Advertisement

बलात्कार केस में दोषी प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद की सजा, साथ में भरना होगा ₹11 लाख का जुर्माना

पूर्व हासन सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार के मामले में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने बलात्कार, यौन शोषण, धमकी और डिजिटल अपराधों के गंभीर मामले में पूर्व सांसद को 1 अगस्त को दोषी करार दिया था.

Author
02 Aug 2025
( Updated: 11 Dec 2025
01:57 PM )
बलात्कार केस में दोषी प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद की सजा, साथ में भरना होगा ₹11 लाख का जुर्माना

प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार के मामले में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. बलात्कार, यौन शोषण, धमकी और डिजिटल अपराधों के गंभीर मामले में पूर्व सांसद को 1 अगस्त को दोषी करार दिया गया था. अब कोर्ट ने दो मामलों में आजीवन कारावास के साथ अन्य मामलों में कुल मिलाकर 11 लाख रुपये जुर्माना देने का आदेश दिया है. यह पूरी राशि पीड़िता को मुआवजे के रूप में दी जाएगी. सजा आज से प्रभावी हो गई है.

दो बार बलात्कार, साड़ी पर स्पर्म के निशान 

प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले में एक महत्वपूर्ण सबूत के रूप में साड़ी को कोर्ट में पेश किया गया. आरोप था कि पूर्व सांसद ने घरेलू सहायिका के साथ एक नहीं बल्कि दो बार बलात्कार किया. पीड़िता ने घटना का वीडियो भी रिकॉर्ड किया और उसके पास वह साड़ी भी मौजूद थी, जिसे उसने सबूत के तौर पर संभाल कर रखा था. जांच में उस साड़ी पर स्पर्म के निशान पाए गए, जिससे यह मामला और भी मजबूत हो गया. अदालत में इस साड़ी को निर्णायक सबूत के रूप में पेश किया गया.

प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और आईटी एक्ट की कई धाराओं के तहत आरोप तय किए गए थे. कोर्ट ने अब सजा की अवधि (quantum of sentence) का ऐलान कर दिया है.

SIT की जांच, 2,000 पन्नों की चार्जशीट, 123 सबूत 

प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ बलात्कार का मामला मैसूरु के केआर नगर की एक घरेलू सहायिका की शिकायत पर सीआईडी साइबर क्राइम थाने में दर्ज किया गया था. आरोप था कि पूर्व सांसद ने पीड़िता के साथ बलात्कार किया और उस कृत्य का वीडियो भी रिकॉर्ड किया. मामले की जांच सीआईडी के विशेष जांच दल (SIT) ने की, जिसने करीब 2,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. जांच के दौरान टीम ने कुल 123 सबूत जुटाए.

यह भी पढ़ें

इस जांच का नेतृत्व सीआईडी इंस्पेक्टर शोभा और उनकी टीम ने किया. इस मामले की सुनवाई 31 दिसंबर 2024 को शुरू हुई थी, जिसमें अदालत ने 23 गवाहों की गवाही दर्ज की. इसके अलावा कोर्ट ने वीडियो क्लिप्स की फॉरेंसिक रिपोर्ट और घटनास्थल की निरीक्षण रिपोर्टों की भी समीक्षा की. ट्रायल मात्र सात महीनों में पूरा हो गया और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश संतोष गजानन भट्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

टिप्पणियाँ 0

Advertisement
Podcast video
Gautam Khattar ने मुसलमानों की साजिश का पर्दाफ़ाश किया, Modi-Yogi के जाने का इंतजार है बस!
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें