तियों को सुरक्षित बचाया है. सेना के मुताबिक, सुरक्षित निकाले गए लोगों को केवल मामूली चोटें आई हैं. भूस्खलन की इस दुखद घटना के बाद तीन जवानों, हवलदार लखविंदर सिंह, लांस नायक मनीष ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लाखड़ा के पार्थिव शरीर मिले हैं.

सिक्किम के लाचेन जिले में भारतीय सेना का एक कैंप भूस्खलन की चपेट में आ गया. इस हादसे में सेना के तीन जवान शहीद हो गए हैं.
भूस्खलन से तीन जवान शहीद, छह लापता
सेना ने बताया कि इलाके में तेज बारिश के कारण स्थिति काफी खराब हो गई है. भूस्खलन में लापता जवानों की तलाश में बचाव अभियान जारी है.
सेना द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि 1 जून की शाम लगभग 7 बजे, लाचेन जिले के चेटेन इलाके में स्थित भारतीय सेना के सैन्य शिविर पर विनाशकारी भूस्खलन हुआ. मूसलधार बारिश को इस भूस्खलन का कारण माना जा रहा है.
आपदा के तुरंत बाद भारतीय सेना शुरू किया बचाव कार्य
आपदा के तुरंत बाद भारतीय सेना ने त्वरित और साहसिक कार्रवाई करते हुए बचाव कार्य प्रारंभ कर दिया और विपरीत परिस्थितियों में भी अद्वितीय समर्पण और साहस का परिचय दिया.
राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे सैनिकों ने अब तक चार व्यक्तियों को सुरक्षित बचाया है. सेना के मुताबिक, सुरक्षित निकाले गए लोगों को केवल मामूली चोटें आई हैं. भूस्खलन की इस दुखद घटना के बाद तीन जवानों, हवलदार लखविंदर सिंह, लांस नायक मनीष ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लाखड़ा के पार्थिव शरीर मिले हैं.
सेना ने आधिकारिक बयान में क्या कहा?
#BROSikkimDisasterRelief#SikkimCloudBurst
— 𝐁𝐨𝐫𝐝𝐞𝐫 𝐑𝐨𝐚𝐝𝐬 𝐎𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐬𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 (@BROindia) June 2, 2025
Incessant rains & a cloudburst in N Sikkim on night of
30-31 May caused widespread damage to vital roads & bridges.
River Teesta swelled 35-40 ft, severing connectivity. Project Swastik @BROindia has launched immediate rescue &… pic.twitter.com/UCHwcLDIPT
बचाव टीमें कठिन भू-भाग और प्रतिकूल मौसम की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में दिन-रात बिना रुके लापता छह कर्मियों की तलाश और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. सेना का कहना है कि इस दुखद क्षण में वह अपने प्राणों की आहुति देने वाले बहादुर जवानों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है.
शोक संतप्त परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं. प्राकृतिक आपदा की इस चुनौतीपूर्ण घड़ी में भी भारतीय सेना अपने सभी कर्मियों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. सेना का कहना है कि कर्तव्य के प्रति जवानों की अटूट निष्ठा और जुझारूपन एक बार फिर सामने आया है.