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कफ सिरप बना जानलेवा! मासूमों की मौत के बाद सरकार ने खांसी की दवाओं पर लगाई रोक, जानिए क्या है पूरा मामला

खांसी की दवा खाने से मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 14 और राजस्थान में 4 बच्चों की मौत किडनी फेल होने से हो गई. जिन कफ सिरप पर सवाल उठाए गए हैं उन्हें सबसे प्रमुख नाम 'कोल्ड्रिफ' का है. वहीं ऐसी रिपोर्ट आने के बाद मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और केरल सरकार ने इसकी बिक्री पर रोक लगा दी है.

05 Oct, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
05:03 PM )
कफ सिरप बना जानलेवा! मासूमों की मौत के बाद सरकार ने खांसी की दवाओं पर लगाई रोक, जानिए क्या है पूरा मामला

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 14 बच्चों तो राजस्थान में 4 बच्चों की मौत किडनी फेल होने की वजह से हो गई. आरोप है कि इन बच्चों की मौत कफ सिरप पीने की वजह से हुई है. इन कफ सिरप में कथित तौर पर कुछ खतरनाक रसायन मिले होने का बात सामने आई है. जिन कफ सिरप पर सवाल उठाए गए हैं उन्हें सबसे प्रमुख नाम 'कोल्ड्रिफ' का है. वहीं ऐसी रिपोर्ट आने के बाद मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और केरल सरकार ने इसकी बिक्री पर रोक लगा दी है. बता दें कि इसका निर्माण 'श्रीसन फार्मास्युटिकल्स' की ओर से किया जाता है. 

दवा में डाईथिलीन ग्लाइकॉल मिलने का दावा

एक रिपोर्ट के मुताबिक छिंदवाड़ा में प्रशासन ने 'कोल्ड्रिफ' और खांसी की एक अन्य दवा ‘नेक्सट्रो-डीएस’ की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था. ‘कोल्ड्रिफ’ की रिपोर्ट शनिवार को मिली, जबकि ‘नेक्सट्रो-डीएस’ की रिपोर्ट का फिलहाल इंतजार है. इधर मध्य प्रदेश सरकार के अनुरोध पर तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने कोल्ड्रिफ के नमूनों की जांच की. मामले को लेकर अधिकारियों ने बताया कि दवा के नमूनों में 48.6 प्रतिशत 'डाईथिलीन ग्लाइकॉल(DEG)’ पाया गया है, जो एक अत्यधिक जहरीला रसायन है. बताया जा रहा है कि DEG का इस्तेमाल एंटी फ्रीज और ब्रेक ऑइल के रूप में किया जाता है. इसके सेवन से किडनी फेल हो सकती है और जान जा सकती है. 

किस बैच में मिली मिलावट?

श्रीसन फार्मास्युटिकल्स, कांचीपुरम द्वारा निर्मित ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप के एक नमूने (बैच संख्या एसआर-13; निर्माण-मई 2025; उपयोग की समय सीमा समाप्ति: अप्रैल 2027) को मिलावटी घोषित किया गया. इसमें 48.6 प्रतिशत ‘डाईथिलीन ग्लाइकॉल’ पाया गया, जो अत्यंत जहरीला होता है. ये स्वास्थ्य के लिए अत्याधिक घातक हो सकता है. मध्यप्रदेश में ‘कोल्ड्रिफ’ की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी है. इसके अलावा दवा को जब्त करने के निर्देश भी सरकार की ओर से दिए गए हैं. साथ ही ‘श्रीसन फार्मास्युटिकल्स’ द्वारा निर्मित अन्य उत्पादों की बिक्री भी जांच पूरी होने तक प्रतिबंधित कर दी गई है.

छिंदवाड़ा में 14 बच्चों की मौत, 6 बच्चे इलाजरत

मध्यप्रदेश सरकार ने छिंदवाड़ा जिले में हुई 14 बच्चों की मौतों के बाद ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप पर बैन लगाया है. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 11 मौतें परासिया अनुमंडल में 7 सितंबर से अब तक हुई हैं. SDM सौरभ कुमार यादव ने बताया कि छह बच्चों का उपचार किया जा रहा है, जिनमें से पांच नागपुर में और एक छिंदवाड़ा में भर्ती हैं. नागपुर में भर्ती तीन बच्चों की हालत गंभीर बताई गई है. इधर अधिकारियों का कहना है कि 14 मृतकों के परिजनों के लिए चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है. मृतकों में 11 परासिया उपमंडल के, दो छिंदवाड़ा शहर के और एक चौरई तहसील के थे. 

एंटीबायोटिक और कफ सिरप की हो रही जांच  

CDSCO ने छह राज्यों में कफ सिरप और एंटीबायोटिक समेत 19 दवाओं की निर्माता कंपनियों में जांच शुरू कर दी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बयान जारी किया है. मंत्रालय ने बताया कि अब तक जांचे गए छह दवा के नमूने और एमपी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा जांचे गए तीन नमूने उन संदूषकों से मुक्त पाए गए, जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं. 

राजस्थान में ‘केसन्स’ कंपनी के कफ सिरप भी सवालों में

राजस्थान में अब तक 4 बच्चों की मौत कथित तौर पर कफ सिरप पीने से हुई है. आरोप है कि ‘केसन्स फार्मा’ की ओर से निर्मित खांसी की दवा ‘डेक्सट्रोमेथॉर्फेन हाइड्रोब्रोमाइड’ के कारण की बच्चों की जान चली गई. आरोपों के बाद राज्य सरकार ने केसन्स फार्मा द्वारा निर्मित सभी 19 दवाओं की आपूर्ति अगले आदेश तक रोक लगा दी है. 

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मामले को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विस्तृत जांच और प्रभावी कार्रवाई के आदेश दिए हैं. वहीं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जोधपुर में कहा कि जिस खांसी की दवा को राज्य में तीन बच्चों की मौत का कारण बताया जा रहा है, वह सुरक्षित है और उसमें न तो कोई मिलावट पाई गई है व न ही कोई अन्य खराबी.

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