राघव चड्ढा ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए सांसद निधि से 3.25 करोड़ रुपये आवंटित किए, राहत और पुनर्वास के लिए बड़ा कदम
राघव चड्ढा ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए सांसद निधि से 3.25 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इस राशि का इस्तेमाल राहत और पुनर्वास के कामों में किया जाएगा. यह कदम प्रभावित लोगों के जीवन में तुरंत मदद पहुंचाने और उनकी समस्याओं को कम करने की दिशा में अहम माना जा रहा है.
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आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों की मदद के लिए अपनी सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) निधि से 3.25 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की है. यह कदम गुरदासपुर और दिनानगर जैसे बाढ़ से तबाह हुए क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए उठाया गया है. अगस्त 2025 में भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण पंजाब के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे हजारों लोग बेघर हुए और लाखों एकड़ फसल बर्बाद हो गई. राघव चड्ढा ने इन इलाकों का दौरा किया, राहत सामग्री बांटी और लोगों को हर संभव मदद का भरोसा दिया.
Punjab is battling one of the worst floods in recent history. Homes destroyed, farmlands submerged, cattle lost & 30 precious lives gone.
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) September 3, 2025
From my MPLAD Funds, I am allocating ₹3.25 Cr towards:
• ₹2.75 Cr for strengthening flood protection embankments so that our villages… pic.twitter.com/KUxay0F8pz
बाढ़ की तबाही
पंजाब इस समय दशकों की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है. सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश से बने मौसमी नालों ने गुरदासपुर, कपूरथला, अमृतसर, पठानकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का और होशियारपुर जैसे सात जिलों में भारी तबाही मचाई है. करीब 1,300 गांव पानी में डूब गए, 2.5 लाख लोग प्रभावित हुए और 3 लाख एकड़ से ज्यादा खेतों की फसल बर्बाद हो गई. इस आपदा में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है.
गुरदासपुर और दिनानगर में चड्ढा का दौरा
29 अगस्त 2025 को राघव चड्ढा ने गुरदासपुर और दिनानगर के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया. उन्होंने मोटरबोट से पानी में डूबे इलाकों का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों से मिलकर उनका दर्द समझा. चड्ढा ने राहत किट और राशन बांटा, जिसमें दवाइयां, सूखा राशन और पानी की बोतलें शामिल थीं. उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही मरम्मत और पुनर्वास का काम शुरू होगा.
उनके इस दौरे की तस्वीरें और पोस्ट X पर वायरल हुईं, जिसमें डूबे हुए खेत और पीड़ित लोगों की हालत दिख रही थी. चड्ढा ने लिखा, “पंजाब मेरी मातृभूमि है। मैं यहाँ नेता के तौर पर नहीं, बल्कि एक सेवादार के रूप में आया हूँ। मैंने लोगों का दर्द देखा, उनके घर और खेत तबाह हो गए। हम राहत किट बांट रहे हैं, लेकिन हमारा असली काम पुनर्वास और बाढ़ से बचाव के लिए मजबूत कदम उठाना है.”MPLADS निधि का इस्तेमाल
राघव चड्ढा ने अपनी सांसद निधि (MPLADS) से 3.25 करोड़ रुपये बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए देने का ऐलान किया. यह पैसा बाढ़ से बचाव के उपायों, जैसे नदियों के किनारों को मजबूत करना, और प्रभावित गांवों में राहत कार्यों, जैसे सड़कों और घरों की मरम्मत, के लिए इस्तेमाल होगा.
पंजाब में बाढ़ राहत का जमीनी हाल
पंजाब में बाढ़ राहत के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. गुरदासपुर में ड्रोन से दवाइयां और राशन पहुंचाया जा रहा है, जबकि सेना, NDRF और स्थानीय स्वयंसेवक दिन-रात काम कर रहे हैं. 6,582 लोग 122 राहत शिविरों में रह रहे हैं. पंजाब सरकार ने किसानों को 15,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने का वादा किया है, जिसमें से 8,200 रुपये राज्य अपने खजाने से दे रहा है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र से 60,000 करोड़ रुपये की मांग की है, ताकि पुनर्वास और मुआवजे का काम तेज हो सके. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र की SDRF नीति में बदलाव जरूरी है, ताकि किसानों को कम से कम 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिले.
विपक्ष का रुख और सवाल
बाढ़ के बीच पंजाब में सियासत भी गरमा रही है. कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वाडिंग ने इसे “मानव निर्मित आपदा” बताया और आप सरकार पर समय पर बांधों से पानी न छोड़ने का आरोप लगाया. शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल और बीजेपी के सुनील जाखड़ ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा किया और सरकार पर राहत कार्यों में ढिलाई का आरोप लगाया. जाखड़ ने कहा कि केंद्र ने 611 करोड़ रुपये में से 229 करोड़ रुपये दिए, लेकिन राज्य सरकार इसका सही इस्तेमाल नहीं कर पाई.
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राघव चड्ढा ने कहा कि पंजाब से संसदीय सदस्य होने के नाते यह मेरी जिम्मेदारी है कि मुझसे जो हो सकता है, वह मैं अपने राज्य के लिए करूं. इसलिए मैंने अपने सांसद निधि कोष से 3.25 रुपए आवंटित किए हैं. उन्होंने कहा कि यह फैसला प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और वहां लोगों के दुख देखने के बाद लिया है.
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