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महाराष्ट्र: अवैध बांग्लादेशियों को बसाने के रैकेट पर CM फडणवीस का बड़ा वार, 50,000 फर्जी सर्टिफिकेट और 47 हजार आधार रद्द

हालिया रिपोर्ट्स पर नजर डालें तो फर्जी दस्तावेजों और आधार कार्ड बनवाने के मामलों पर सरकार लगातार एक्शन ले रही है. इससे पहले जुलाई 2025 में 42 हजार से ज्यादा बर्थ सर्टिफिकेट रद्द किए थे. ये सर्टिफिकेट अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों से जुड़े थे.

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29 Sep 2025
( Updated: 11 Dec 2025
02:04 PM )
महाराष्ट्र: अवैध बांग्लादेशियों को बसाने के रैकेट पर CM फडणवीस का बड़ा वार, 50,000 फर्जी सर्टिफिकेट और 47 हजार आधार रद्द

महाराष्ट्र में घुसपैठियों पर सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है. इसी कड़ी में फडणवीस सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बांग्लादेशी घुसपैठियों के जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड रद्द किए हैं. BJP नेता किरीट सोमैया इस कार्रवाई की पुष्टि की है. 

महाराष्ट्र में 50 हजार बर्थ सर्टिफिकेट और 47 हजार आधार कार्ड रद्द किए गए हैं. बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सरकार का ये बड़ा एक्शन माना जा रहा है. BJP नेता किरीट सोमैया ने X पोस्ट के जरिए बताया, बांग्लादेशी घुसपैठियों के जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड घोटालें में 50 हजार जन्म प्रमाण पत्र और 47 हजार आधार कार्ड रद्द किए गए हैं. इनमें साल 2024 तक के फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए मिले सर्टिफिकेट शामिल हैं. इसके साथ इस मामले में महाराष्ट्र सरकार ने 27 अपराध/प्राथमिकी भी दर्ज की हैं. 

घुसपैठियों के खिलाफ फडणवीस सरकार का सिलसिलेवार एक्शन
 
हालिया रिपोर्ट्स पर नजर डालें तो फर्जी दस्तावेजों और आधार कार्ड बनवाने के मामलों पर सरकार लगातार एक्शन ले रही है. इससे पहले जुलाई 2025 में 42 हजार से ज्यादा बर्थ सर्टिफिकेट रद्द किए थे. ये सर्टिफिकेट अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों से जुड़े थे. 

इसके बाद भी राज्य सरकार फर्जी दस्तावेजों और एप्लिकेशन की समीक्षा कर रही थी. दरअसल, किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र घोटाले का आरोप लगाया था. उन्होंने दावा किया कि नए संशोधित कानूनों का गलत इस्तेमाल कर हजारों अवैध विदेशी नागरिकों, खासकर बांग्लादेशी मुसलमानों ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड बनवा लिए हैं. 

’97% बांग्लादेशी मूल के मुस्लिम’

न्यूज एजेंसी IANS से खास बातचीत में सोमैया ने दावा किया कि 2024 में केंद्र सरकार ने कानून में बदलाव किया और न्यायिक मजिस्ट्रेटों के पास पहले मौजूद अधिकार तहसीलदारों को दे दिए. महाराष्ट्र में 2,24,000 लोगों को जन्म प्रमाण पत्र जारी करने की मंजूरी दी गई. जांच में पाया गया कि उनमें से 97 प्रतिशत बांग्लादेशी मूल के मुस्लिम थे, जिनकी उम्र 25, 30, 40 और 50 साल थी और उनके पास महाराष्ट्र या भारत में जन्म का कोई प्रमाण नहीं था. 

28 मुकदमें, दो हजार आरोपी अरेस्ट

किरीट सोमैया के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में अब तक 28 FIR दर्ज की हैं और 2 हजार लोगों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ( UIDAI) ने अनियमितताओं की जांच के बाद, इन फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों के आधार पर जारी किए गए हजारों आधार कार्ड रद्द कर दिए हैं. किरीट सोमैया ने बांग्लादेशी और रोहिंग्या आप्रवासियों की मौजूदगी पर भी चिंता जताई. उन्होंने सरकार से इन्हें वापस भेजने की मांग की. 

उन्होंने कहा कि, 2024 में सख्त कार्रवाई के कारण 2025 में जन्म प्रमाण पत्र के आवेदनों की संख्या 2,24,000 से घटकर लगभग 2 हजार रह गई है. BJP नेता किरीट सोमैया ने इस मामले में कार्रवाई के तरीके पर देवेंद्र फडणवीस सरकार पीठ थपथपाई.  

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