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‘जमीनी हकीकत पर आधारित नहीं’, NCRB रिपोर्ट में कोलकाता को सबसे सुरक्षित शहर बताने पर भड़के RG Kar पीड़िता के माता-पिता

NCRB की रिपोर्ट के अनुसार कोलकाता भारत का सबसे सुरक्षित शहर है. इस रिपोर्ट का आरजी कर मेडिकल कॉलेज दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट जमीनी हकीकत पर आधारित नहीं है.

05 Oct, 2025
( Updated: 05 Oct, 2025
05:18 PM )
‘जमीनी हकीकत पर आधारित नहीं’, NCRB रिपोर्ट में कोलकाता को सबसे सुरक्षित शहर बताने पर भड़के RG Kar पीड़िता के माता-पिता

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट का कड़ा विरोध किया है. दरअसल रिपोर्ट में कोलकाता को भारत का सबसे सुरक्षित शहर बताया गया है. जिसपर पीड़िता के पिता इसे जमीनी हकीकत का गलत चित्रण बताया है. उन्होंने काह कि यह वास्तविक परिस्थितियों के बजाय कागजी कार्रवाई के आधार पर तैयार की गई है. 

क्या है पीड़िता के पिता का बयान

पीड़िता के पिता ने कहा कि, "राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो ने एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया है कि कोलकाता भारत का सबसे सुरक्षित शहर है. हालांकि, जिन लोगों ने यह रिपोर्ट बनाई है, पर यह रिपोर्ट जमीनी हकीकत पर आधारित नहीं है. वे सिर्फ़ कागजों पर निर्भर हैं. कोलकाता में कम से कम 90 प्रतिशत घटनाएं FIR के तौर पर दर्ज नहीं की जातीं. 

उन्होंने आगे कहा कि बोला के हमारे स्थानीय पुलिस स्टेशन में एक लड़की को बेरहमी से पीटा गया और अभी तक किसी को इसकी जानकारी नहीं है. यह घटना तीन महीने पहले हुई थी और ऐसी घटनाएं कोलकाता में रोज होती हैं. कुछ भी सामने नहीं आता. यहां तक कि छह महीने की बच्ची भी सुरक्षित नहीं है. 

देश के पढ़े-लिखे लोगों पर सबको गुमराह करने का आरोप 

पीड़िता के पिता ने कहा कि ब्यूरो अपने दफ्तरों में बैठकर जो रिपोर्ट बनाता है, उसे हकीकत का अंदाजा ही नहीं है. हमारे देश के पढ़े-लिखे लोग सबको गुमराह कर रहे हैं. कोलकाता में कोई भी सुरक्षित नहीं है, न पुरुष, न लड़की." 

वहीं पीड़िता की मां ने भी कोलकाता में सुरक्षा की कमी पर गहरा दुःख जताया. उन्होंने कहा, "अगर उचित सुरक्षा होती, तो मेरी बेटी, जो एक डॉक्टर थी, अपने अस्पताल में सुरक्षित होती. उसे बेरहमी से पीटा गया और मार डाला गया. इतना ही नहीं उसका शव अस्पताल में मिला. फिर भी किसी को पूरी सच्चाई नहीं पता. इस तरह का अन्याय अक्सर होता है. मेरा मानना है कि एक वर्ष में ऐसी लगभग 200 घटनाएं हुई हैं. यह लॉ कॉलेजों में हुआ है और यह हर जगह, हर दिन हो रहा है. कोई सुरक्षा नहीं है; यह सुरक्षित नहीं है. जब घटनाएं होती भी हैं, तो व्यापक भ्रष्टाचार के कारण उनकी ठीक से रिपोर्ट नहीं की जाती या उनका समाधान नहीं किया जाता. ये मुद्दे लंबे समय से चल रहे हैं. हमारे लिए, यह एक साल और दो महीने का दर्द रहा है. जहां भी ऐसी घटनाएं होती हैं, हम उन्हें रोकने की कोशिश करते हैं, लेकिन सिस्टम हमें निराश करता है."

लगातार चौथे साल कोलकाता को सबसे सुरक्षित शहर घोषित 

दूसरी ओर, शनिवार को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) ने एलान किया कि कोलकाता को लगातार चौथे वर्ष भारत का सबसे सुरक्षित शहर घोषित किया गया है. पार्टी ने इस उपलब्धि का श्रेय पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व को दिया है. एआईटीसी ने एक्स पर पोस्ट किया, "लगातार चौथे साल, कोलकाता को भारत का सबसे सुरक्षित शहर घोषित किया गया है. 

उन्होंने आगे कहा कि यह एक ऐसा शहर है जो देखभाल, करुणा और समुदाय में विश्वास करता है, जिसका नेतृत्व हमारी माननीय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कर रही हैं, वह मानती हैं कि सुरक्षा ही सेवा है." कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज कुमार वर्मा ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा, "यह एक बहुत ही सकारात्मक कहानी है. कोलकाता पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस हमेशा नागरिकों की सुरक्षा और राज्य को अपराध मुक्त रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करती है."

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