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'मौत को मुट्ठी में लेकर चलना इनके बाएं हाथ का खेल...', पीएम मोदी ने नौसेना और पुलिसकर्मियों की सराहना की, कहा - INS विक्रांत से पाकिस्तान में दहशत

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में देश के पुलिसकर्मियों की वीरता और समर्पण की जमकर सराहना की. उन्होंने कहा कि 'पुलिस के पास केवल डंडा होता है. उनके पास उतने साधन नहीं होते और उनकी ट्रेनिंग भी नागरिकों के साथ मिलजुलकर करने की होती है. इसके बावजूद पुलिस के अलग-अलग बेड़े के जवानों ने नक्सलियों के साथ जिस तरह से लोहा लिया है. वह काबिले-तारीफ है.'

दिवाली के शुभ अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिसकर्मियों की वीरता और समर्पण की जमकर सराहना की है. इसके अलावा उन्होंने नौसेना के जवानों की ताकत का जिक्र करते हुए कहा कि मौत को मुट्ठी में लेकर चलना इनके बाएं हाथ का खेल है. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उन पुलिसकर्मियों को भी याद किया, जिन्होंने नक्सली हमले में अपने अंग खो दिए. पीएम मोदी ने माओवादी हिंसा से मुक्ति पर भी अपना संबोधन दिया. बता दें कि पीएम मोदी आज INS विक्रांत जवानों के साथ दिवाली सेलिब्रेट कर रहे हैं. 

'मौत को मुट्ठी में लेकर चलना इनके बाएं हाथ का खेल'

पीएम मोदी ने दिवाली के शुभ अवसर पर देश की नौसेना की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि मौत को मुट्ठी में लेकर चलना नौसेना के जवानों के बाएं हाथ का खेल है. उन्होंने कहा कि 'स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत INS विक्रांत पर नौसेना कर्मियों के बीच दिवाली मनाकर खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं. कल से मैं आपके बीच में हूं, हर पल मैंने उस पल को जीने के लिए कुछ ना कुछ सीखा है. आपका समर्पण इतना ऊंचा है कि मैं उसे जी तो नहीं पाया, लेकिन मैंने उसे अनुभव जरूर किया है. मैं कल्पना कर सकता हूं कि इस दौर से गुजरना कितना मुश्किल रहा होगा.' इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य है कि भारत को विश्व के शीर्ष रक्षा निर्यातकों में से एक बनाना. उन्होंने कहा कि साल 2014 से अब तक हमारे शिपयार्ड की ओर से 40 से अधिक युद्धपोत और पनडुब्बियां बनाई गई हैं.

'विक्रांत नाम से पूरे पाकिस्तान में दहशत' 

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 'कुछ महीने पहले ही हमने देखा कि कैसे विक्रांत नाम से ही पूरे पाकिस्तान में दहशत की लहर दौड़ गई थी. इसकी ताकत और एक ऐसा नाम जो युद्ध शुरू होने से पहले दुश्मनों के हौसले को पस्त कर देता है. यह INS विक्रांत की ताकत है. इस मौके पर मैं विशेष रूप से हमारे सशस्त्र बलों को सलाम करना चाहता हूं.' 

'पुलिसकर्मियों की वीरता और समर्पण की सराहना की' 

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में देश के पुलिसकर्मियों की वीरता और समर्पण की जमकर सराहना की. उन्होंने कहा कि 'पुलिस के पास केवल डंडा होता है. उनके पास उतने साधन नहीं होते और उनकी ट्रेनिंग भी नागरिकों के साथ मिलजुलकर करने की होती है. इसके बावजूद पुलिस के अलग-अलग बेड़े के जवानों ने नक्सलियों के साथ जिस तरह से लोहा लिया है. वह काबिले-तारीफ है.' 

'नक्सली हमले में पुलिसकर्मियों को किया याद' 

प्रधानमंत्री मोदी ने देश के उन पुलिसकर्मियों को भी याद किया, जिन्होंने नक्सली हमले में अपने अंग खो दिए. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 'मैं उन अनगिनत परिवारों को जानता हूं, जिनको माओवादी-नक्सली विद्रोहियों ने निशाना बनाया. इनके हाथ-पैर काटे गए, जिनका गांवों में जीना मुश्किल कर दिया गया. फिर भी इन वीर जवानों ने शांति और नागरिकों के बेहतर जीवन के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. पुलिसकर्मियों ने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए निस्वार्थ भाव से बलिदान दिया. इतना सब कुछ खोने के बाद भी इन्होंने अपना हौसला नहीं खोया.'

'माओवादी हिंसा से देश को मिल रही मुक्ति'

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 'भारत आज माओवादी हिंसा से मुक्ति की दहलीज पर खड़ा है. यह स्वतंत्रता हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रही है. देश के 125 जिले माओवादी के आतंक की चपेट में थे, लेकिन यह घटकर अब केवल 11 जिलों तक रह गया है. 90 प्रतिशत सफलता मिल चुकी है. मुझे पूरा विश्वास है कि जल्द ही पुलिस बल माओवादी हिंसा को पूरी तरीके से खत्म करने में सफल रहेगी.' 

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