महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर छिड़ा सियासी संग्राम, 20 साल बाद एक मंच पर आ रहे उद्धव-राज ठाकरे, करेंगे साझा आंदोलन
महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य बनाए जाने के मुद्दे ने उद्धव और राज ठाकरे को एक बार फिर साथ आने और मंच साझा करने का मौका दे दिया है. इसको लेकर उद्धव और राज ठाकरे एक साथ आंदोलन करने वाले हैं. देश की सबसे अमीर बृहन मुंबई महानगरपालिका के होने वाले चुनाव से पहले ये एकजुटता काफी अहम हो जाती है.

महाराष्ट्र में हिंदी की अनिवार्यता को लेकर सियासी संग्राम बढ़ता जा रहा है. इस मुद्दे ने दो धुर विरोधी खेमों सहित पूरे विपक्ष को एकजुट होने का मौका दे दिया है. इतना ही नहीं दशकों से एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे, दूर चल रहे दो भाईयों को भी हिंदी भाषा ने एक मंच पर ला खड़ा कर दिया है.
दरअसल महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य बनाए जाने के मुद्दे ने उद्धव और राज ठाकरे को एक बार फिर साथ आने और मंच साझा करने का मौका दे दिया है. इसको लेकर उद्धव और राज ठाकरे एक साथ आंदोलन करने वाले हैं. इसकी जानकारी खुद शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने दी है. आगामी BMC चुनाव से पहले इस एकजुटता को काफी गंभीरता से लिया जा रहा है.
‘ठाकरे ही ब्रांड हैं’
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक फोटो शेयर किया. इसमें उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ नजर आ रहे हैं. उन्होंने लिखा, "महाराष्ट्र के स्कूलों में अनिवार्य हिंदी के खिलाफ एकजुट प्रदर्शन होगा. ठाकरे ही ब्रांड हैं."
संजय राउत ने शेयर की दोनों भाई तस्वीर
इसके अलावा, राउत ने एक अन्य पोस्ट भी शेयर की और इस तस्वीर में उद्धव और राज ठाकरे एक साथ खड़े हुए दिख रहे हैं, जबकि उनके पीछे बाला साहेब ठाकरे की तस्वीर दिख रही है. उन्होंने इस फोटो के साथ कैप्शन में लिखा, "महाराष्ट्र की जय हो."
जय महाराष्ट्र!
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) June 27, 2025
"There will be a single and united march against compulsory Hindi in Maharashtra schools. Thackeray is the brand!"
@Dev_Fadnavis
@AmitShah pic.twitter.com/tPv6q15Hwv
हिंदी भाषा पर महाराष्ट्र की राजनीति में घमासान मचा हुआ है. स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किया गया है, लेकिन विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
अलग-अलग मार्च और आंदोलन की जगह करेंगे साझा रैली
राज ठाकरे ने मुंबई में 6 जुलाई को मार्च का आह्वान किया था और उद्धव ठाकरे ने 7 जुलाई को मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन की घोषणा की थी, लेकिन अब संजय राउत ने बताया है कि वे दोनों एक साथ आंदोलन करेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा जा रहा कि दोनों की ये रैली 5 जुलाई को होगी, जहां दोनों भाई करीब 20 साल बाद एक साथ-एक मंच पर दिखेंगे.
इससे पहले, शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र सरकार पर हिंदी भाषा को जबरदस्ती थोपने का आरोप लगा चुके हैं. उन्होंने एक बयान में कहा था, "वर्तमान सरकार राज्य पर 'हिंदी लादने' की कोशिश कर रही है. उनका किसी भाषा या हिंदी भाषी समुदाय से कोई विरोध नहीं है, बल्कि वह जबरन किसी भाषा को थोपने के खिलाफ हैं."
उन्होंने आरोप लगाया था, "बीजेपी की 'बांटने और काटने' की नीति स्पष्ट है. वह मराठी और अन्य भाषियों के बीच जो एकता है, उसे खत्म करने की कोशिश कर रही है."