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अब हरियाणा के अधिकारी साल में दो बार जा सकेंगे विदेश! सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

Haryana: हरियाणा सरकार के ये नए नियम साफ करते हैं कि अब सरकारी या निजी खर्च पर विदेश यात्रा करना आसान नहीं होगा, जब तक कि सभी औपचारिकताएं पूरी ना हों. सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि जनता के पैसों का सही उपयोग हो और पारदर्शिता बनी रहे.

Source: Haryana

Haryana: हरियाणा सरकार ने अपने सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की विदेश यात्राओं को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. ये नियम तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं और इससे पहले इस संबंध में जो भी आदेश जारी किए गए थे, वे अब रद्द माने जाएंगे. इन नए नियमों का मकसद सरकारी विदेश दौरों में पारदर्शिता और नियंत्रण सुनिश्चित करना है.

किस-किस पर लागू होंगे ये नियम?

ये नए दिशा-निर्देश राज्य सरकार के ग्रुप A, B, C और D के सभी कर्मचारियों पर लागू होंगे. इसके साथ ही हरियाणा कैडर के अखिल भारतीय सेवा (IAS, IPS, आदि) अधिकारियों पर भी ये नियम समान रूप से लागू होंगे. आदेश राज्य के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी किए गए हैं, जो वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव भी हैं.

अब विदेश यात्रा के लिए जरूरी होगी वित्त विभाग की मंजूरी

अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी सरकारी खर्चे पर विदेश यात्रा करना चाहता है, तो अब उसे अपने विभाग की सिफारिश के साथ मुख्यमंत्री की मंजूरी और एक चेकलिस्ट भेजनी होगी. इसके बाद ही वित्त विभाग (F.R. शाखा) से स्वीकृति मिल सकेगी. यात्रा पर जाने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी होगा कि उस विभाग के पास यात्रा भत्ते (TA/DA) के लिए पर्याप्त बजट मौजूद है. बिना बजट के मंजूरी नहीं मिलेगी.

हर साल सिर्फ एक आधिकारिक और एक निजी यात्रा की अनुमति

  • सरकारी खर्चे पर प्रति वित्तीय वर्ष में सिर्फ एक आधिकारिक यात्रा और एक निजी यात्रा की अनुमति दी जाएगी. ये दोनों यात्राएं मिलाकर तीन हफ्ते (21 दिन) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
  • अगर कोई कर्मचारी अपने व्यक्तिगत खर्चे पर विदेश जाना चाहता है, तो साल में सिर्फ एक निजी यात्रा की इजाज़त दी जाएगी. इसके लिए भी पहले से मंजूरी जरूरी होगी और जिस देश में यात्रा करनी है, उसका नाम मंजूरी पत्र में लिखा होना चाहिए.

इन परिस्थितियों में यात्रा की अनुमति नहीं मिलेगी

सरकार ने कुछ विशेष स्थितियों में साफ तौर पर कहा है कि विदेश यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी. ये स्थितियाँ हैं:

  • कर्मचारी पर अगर कोई आपराधिक केस लंबित है या आरोपपत्र (चार्जशीट) जारी किया गया है.
  • यात्रा का खर्च कोई निजी संस्था या व्यक्ति उठा रहा है, तो भी मंजूरी नहीं मिलेगी.
  • इससे सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि यात्राएं पारदर्शी और नियमों के अनुसार हों.

बिना अनुमति विदेश गए तो होगी सख्त कार्रवाई

  • अगर कोई कर्मचारी बिना पूर्व अनुमति के विदेश यात्रा पर जाता है, तो उसे बाद में अनुमति (Ex-post facto approval) नहीं दी जाएगी. बल्कि उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई (disciplinary action) की जाएगी.
  • साथ ही यात्रा पर जाने से पहले अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके काम की ज़िम्मेदारी (चार्ज) किसी और अधिकारी को सौंप दी गई है.

इन नियमों में बदलाव का अधिकार सिर्फ वित्त विभाग के पास

अगर इन दिशा-निर्देशों में किसी तरह की व्याख्या (interpretation) या बदलाव की जरूरत पड़े, तो इसका अधिकार केवल वित्त विभाग (F.R. शाखा) के पास रहेगा. यानी कोई और विभाग अपने स्तर पर इनमें बदलाव या छूट नहीं दे सकता.

अब विदेश यात्रा के लिए नियम सख्त 

हरियाणा सरकार के ये नए नियम साफ करते हैं कि अब सरकारी या निजी खर्च पर विदेश यात्रा करना आसान नहीं होगा, जब तक कि सभी औपचारिकताएं पूरी ना हों. सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि जनता के पैसों का सही उपयोग हो और पारदर्शिता बनी रहे. इन दिशा-निर्देशों से अधिकारियों को पहले से प्लानिंग करनी होगी और मनमाने तरीके से छुट्टी लेकर विदेश जाने की प्रथा पर रोक लगेगी.

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