नो नॉनसेंस, जीरो टॉलरेंस... काम में फिसड्डी साबित हुआ डिप्टी सीएम शिंदे का मंत्रालय, CM फडणवीस ने दी लास्ट वॉर्निंग
महाराष्ट्र का देश की राजनीति में अच्छा रसूख है, ऐसे में वहां के राजनीतिक गलियारों में क्या चल रहा है, इसपर सबकी नजरें टिकी रहती हैं. उसी महाराष्ट्र में एक बार फिर से राजनीति के करवट लेने की संभावना प्रबल हो गई है. भरी सभा में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को सुना दिया है.
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महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं, जबकि यहां की विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. विधानसभा में सीटों की संख्या के लिहाज से इस प्रदेश का राज्यसभा में भी महत्व बढ़ जाता है.
भरी सभा में फडणवीस ने शिंदे के डिपार्टमेंट को सुनाया
MNS चीफ राज ठाकरे की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात ने पहले ही कयासबाजी के बाजार को गर्म कर दिया है. अब सीएम फडणवीस ने भरी सभा में डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के डिपार्टमेंट के सुना दिया है. ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या महाराष्ट्र की महायुति सरकार का डायनामिक्स बदलने जा रहा है? क्या शिंदे की शिवसेना महायुति से अलग होगी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना की NDA में घर वापसी होगी? सीएम फडणवीस और राज ठाकरे की मुलाकात और शिंदे के डिपार्टमेंट को दो टूक सुनाने से कुछ बड़े राजनीतिक संकेत मिलने लगे हैं.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शहरी विकास विभाग-2 (UDD-2) के कामकाज पर असंतोष जताते हुए इसे खराब प्रदर्शन (Poor Show) करार दिया. यह टिप्पणी उन्होंने केंद्रीय सरकार प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान की. UDD-2 का नेतृत्व उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे करते हैं. बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे, सार्वजनिक स्वास्थ्य राज्य मंत्री मेघना बोरडिकार समेत कई विभागों के मंत्री और सचिव मौजूद थे. हालांकि, बैठक में शिंदे खुद शामिल नहीं हुए. फडणवीस ने सभी विभागों को केंद्र की योजनाओं को तेज गति से लागू करने का निर्देश दिया. उन्होंने विशेष रूप से UDD-2 की आलोचना की, जो नगर निकायों से जुड़े कार्य देखता है. मुख्यमंत्री ने AMRUT 2.0 (अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) योजनाओं में देरी पर नाराज़गी जताई. यह योजना 2021 में शुरू हुई थी और मार्च 2026 तक पूरी होनी है. महाराष्ट्र को इसके लिए केंद्र से 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिली है.
सभी लंबित मामले 31 मार्च 2026 तक हो पूरे
सीएम फडणवीस ने अधिकारियों से स्पष्ट शब्दों में कहा, ‘AMRUT मिशन के तहत शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति, स्वच्छता, हरित उद्यान और झीलों के पुनर्जीवन जैसे कार्य किए जा रहे हैं. यह मिशन नागरिकों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है. इसलिए सभी लंबित काम 31 मार्च 2026 तक पूरे किए जाने चाहिए. लंबित प्रशासनिक मंज़ूरी भी तुरंत दी जाए.’ उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं जैसे 15वें वित्त आयोग से मिलने वाले अनुदान, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन की भी समीक्षा की. मुख्यमंत्री फडणवीस ने विभागों को आवश्यक मंजूरी लिए बिना प्रोजेक्ट शुरू न करने, विभागों के बीच बेहतर समन्वय बनाने और ज़रूरत पड़ने पर मुख्यमंत्री कार्यालय से मदद लेने का सुझाव दिया.
दूसरी ओर, शिंदे के विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मंत्री पहले ही अफसरों को चेतावनी दे चुके हैं और ज़िम्मेदारी तय करने के आदेश जारी किए गए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे के डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया कि AMRUT 2.0 और नगरोत्थान महाभियान जैसी परियोजनाओं में देरी होने पर ठेकेदार, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट या ज़िम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. विवाद के बीच शिंदे ने शनिवार को छत्रपति संभाजी नगर में फडणवीस द्वारा आयोजित एक जलापूर्ति योजना के कार्यक्रम को भी टाल दिया. शिंदे गुट के मंत्री प्रताप सरनाईक ने उनकी गैरहाज़िरी पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि वे आज कार्यक्रम में क्यों नहीं आए, लेकिन कल रात वे मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ बैठक में मौजूद थे. जहां तक विभाग के कामकाज का सवाल है, शिंदे इसे कुशलता से चला रहे हैं और अधिकारियों को पहले ही सख़्त निर्देश दे चुके हैं.’
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