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बिहार में नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, अगड़ी जातियों के लिए बनेगा विकास आयोग

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ी घोषणा कर दी है. अगड़ी जातियों के विकास के लिए राज्य में एक आयोग बनाने की घोषणा की गई है.

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले अगड़ी जातियों को रिझाने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बड़ी घोषणा की है. ऐसा माना जा रहा है कि एनडीए से मोहभंग होती अगड़ी जातियों को वापस एकजुट करने के लिए सरकार इस वक्त अगड़ी जातियों पर कुछ ज्यादा ही ध्यान दे रही है. 

अगड़ी जातियों के लिए बनेगा विकास आयोग 

बिहार में शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि बिहार सरकार अगड़ी जातियों के लिए विकास आयोग बनाने जा रही है. इसे उच्च जाति आयोग का नाम दिया गया है. इस आयोग का अध्यक्ष बीजेपी नेता महाचंद्र प्रसाद सिंह को बनाया गया है, जबकि जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता राजीव रंजन को इस आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है. इस आयोग का कार्यकाल 3 साल का होगा. 

बता दें कि बिहार में पहले भी सवर्ण आयोग हुआ करता था. इस बार नीतीश कुमार ने इसका पुनर्गठन करने की घोषणा की है. इससे पहले कल ही नीतीश सरकार ने अल्पसंख्यक आयोग का पुनर्गठन किया था और गुलाम रसूल बल्यावी को इसका अध्यक्ष बनाया था. गुलाम रसूल जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राज्यसभा सांसद हैं. बल्यावी वक्फ कानून को लेकर सरकार का लगातार विरोध कर रहे थे.

बिहार में सवर्णों का जदयू-भाजपा से हो रहा मोहभंग 

बिहार में विधानसभा चुनाव करीब है, ऐसे में तमाम पार्टियां अपने-अपने वोटरों को रिझाने में लगी हुई है. इसी क्रम में बिहार एनडीए भी अपने कोर वोटर को साधने में जुट गई है. माना जा रहा है कि बिहार में नीतीश कुमार और बीजेपी से वहां के सवर्ण वोटर काफी तादाद में नाराज चल रहे हैं. जो कभी एनडीए के कट्टर वोटर और समर्थक माने जाते थे. इसी को साधने में इस वक्त सीएम नीतीश लगे हुए हैं. 

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