'ह्यूमन GPS' के नाम से मशहूर, 100 से ज्यादा आतंकियों की भारत में कराई एंट्री...आखिर कौन था 'समंदर चाचा', जिसे सेना ने एनकाउंटर में किया ढेर
बांदीपोरा के गुरेज सेक्टर में सेना ने आतंकियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाया है. इस ऑपरेशन में भारतीय जवानों ने आतंकियों के चलते फिरते GPS को मार गिराया. आतंकियों का ये ह्यूमन GPS बागू खान उर्फ़ समंदर चाचा था. पुलिस को कई सालों से समंदर चाचा की तलाश थी.
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कश्मीर की वादियों में सेना के जवान ढूंढ-ढूंढकर दहशतगर्दों का सफाया कर रहे हैं. वादियों में छुपे आतंकियों के साथ साथ उनके मददगारों को भी ठिकाने लगाया जा रहा है. इसी कड़ी में जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा में सेना को बहुत बड़ी कामयाबी मिली है. दहशतगर्दी की जड़े जमाने में साथ देने वाले समंदर चाचा को मार गिराया गया है. समंदर चाचा सेना की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था. क्या है समंदर चाचा की हिस्ट्री और उसकी मौत के बाद क्यों कांपेंगे आतंकी? चलिए जानते हैं.
कौन था 'समंदर चाचा'?
बांदीपोरा के गुरेज सेक्टर में सेना ने आतंकियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाया है. इस ऑपरेशन में भारतीय जवानों ने आतंकियों के चलते फिरते GPS को मार गिराया. आतंकियों का ये ह्यूमन GPS है बागू खान उर्फ़ समंदर चाचा. पुलिस को कई सालों से समंदर चाचा की तलाश थी. माना जा रहा है समंदर चाचा की मौत के साथ सेना ने आतंकियों के इरादों को भी पस्त कर दिया है समंदर चाचा आतंकियों का मज़बूत नेटवर्क था.
1995 से आतंकियों को करवा रहा था सीमा पार
बागू खान कश्मीर में 25 साल से ज़्यादा समय तक आतंकियों की मदद करता रहा. जानकारी के मुताबिक़, वह PoK के मुज़फ़्फ़राबाद में रहकर आतंकियों का हमकदम बना हुआ था. उसे कश्मीर के बेहद सीक्रेट रास्तों का तगड़ा नॉलेज था. 1995 से लेकर अब तक उसने करीब 100 से ज़्यादा घुसपैठ करवाने की कोशिश की. इसमें से ज़्यादातर कोशिशें सफल रहीं. बागू खान के तार कई आतंकी संगठनों से जुड़े हुए थे. सीमा पार करने के लिए आतंकी अक्सर समंदर चाचा की मदद लेते थे.
कैसे मारा गया समंदर चाचा?
सूत्रों के मुताबिक, 28 अगस्त की रात बागू खान उर्फ़ समंदर चाचा नौशेरा इलाक़े में घुसपैठ की कोशिश कर रहा था. तभी वह सुरक्षा बलों के हत्थे चढ़ गया. जवानों ने बागू खान को घेर लिया. इस दौरान बागू खान के साथ एक और पाकिस्तानी घुसपैठिया भी मारा गया.
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चकमा देने में माहिर था समंदर चाचा
समंदर चाचा की तलाश सेना को कई सालों से थी. लेकिन वह आसानी से बच निकलता था. उसने छिपने के लिए कई सीक्रेट ठिकाने बना रखे थे. उसे कश्मीर के हर रास्ते हर इलाक़े के बारे में जानकारी थी. उसके ज़रिए आतंकी आसानी से सीमा पार कर जाते थे. आख़िरकार आतंकियों के इस मददगार का सेना ने खेल ख़त्म कर दिया. जिससे आतंकियों के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है.
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