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अब मंत्री-विधायक अपने बॉडीगार्ड को नहीं ले जा सकेंगे सदन के अंदर, पश्चिम बंगाल विधानसभा में सुरक्षाकर्मियों की एंट्री पर लगी रोक

पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि विधायकों और मंत्रियों के साथ आने वाले सुरक्षाकर्मियों को सदन परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री को छोड़कर कोई भी विधायक सुरक्षा गार्ड या हथियार के साथ विधानसभा परिसर में प्रवेश नहीं कर सकता.

पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि विधायकों और मंत्रियों के साथ आने वाले सुरक्षाकर्मियों को सदन परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया है. एक नोटिस में बनर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री को छोड़कर कोई भी विधायक सुरक्षा गार्ड या हथियार के साथ विधानसभा परिसर में प्रवेश नहीं कर सकता. बनर्जी ने कहा, 'एक घटना घटी जब विधानसभा पोर्टिको के अंदर विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी से बात करने की कोशिश कर रहे पत्रकारों पर सीआरपीएफ के जवानों ने हमला कर दिया. इस हमले से आहत पत्रकारों ने मुझे इस संबंध में पत्र लिखा, जिसके बाद मैंने विधानसभा के अंदर केंद्रीय बलों और सीआरपीएफ के सुरक्षाकर्मियों के प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला किया.' 

विपक्ष ने किया हाईकोर्ट का रुख 

बिमान बनर्जी ने कहा कि घटना के बाद विपक्ष ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया और फैसले को चुनौती दी. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, 'कलकत्ता उच्च न्यायालय का एक सामान्य आदेश है कि सभी के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए. मैंने मंत्रियों और विधायकों से हाई कोर्ट के निर्देश का पालन करने का अनुरोध किया है. मुख्यमंत्री का दर्जा दूसरों से अलग है, इसलिए हमने उन्हें इससे छूट देने का फैसला किया है.' 

कोर्ट जाने की तैयारी में BJP

इधर BJP कोर्ट जाने की तैयारियों में जुटी हुई है. सोमवार के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए शुभेंदु अधिकारी ने चेतावनी दी है और कहा कि अगर मुख्यमंत्री को सुरक्षा गार्डों के साथ विधानसभा परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, 'अगर मुख्यमंत्री सुरक्षाकर्मियों के साथ विधानसभा में प्रवेश करती हैं, तो मैं कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाऊंगा और अध्यक्ष के खिलाफ अवमानना ​​का मामला दायर करूंगा.' 

 

 

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