हरियाणा सरकार की सौगात, अब महिलाएं फैक्ट्री में मशीनों के पास भी कर सकेंगी काम
Haryana: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि इन फैसलों का मकसद हर क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाना और कामकाज को आधुनिक बनाना है. फैक्ट्रियों से लेकर स्कूलों तक हर जगह अब नियम सरल, डिजिटल और कर्मचारियों के हित में होंगे.
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CM Nayab Singh Saini: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों को मंजूरी दी गई. इन फैसलों का सीधा असर राज्य के मज़दूरों, कर्मचारियों और शिक्षकों पर पड़ेगा. सरकार का कहना है कि इन बदलावों से कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी, औद्योगिक माहौल सुधरेगा और लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा.
अब हर कर्मचारी को मिलेगा अपॉइंटमेंट लेटर
बैठक में सबसे अहम फैसला फैक्ट्रियों (संशोधन) अध्यादेश 2025 से जुड़ा रहा. इसके तहत पुराने फैक्ट्री अधिनियम 1948 में कई बड़े बदलाव किए गए हैं ताकि उसे आधुनिक ज़रूरतों के अनुसार बनाया जा सके. अब से हर फैक्ट्री प्रबंधन को अपने कर्मचारियों को नियुक्ति के समय औपचारिक अपॉइंटमेंट लेटर देना अनिवार्य होगा. इसका मकसद है कि कर्मचारियों को कानूनी सुरक्षा मिले और किसी भी विवाद की स्थिति में पारदर्शिता बनी रहे.
महिलाओं के लिए नए अवसर, पर सुरक्षा होगी ज़रूरी
इस संशोधन में महिलाओं के लिए भी बड़ा बदलाव किया गया है. अब महिलाएँ भी उन जगहों पर काम कर सकेंगी, जहाँ पहले उन्हें अनुमति नहीं थी, जैसे मशीनरी के पास या कपास खोलने जैसी प्रक्रियाओं में. हालांकि, इसके लिए नियोक्ता (फैक्ट्री मालिक) को यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाओं को पूरी सुरक्षा दी जाए. उन्हें सुरक्षा उपकरण और सभी ज़रूरी सुविधाएँ प्रदान करना अनिवार्य होगा.
अब छोटी गलतियों पर जेल नहीं, आर्थिक जुर्माने का प्रावधान
सरकार ने यह भी तय किया है कि अगर किसी फैक्ट्री में छोटी प्रक्रियागत या आर्थिक ग़लती होती है, तो अब उसके लिए जेल की सजा नहीं दी जाएगी. इसके बजाय आर्थिक दंड (फाइन) का प्रावधान रखा गया है. इससे कारोबारियों को राहत मिलेगी और न्यायिक प्रक्रिया भी सरल होगी.
ओवरटाइम बढ़ाया गया, काम के दिन चुनने की आज़ादी
अब फैक्ट्रियों में कर्मचारियों का ओवरटाइम 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही कर दिया गया है. इसका मतलब है कि काम करने की सीमा कुछ बढ़ा दी गई है, ताकि उत्पादन और समय प्रबंधन आसान हो सके. इसके अलावा फैक्ट्रियों को अब यह आज़ादी भी दी गई है कि वे सप्ताह में 5 या 6 दिन काम करने का विकल्प चुन सकें. यानी अब कामकाजी दिन लचीले हो गए हैं.
दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम में बदलाव
कैबिनेट ने हरियाणा दुकान एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान (संशोधन) अध्यादेश 2025 को भी मंजूरी दी. इस बदलाव के तहत अब 20 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान इस कानून के दायरे में आएंगे. पंजीकरण की प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन और सेल्फ-सर्टिफिकेशन पोर्टल के माध्यम से होगी. इससे छोटे कारोबारियों और दुकानदारों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. नई व्यवस्था में कर्मचारियों के लिए भी कई प्रावधान जोड़े गए हैं, जैसे कि हर कर्मचारी को अपॉइंटमेंट लेटर और पहचान पत्र देना अनिवार्य होगा. साथ ही, ओवरटाइम की सीमा 156 घंटे तक बढ़ा दी गई है.
शिक्षकों के लिए नई ट्रांसफर पॉलिसी 2025 लागू
कैबिनेट बैठक में शिक्षा विभाग से जुड़ा एक बड़ा फैसला भी लिया गया. शिक्षक स्थानांतरण नीति 2025 (Teacher Transfer Policy 2025) को मंजूरी दी गई है.अब पुरानी “ज़ोन प्रणाली” को खत्म कर दिया गया है. इसका मतलब है कि शिक्षक अब राज्य के किसी भी स्कूल में ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकते हैं.नई पॉलिसी के तहत स्कूल आवंटन अब 80 अंकों के स्कोर सिस्टम पर आधारित होगा -
- उम्र के लिए मिलेंगे 60 अंक,
- और विशेष श्रेणी के शिक्षकों (जैसे महिला, विधवा, विकलांग या गंभीर बीमारी से जूझ रहे शिक्षक) को 20 अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे.
- जो शिक्षक अनुशासनहीनता या गंभीर दंड झेल चुके हैं, उनके 10 अंक काटे जाएंगे.
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि इन फैसलों का मकसद हर क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाना और कामकाज को आधुनिक बनाना है. फैक्ट्रियों से लेकर स्कूलों तक हर जगह अब नियम सरल, डिजिटल और कर्मचारियों के हित में होंगे.
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