BMC चुनाव में अकेले उतरेगी कांग्रेस! उद्धव-राज ठाकरे के साथ आने से खुलकर सामने आई कलह, एक लेटर से मचा हड़कंप
महाराष्ट्र में कांग्रेस नेता की एक चिट्ठी ने MVA की आतंरिक कलह को उजागर कर दिया है इसके बाद माना जा रहा है कि BMC चुनावों में कांग्रेस अकेले मैदान में उतरेगी.
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चुनावों के बाद से ही महाराष्ट्र में INDIA गठबंधन के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. BMC चुनावों से पहले विपक्ष के एक होने की बजाय खींचतान की खबरे सामने आई रही है. अब महाराष्ट्र में कांग्रेस नेता की एक चिट्ठी ने MVA की आतंरिक कलह को उजागर कर दिया है इसके बाद माना जा रहा है कि BMC चुनावों में कांग्रेस अकेले मैदान में उतरेगी.
महाराष्ट्र में एक तरफ 13 साल बाद ठाकरे ब्रदर्स एक मंच पर साथ आए हैं तो दूसरी ओर उद्धव ठाकरे की सहयोगी कांग्रेस उनका साथ छोड़ती नजर आ रही है. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव संदीप ललन सिंह ने BMC चुनावों में कांग्रेस से अकेले लड़ने की मांग की है.
कांग्रेस कमेटी के सचिव ने पत्र में क्या लिखा?
संदीप ललन सिंह ने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि, अगर कांग्रेस पार्टी अपनी खोई हुई पहचान और ताक़त वापस पाना चाहती है, तो उसे किसी सहारे की जरूरत नहीं है, बल्कि अकेले चुनाव मैदान में उतरना होगा. BMC चुनाव हो या अन्य स्थानीय निकाय चुनाव, कांग्रेस को अपने कार्यकर्ताओं की मेहनत और मजबूती पर भरोसा कर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ना चाहिए.
@RahulGandhi @INCHarshsapkal @VarshaEGaikwad आज समय की मांग है कि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं की मेहनत पर विश्वास करे और पालिका चुनावों में जनता के बीच अकेले उतरे। यही कदम पार्टी को पुनः मजबूत करेगा और कार्यकर्ताओं के भीतर नई ऊर्जा भरेगा। pic.twitter.com/oiNZ5aF0mj
— Sandeep Singh (@sandeep_lalan) September 13, 2025
कांग्रेस नेता ने पार्टी को चेताया
संदीप सिंह ने ये भी कहा कि, गठबंधन की वजह से जनता के बीच ये मैसेज नहीं जा रहा है कि, कांग्रेस अपनी मज़बूत ज़मीन पर खड़ी है. अगर पार्टी अब भी दूसरों के सहारे चुनाव लड़ेगी तो कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटेगा और संगठन और कमजोर हो जाएगा. संदीप सिंह ने चेताया कि, अगर समय रहते पार्टी ने सही फैसला नहीं लिया तो आने वाली पीढ़ियों के सामने कांग्रेस जवाबदेह नहीं रह पाएगी.
राज ठाकरे और उद्धव की नजदीकी से कांग्रेस असहज
दरअसल, कांग्रेस की इस छटपटाहट की वजह राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की नजदीकी को भी माना जा रहा है. दशकों से राजनीतिक और वैचारिक दूरी रखने वाले दो भाई एक साथ आ गए. राज ठाकरे, उद्धव के साथ मंच शेयर करते दिखे. एक दूसरे के लिए दोनों भाई सॉफ्ट कॉर्नर दिखा रहे हैं. हो सकता है दोनों भाइयों का ये भरत मिलाप राजनीतिक हो लेकिन इसने कांग्रेस को टेंशन में डाल दिया.
जहां एक तरफ उद्धव ठाकरे INDIA में सब कुछ ठीक होने और एकता का दावा करते हैं, जबकि दूसरी ओर कांग्रेस अलग-थलग महसूस कर रही है. राज-उद्धव के बीच बनते नए समीकरण को देखते हुए कांग्रेस पहले से ही खुद को तैयार कर रही है और इसके संकेत कांग्रेस कमेटी के सचिव संदीप सिंह ने पत्र के जरिए दे दिए हैं. उन्होंने साफ कर दिया कि कांग्रेस को अपनी खोई हुई पहचान वापस पानी है तो अकेले दम भरना होगा.
कांग्रेस नेता के पत्र से क्या बढ़ेगा कार्यकर्ताओं का मनोबल
बार-बार हार और कमजोर होते नेतृत्व के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता भी हतोत्साहित हैं. वहीं, गठबंधन की राजनीति ने जमीनी स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मनोबल को तोड़ा है. ऐसे में अगर BMC चुनाव में कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ती है तो कार्यकर्ताओं का जोश फिर हाई होगा. संदीप सिंह ने तर्क दिया कि कार्यकर्ताओं के टूटते हौसले के लिए जरूरी है कांग्रेस खुद को बिना बैसाखी मजबूत करे.
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हालांकि यहां सवाल ये है कि अगर कांग्रेस BMC चुनाव में अकेले उतरती है तो क्या यह गठबंधन धर्म की उलाहना नहीं होगी. महाराष्ट्र में INDIA के बीच ये टूट दिल्ली तक टेंशन बढ़ा सकती है. BJP के सामने मजबूती का दम भरने वाले INDIA गठबंधन की एकजुटता क्या महाराष्ट्र में ही दम तोड़ देगी? क्योंकि ठाकरे ब्रदर्स की नजदीकियां महाराष्ट्र की सियासत को इस मोड़ पर लेकर जा रही हैं. इसके बाद कमसकम कांग्रेस ने तो अलग चुनाव लड़ने का मन बना ही लिया है.
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