कर्नल पुरोहित को मिला प्रमोशन, मालेगांव ब्लास्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद सेना का बड़ा कदम, जानिए रैंक
मालेगांव ब्लास्ट मामले में कोर्ट से बरी होने के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को 17 साल के लंबे इंतजार के बाद प्रमोशन मिला. सेना से प्रमोशन मिलने के बाद अब वह फुल कर्नल हो गए हैं.
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मालेगांव ब्लास्ट मामले में कोर्ट से बरी होने के 17 साल बाद लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को बड़ा प्रमोशन मिला है. सेना ने उन्हें फुल कर्नल बना दिया है. 31 जुलाई को मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने कर्नल पुरोहित समेत सभी आरोपियों को 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस से बरी कर दिया था. इस धमाके में 6 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
झूठे केस में फंसाया गया- कर्नल पुरोहित
मालेगांव ब्लास्ट केस में 9 साल जेल में बिताने वाले कर्नल पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया था. 1994 में मराठा लाइट इन्फेंट्री में कमीशन पाने वाले कर्नल पुरोहित को हाल ही में प्रमोशन मिला है. बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने उनकी नई तस्वीर X हैंडल पर साझा की है.
Congratulations Col. Purohit on being back in uniform.
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) September 25, 2025
The Govt stands firmly with patriots who serve the nation with courage and integrity. pic.twitter.com/C8rd2WMkbe
बैन हटने के बाद फिर शुरू हुआ कर्नल पुरोहित का करियर
मालेगांव ब्लास्ट केस में कोर्ट से बरी होने के बाद सेना ने लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित पर पिछले 16 साल से लगा डिसिप्लिन एंड विजिलेंस (DV) बैन हटा दिया है. सेना सूत्रों के अनुसार, बैन हटाने की फाइल सदर्न कमांड को भेजी गई थी, जिससे उनके प्रमोशन और बाकी सर्विस बेनिफिट बहाल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई. केस में आरोपी बनने और गिरफ्तारी के बाद उन पर DV बैन लगाया गया था, जिससे उनका पूरा मिलिट्री करियर थम गया था.
प्रमोशन का रास्ता कैसे खुला?
आर्मी एक्ट के तहत DV बैन लगने के बाद ऑफिसर का नाम प्रमोशन बोर्ड में नहीं जाता. यही कारण था कि कर्नल के पद के लिए क्वालिफाई होने के बावजूद पुरोहित का नाम कभी बोर्ड में नहीं पहुंचा. बैन हटाने के बाद फाइल सदर्न कमांड से दिल्ली स्थित आर्मी हेडक्वार्टर पहुंची. यहां टॉप लेवल पर डि-क्लासिफिकेशन और लीगल क्लीयरेंस मिला. इसके बाद स्पेशल बोर्ड ने उनके पुराने प्रमोशन असेसमेंट की समीक्षा की और उन्हें कर्नल के पद पर प्रमोट करने का फैसला लिया.
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