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सुप्रीम कोर्ट स्टाफ भर्ती में पहली बार लागू हुआ आरक्षण, SC और ST वर्ग की मांग हुई पूरी, जानें कितने प्रतिशत का मिलेगा लाभ

सुप्रीम कोर्ट में हर साल होने वाली 200 कर्मचारियों की भर्ती में SC-ST वर्ग के लिए आरक्षण नीति लागू कर दी गई है. ऐसे में प्रत्येक वर्ष होने वाली भर्तियों में इन दोनों वर्गों में से SC को 30 और ST वर्ग को 15 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लोगों द्वारा सराहनीय बताया गया है. बीते कई वर्षों से दोनों ही वर्ग इसकी मांग कर रहे थे. ऐसे में देखा जाए, तो यह सामाजिक न्याय की एक बड़ी जीत है.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने स्टाफ भर्ती प्रक्रिया में पहली बार SC और ST वर्ग के लिए आरक्षण लागू किया है. इसकी जानकारी 24 जून को जारी सर्कुलर में दी गई है. यह फैसला ऐसे समय पर आया है, जब बीते कई वर्षों से दोनों ही वर्ग देश के सर्वोच्च न्यायालय में समान प्रतिनिधित्व के अधिकार की मांग कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट में हर साल 200 पदों पर भर्तियां होती है. ऐसे में आने वाली भर्तियों में SC के लिए 30 और ST के लिए 15 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं. हालांकि, यह आरक्षित सीटें सिर्फ कर्मचारियों के लिए है. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की भर्ती प्रक्रिया में इसका कोई लेना-देना नहीं है. 

सुप्रीम कोर्ट कर्मचारियों की भर्ती में SC-ST वर्ग को मिला आरक्षण

सुप्रीम कोर्ट में हर साल होने वाली 200 कर्मचारियों की भर्ती के लिए SC-ST वर्ग के लिए आरक्षण नीति लागू कर दी गई है. ऐसे में प्रत्येक वर्ष होने वाली भर्तियों में अब इन दोनों वर्गों में से SC वर्ग को 30 और ST वर्ग को 15 प्रतिशत सीटों पर आरक्षण मिलेगा. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लोगों द्वारा सराहनीय बताया गया है. बीते कई वर्षों से दोनों ही वर्ग इसकी मांग कर रहे थे. ऐसे में देखा जाए, तो यह सामाजिक न्याय की एक बड़ी जीत है. 

इन पदों की भर्तियों पर लागू होगा यह नियम

सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के अनुसार जिन पदों की भर्ती की डिटेल्स सामने आई है. उनमें सुप्रीम कोर्ट के पर्सनल असिस्टेंट पद के कुल 94 सीटों में से 14 सीटें SC और 6 सीटें ST कोटे के लिए होंगी. बाकी बचे 74 पद अनारक्षित रहेंगे. इसके अलावा असिस्टेंट लाइब्रेरियन के 20 सीटों में से 3 सीट SC और 1 सीट ST के लिए आरक्षित होंगी. 

सबसे ज्यादा पद जूनियर कोर्ट असिस्टेंट के लिए 

जूनियर कोर्ट असिस्टेंट पद के लिए कुल 437 सीटें हैं. इनमें 340 पद अनारक्षित है, बाकी 65 पद SC और 32 पद ST के लिए है. इसके अलावा जूनियर कोर्ट अटेंडेंट के 600 पद, रजिस्ट्रार, अतिरिक्त निजी सचिव (APS), कोर्ट असिस्टेंट, लॉ क्लर्क, सहायक लाइब्रेरियन और चैंबर अटेंडेंट जैसे सभी पद इस आरक्षण नीति के तहत आएंगे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि अगर इस आरक्षण नीति को लागू नहीं किया जाता है, तो इसकी शिकायत रजिस्ट्रार से कर सकते हैं. 

इस आरक्षण नीति को लागू करने में 30 साल लग गए

सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्टाफ भर्ती प्रक्रिया में SC और ST वर्ग के लिए आरक्षण नीति को लागू करने में 30 साल लग गए, जबकि इस पर संवैधानिक फैसला साल 1995 में ही आ चुका था. इस फैसले को सुनाते वक्त सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा है कि 'जब केंद्र और राज्य सरकारों के सभी संस्थानों और हाईकोर्ट में SC/ST आरक्षण पहले से लागू है, तो सुप्रीम कोर्ट इससे अलग कैसे रह सकता है? हमने हमेशा ऐतिहासिक फैसलों में सकारात्मक कार्रवाई का समर्थन किया है, इसलिए अब इस संस्था के अंदर भी इसे लागू करने का समय आ चुका है.'

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