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फर्जीवाड़ा रोकने के लिए महाराष्ट्र ने उठाया कदम, आधार से बने बर्थ सर्टिफिकेट अब मान्य नहीं

Aadhaar Card: सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ नहीं की जाएगी, जिन्होंने सही दस्तावेज़ और सटीक जानकारी देकर जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त किए हैं. कदम का उद्देश्य केवल फर्जी दस्तावेज़ बनवाने वालों और गलत तरीके से लाभ उठाने वालों को रोकना है.

Image Source: Social Media

Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार के ताज़ा निर्देशों का पालन करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि केवल आधार कार्ड को आधार बनाकर जारी किए गए जन्म प्रमाण पत्र अब मान्य नहीं माने जाएंगे. राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने गुरुवार को इसकी आधिकारिक जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राज्य के कई जिलों में बिना उचित दस्तावेज़ों के, सिर्फ आधार कार्ड की जानकारी के सहारे बड़ी संख्या में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जा रहे थे. इसी कारण सरकार ने निर्णय लिया है कि ऐसे सभी प्रमाण पत्र रद्द समझे जाएंगे और नई व्यवस्था के तहत कड़ी जांच अनिवार्य होगी. 

14 जिलों में फर्जीवाड़े की पहचान


मंत्री ने बताया कि अमरावती, अकोला, लातूर और संभाजीनगर सहित 14 जिलों को संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है, जहाँ जन्म प्रमाण पत्र में गड़बड़ियों के मामले काफी बढ़े हैं. आमतौर पर बच्चे के जन्म के एक वर्ष के भीतर स्वास्थ्य विभाग जन्म प्रमाण पत्र जारी करता है, जबकि उसके बाद यह जिम्मेदारी राजस्व विभाग की होती है. लेकिन कई जगहों पर आधार कार्ड को ही अकेला प्रमाण मानकर जन्म प्रमाण पत्र बना दिए जाते थे, जिससे भारी गड़बड़ियाँ सामने आईं. इसी पृष्ठभूमि में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में यह साफ कर दिया गया कि जन्मतिथि और जन्मस्थान साबित करने के लिए आधार कार्ड अकेला दस्तावेज़ नहीं हो सकता.

16-सूत्रीय कड़े सत्यापन निर्देश

 लागू
राज्य के राजस्व विभाग ने अब जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को और मजबूत करते हुए तहसीलदारों, एसडीओ, जिला कलेक्टरों और संभागीय आयुक्तों के लिए 16-सूत्रीय सत्यापन दिशानिर्देश जारी किए हैं. मंत्री बावनकुले के अनुसार, 11 अगस्त 2023 को हुए संशोधन के बाद नायब तहसीलदारों द्वारा जारी किए गए सभी जन्म/पंजीकरण आदेश अब रद्द माने जाएंगे. इसके अलावा, यदि किसी आवेदन में दी गई जानकारी आधार कार्ड से मेल नहीं खाती, तो आवेदक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. इतना ही नहीं, जिन लोगों ने अपने पुराने फर्जी प्रमाण पत्र जमा नहीं किए या जिन्हें ट्रेस नहीं किया जा सका, उन्हें भगोड़ा घोषित किया जाएगा और उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होगी.

विशेष सत्यापन शिविरों का आयोजन


फर्जीवाड़े को रोकने और जन्म प्रमाण पत्रों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 14 जिलों में विशेष सत्यापन शिविर लगाने के निर्देश जारी किए हैं. इन शिविरों के माध्यम से पुराने रिकॉर्ड की जांच, नए आवेदनों की कड़ी समीक्षा और संदिग्ध मामलों की विस्तृत पड़ताल की जाएगी. सरकार की मंशा है कि आने वाले समय में जन्म प्रमाण पत्र केवल सही, सत्यापित और वास्तविक जानकारी के आधार पर ही जारी हों. 
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ नहीं की जाएगी, जिन्होंने सही दस्तावेज़ और सटीक जानकारी देकर जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त किए हैं. कदम का उद्देश्य केवल फर्जी दस्तावेज़ बनवाने वालों और गलत तरीके से लाभ उठाने वालों को रोकना है.

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