Advertisement

अब Mayawati के फॉर्मूले से Yogi को सत्ता से हटाएंगे Modi ?

यूपी में मिली एक हार से बीजेपी से लेकर संघ परिवार तक,किस कदर हाहाकार मचा हुआ है।इन सबके बीच अब तो एक और खबर जोर पकड़ने लगी है कि।दिल्ली में बैठे मोदी यूपी में ऐसा खेल करने वाले हैं,जिससे सत्ताधारी योगी के साथ साथ सपाई मुखिया अखिलेश यादव की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

19 Jun, 2024
( Updated: 19 Jun, 2024
12:17 AM )
अब Mayawati के फॉर्मूले से Yogi को सत्ता से हटाएंगे Modi ?

उत्तर प्रदेश में बीजेपी को मिली करारी हार के बाद दिल्ली और लखनऊ के बीच खींचतान की खबरें जोर पकड़ने लगी हैं। तो वहीं पिछले दस सालों तक चुप्पी साधे बैठा संघ परिवार भी अचानक एक्टिव हो गया है। जैसे ही मोदी कमजोर पड़े मौका देखते ही मोहन भागवत से लेकर आरएसएस के छुटभैये नेता भी मोदी को हार पर नसीहत देने लगे हैं.। इसी बात से समझ सकते हैं कि यूपी में मिली एक हार से बीजेपी से लेकर संघ परिवार तक, किस कदर हाहाकार मचा हुआ है।इन सबके बीच अब तो एक और खबर जोर पकड़ने लगी है कि, दिल्ली में बैठे मोदी यूपी में ऐसा खेल करने वाले हैं। जिससे सत्ताधारी योगी के साथ साथ सपाई मुखिया अखिलेश यादव की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

योगी को सत्ता से हटाने के लिए मोदी करेंगे खेल

दरअसल जिस उत्तर प्रदेश में मोदी ने सरकारी योजनाओं की बौछार लगा दी। जिस उत्तर प्रदेश में मोदी की वजह से सैकड़ों साल बाद भव्य राम मंदिर बन कर तैयार हुआ। उस उत्तर प्रदेश में मोदी ये मान कर चल रहे थे कि इस बार यहां की अस्सी में से कम से कम सत्तर प्लस सीटें तो आ ही जाएंगी। लेकिन जब चुनावी नतीजे आए तो पूरी बीजेपी महज 33 सीटों पर ही सिमट गई, जिसका असर ये हुआ मोदी बहुमत के आंकड़े से बहुत दूर हो गये।शायद यही वजह है कि बीजेपी से लेकर संघ परिवार तक में जबरदस्त खींचतान मची हुई है और कहा तो यहां तक जा रहा है कि दिल्ली में बैठे मोदी योगी को सत्ता से हटाने की रणनीति बना रहे हैं। इन खबरों के बीच दैनिक भास्कर जैसे बड़े अखबार के राजनीतिक संपादक केपी मलिक ने एक विस्फोटक खुलासा किया है। जिसके मुताबिक दिल्ली में बैठी मोदी सरकार में यूपी में मायावती वाला पुराना फॉर्मूला अपना कर एक झटके में योगी के साथ साथ अखिलेश यादव के पर कतरने की तैयारी में भी जुटी हुई है।

पत्रकार केपी मलिक ने सूत्रों के हवाले से सोशल मीडिया पर किये गये एक पोस्ट में बताया-

यूपी में बाबा ने जो खेल किया है उससे साहेब बहुत परेशान हैं, साहेब की सरकार तो किसी तरह बन गई लेकिन कितनी चलेगी इस बात को लेकर साहेब बहुत असहज महसूस कर रहे हैं, लेकिन बाबा का इलाज तो करना ही होगा वरना वे साहेब और उनके वजीर के लिए खतरा बने रहेंगे, अगले 6 महीनों में हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में भाजपा के हारने का पूरा खतरा है, ऐसा हुआ तो गुजराती जोड़ी और ज्यादा कमजोर हो जाएगी।

इस बार के लोकसभा चुनाव में एक बात तो साबित हो गई कि उत्तर प्रदेश ने मोदी को सिरे से नकार दिया और जिस बीजेपी ने साल 2014 में 71,साल 2019 के चुनाव में 62 सीटों पर जीत हासिल की थी।उस बीजेपी को यूपी ने 33 सीटों पर ला पटका। इस करारी हार के बाद अब ये खबरें आ रही हैं कि दिल्ली वाले किसी भी कीमत पर योगी को सत्ता से हटाने की कोशिश में लगे हुए हैं और इसके लिए दिल्ली वाले मायावती वाला फॉर्मूला अपना सकते हैं।जिससे एक तीर से दो निशाना साधा जा सकता है यानि योगी के साथ साथ अखिलेश का भी कद एक झटके में छोटा हो जाएगा।

ये फॉर्मूला क्या है इसके बारे में खुद पत्रकार केपी मलिक ने सूत्रों के हवाले से बताया कि-

अब एक नया विचार चल रहा है, दिल्ली की कमजोर सरकार के कारण बाबा को सीधा हटाना तो अब संभव नहीं है लेकिन एक झटके में बाबा का कद जरूर छोटा किया जा सकता है, दिल्ली में उच्च स्तर पर चर्चा है कि यूपी के टुकड़े करके 26-27 लोकसभा वाले तीन राज्य बनाने की योजना पर काम हो सकता है, इस योजना के तहत यूपी को बांटकर बाबा को पूर्वांचल का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, इस एक कदम से बाबा का कद तो घट ही जाएगा और यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव और केंद्र में फिलहाल भाजपा के लिए परेशानी का सबक बनने वाले 37 सीटें जीतकर आए अखिलेश भी निपट जाएंगे।

इसी पोस्ट में पत्रकार केपी मलिक ने बताया-

यूपी के बंटवारे के प्रति जनता का भी समर्थन मिलेगा, पश्चिम यूपी में तो इसका जबरदस्त समर्थन है, बसपा भी इसके पक्ष में रही है, कांग्रेस में भी कोई आपत्ति नहीं होगी क्योंकि यूपी में कांग्रेस मरी हुई है, एक तीर से कई शिकार हो सकते हैं, बाबा और साहेब का घमासान अभी चलेगा, देखते हैं आगे क्या क्या होता है।

पत्रकार केपी मलिक जिस फॉर्मूले के तहत योगी को सत्ता से हटाए जाने के प्लान के बारे में बात कर रहे हैं।वो फॉर्मूला दरअसल साल 2011 में यूपी की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने दिया था। उन्होंने तो यूपी को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव भी विधानसभा से पास करवा दिया था और इन चार हिस्सों को पूर्वांचल, बुंदेलखंड, पश्चिमी प्रदेश और अवध राज्य नाम दिया था।लेकिन तत्कालीन मनमोहन सरकार ने मायावती सरकार के इस प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए वापस कर दिया था, जिसकी वजह से यूपी का बंटवारा रुक गया और फिर साल 2012 में जब यूपी में चुनाव हुए तो मायावती सत्ता से ही बाहर हो गईं।जिसके बाद से यूपी के बंटवारे का मुद्दा भी ठंडे बस्ते में चला गया था.। लेकिन यूपी में बीजेपी को मिली हार के बाद एक बार फिर ये मुद्दा चर्चा में आ गया है और ये कहा जा रहा है कि मोदी सरकार यूपी को चार हिस्सों में बांट कर योगी और अखिलेश के पर कतरने की तैयारी में जुटी हुई है।

यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
अधिक
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें