हरियाणा की सैनी सरकार पर मायावती का फुटा गुस्सा!
हरियाणा में बीजेपी ने तीसरी बार सरकार बना ली है, जिसमें नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला है। उनकी पहली कैबिनेट बैठक में अनुसूचित जाति आरक्षण में उप वर्गीकरण लागू करने का निर्णय लिया गया, जिसे बसपा सुप्रीमो मायावती ने दलितों के खिलाफ षड्यंत्र बताया। उन्होंने इस फैसले को आरक्षण को खत्म करने की दिशा में एक कदम करार दिया। इस निर्णय के पीछे सुप्रीम कोर्ट का हालिया आदेश है, जो अनुसूचित जातियों के भीतर अधिक पिछड़े समूहों के लिए अलग से कोटा देने की अनुमति देता है।
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1. हरियाणा की नई भाजपा सरकार द्वारा एससी समाज के आरक्षण में वर्गीकरण को लागू करने अर्थात आरक्षण कोटे के भीतर कोटा की नई व्यवस्था लागू करने का फैसला दलितों को फिर से बांटने व उन्हें आपस में ही लड़ाते रहने का षड़यंत्र। यह दलित विरोधी ही नहीं बल्कि घोर आरक्षण विरोधी निर्णय है। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) October 18, 2024
2. हरियाणा सरकार को ऐसा करने से रोकने के लिए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के आगे नहीं आने से भी यह साबित है कि कांग्रेस की तरह बीजेपी भी आरक्षण को पहले निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने और अन्ततः इसे समाप्त करने के षडयंत्र में लगी है, जो घोर अनुचित व बीएसपी इसकी घोर विरोधी है। 2/3
— Mayawati (@Mayawati) October 18, 2024
गौरतलब है कि इसी साल अगस्त में सीजेआई डीवाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजों की संविधान पीठ ने अनुसूचित जातियों के उप वर्गीकरण की अनुमति दी थी। जिससे अनुसूचित जातियों के भीतर अधिक पिछड़े समूहों के लिए अलग से कोटा प्रदान किया जा सके। बताते चले कि हरियाणा में तीसरी बार भाजपा सरकार बनने के बाद शुक्रवार को सीएम नायब सिंह सैनी ने पहली कैबिनेट मीटिंग में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लागू करते हुए अनुसूचित जाति आरक्षण में कोटे के अंदर कोटे का निर्णय लागू किया।
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