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भोपाल में दो मस्जिदों पर चलेगा बुलडोजर! हिंदू और मुस्लिम पक्ष एक-दूसरे के सामने आए, जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर

भोपाल की दो मस्जिदों पर बुलडोजर कार्रवाई होने जा रही है. आरोप है कि इन दोनों मस्जिदों का निर्माण सरकारी जमीन पर हुआ है, जिसकी वजह से यह कार्रवाई हो रही है. मस्जिद टूटने पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि 'अगर किसी ने एक पैर भी रखा, तो लाशों से गुजरना होगा.'

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दो मस्जिदों को हटाने के आदेश के बाद माहौल गर्मा गया है. इस आदेश के बाद कई मुस्लिम संगठनों ने सड़क पर उतरने की चेतावनी दी हैं. वहीं हिंदू संगठनों का कहना है कि अगर इन मस्जिदों को बचाने की कोशिश की गई, तो हमारी तरफ से भी बड़ा आंदोलन होगा. यह पूरा मामला भोपाल में बड़ा तालाब के एफटीएल क्षेत्र में बनी दो मस्जिदों का है. इन दोनों मस्जिदों को हटाने का नोटिस NGT की तरफ से दिया गया है. 

क्या है पूरा मामला? 

बता दें कि भोपाल में बड़ा तालाब के एफटीएल क्षेत्र में बनी दो मस्जिदों दिलकश मस्जिद और मोहम्मदी मस्जिद को हटाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इस मामले के सामने आने के बाद हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं. जिला प्रशासन ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण बताते हुए दोनों मस्जिदों को जल्द से जल्द हटाने का नोटिस जारी किया है. 

ढांचा न हटाने पर बड़ी कार्रवाई की चेतावनी

भोपाल जिला प्रशासन ने इस मामले में चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर खुद से इस ढांचे को नहीं हटाया गया, तो प्रशासन की तरफ से बलपूर्वक बेदखल कार्रवाई होगी. जानकारी के लिए बता दें कि NGT की तरफ से यह नोटिस जारी किया गया है.

हिंदू और मुस्लिम संगठन आमने-सामने

इस मस्जिद को हटाने को लेकर अब दो समुदाय के लोग एक दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं. एक तरफ मुस्लिम पक्ष इस मस्जिद को हटाने पर कड़ा विरोध जता रहा है, तो दूसरी तरफ हिंदू पक्ष ने चेतावनी दी है कि अगर इस अवैध मस्जिद को नहीं हटाया गया, तो उनकी तरफ से बड़ा आंदोलन होगा. वहीं एक मुस्लिम संगठन का कहना है कि 'अगर मस्जिद पर पैर भी रखा, तो आर-पार की लड़ाई होगी और लाशों पर से गुजरना होगा.'

पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना के आधार पर हुई कार्रवाई

भोपाल की दो अवैध मस्जिदों के अलावा पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना के तहत तालाब के 50 मीटर शहरी एवं 250 मीटर ग्रामीण क्षेत्र में आने वाले सभी अतिक्रमण को चिन्हित कर हटाने का आदेश दिया गया है. इनमें मस्जिदों के अलावा मंदिर व कुल 35 अन्य निर्माण भी शामिल हैं.

'मध्य प्रदेश में लैंड जिहाद स्वीकार नहीं'

मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास नारंग का भी इस मामले पर एक बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि 'राज्य में किसी भी तरीके से लैंड जिहाद स्वीकार नहीं होगा, यहां NGT और कानून के आदेशों का पालन करना होगा.'

हाई कोर्ट में लंबित है मामला

मस्जिद को हटाने को लेकर बढ़ रहे विवाद के बीच प्रशासन का कहना है कि वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी का पक्ष सुनने के बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा. वर्तमान में मामला हाई कोर्ट में लंबित है. फिलहाल यह देखना है कि अदालत के फैसले के बाद प्रशासन मस्जिदों को हटाता है या फिर दस्तावेजों के आधार पर वक्फ बोर्ड इन धार्मिक स्थलों को बचाने में सफल होगा. यह मामला जिला प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गया है. वहीं एमपी वक्फ बोर्ड ने मोर्चा खोलते हुए हाईकोर्ट में रिट दाखिल की है. बोर्ड का कहना है कि दोनों ही मस्जिदें वक्फ संपत्ति हैं और इनके पास वर्षों पुराने कानूनी दस्तावेज मौजूद हैं. 

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