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10 दिनों से केरल में फंसा ब्रिटेन का F-35 फाइटर जेट, हैंगर में शिफ्ट करने से किया इनकार, आखिर किस बात से डरी ब्रिटेन की रॉयल नेवी?

F-35B फाइटर जेट को दुनिया के सबसे महंगे और तकनीकी रूप से उन्नत लड़ाकू विमानों में गिना जाता है. केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 14 जून से फंसा हुआ है. आखिर क्या वजह है जो ये इतने दिनों बाद भी यहां अटका हुआ है. बड़ा सवाल ये है कि 10 दिनों से धूप-तूफान में फंसने के बावजूद ब्रिटिश F-35 फाइटर जेट की हैंगर में शिफ्टिंग क्यों नहीं हो रही है, आखिर किस बात से डरी है ब्रिटेन की रॉयल नेवी?

Created By: केशव झा
25 Jun, 2025
( Updated: 04 Dec, 2025
04:53 AM )
10 दिनों से केरल में फंसा ब्रिटेन का F-35 फाइटर जेट, हैंगर में शिफ्ट करने से किया इनकार, आखिर किस बात से डरी ब्रिटेन की रॉयल नेवी?

ब्रिटेन की रॉयल नेवी का F-35B फाइटर जेट बीते दस दिनों से केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अटका हुआ है. अब इसमें आई खराबी को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. पहले ईंधन खत्म होने की बात सामने आई थी, बाद में इसके हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी बताई गई. अब दावा किया जा रहा है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने जेट को लॉक कर दिया है. इस विमान की कीमत करीब 110 मिलियन डॉलर (लगभग 950 करोड़ रुपये) है और यह 14 जून से इमरजेंसी लैंडिंग के बाद से एयरपोर्ट पर खड़ा है. दुनिया के सबसे उन्नत और आधुनिक स्टील्थ जेट के करीब दो हफ्तों से दूसरे देश में फंसे होने के बाद अब कई सवाल उठने लगे हैं.

विमान की सुरक्षा में तैनात हैं CISF के जवान
मामले के जानकारों के अनुसार, यह कहा जा रहा है कि इस जेट के पायलट ने इसे छोड़कर कहीं और जाने से इनकार कर दिया है. हालांकि, तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर खड़े इस ब्रिटिश फाइटर जेट की सुरक्षा के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों को तैनात किया गया है. शुरू में कहा गया था कि विमान ने ईंधन की कमी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग की, लेकिन बाद में जांच में सामने आया कि उसके हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी आई थी. ब्रिटिश टीम और अन्य विशेषज्ञों की तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक यह विमान उड़ान भरने में सक्षम नहीं हो पाया है. पहले ब्रिटेन से आई टीम इसे ठीक करने में असफल रही, फिर सिंगापुर से करीब 30 लोगों की टीम आई, लेकिन वह भी समस्या को हल नहीं कर सकी.

भारत ने हैंगर की पेशकश की, रॉयल नेवी ने ठुकराया
भारत ने इस अत्याधुनिक और संवेदनशील विमान को मानसूनी बारिश से बचाने के लिए एयरपोर्ट के हैंगर में रखने की पेशकश की थी, लेकिन रॉयल नेवी ने सुरक्षा और गोपनीयता कारणों से इसे ठुकरा दिया. कहा जा रहा है कि एयर इंडिया ने भी विमान को अपने हैंगर में शिफ्ट करने की पेशकश की थी, जिसे खारिज कर दिया गया.

सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी की संभावित चोरी से डरी रॉयल नेवी!
दरअसल, शुरुआती जानकारी के अनुसार, जेट ने ईंधन की कमी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग की थी, लेकिन बाद में जांच में सामने आया कि उसके हाइड्रोलिक सिस्टम में गंभीर तकनीकी खराबी आई थी. यह सिस्टम विमान के कई अहम नियंत्रणों जैसे लैंडिंग गियर, ब्रेकिंग सिस्टम और उड़ान की स्थिरता बनाए रखने वाले कंट्रोल सर्फेस को ऑपरेट करता है. इस सिस्टम के फेल हो जाने की वजह से विमान न तो सुरक्षित रूप से टेक-ऑफ कर सकता है और न ही उड़ान भर सकता है.

F-35B की खराबी से अमेरिका की भी हो रही फजीहत
ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35B लाइटनिंग II लड़ाकू विमान, जो एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है, 14 जून को तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था. शुरुआत में बताया गया था कि विमान ने केरल तट से लगभग 100 समुद्री मील दूर स्थित ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर से उड़ान भरी थी, लेकिन कम ईंधन और खराब मौसम की वजह से उसे इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति लेनी पड़ी. बाद में असली वजह हाइड्रोलिक सिस्टम की तकनीकी खराबी बताई गई, जो विमान के उड़ान संचालन के लिए बेहद अहम है.

खराबी इतनी गंभीर थी कि ब्रिटिश तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भी अब तक इसे ठीक नहीं कर सकी है. भारत की ओर से विमान को मानसूनी बारिश से बचाने के लिए उसे हैंगर में ले जाने का सुझाव दिया गया, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे स्वीकार नहीं किया गया. इस घटना से ब्रिटेन, अमेरिका और लॉकहीड मार्टिन तीनों की किरकिरी हो रही है, क्योंकि यह विमान उन्हीं की साझेदारी में बना है.

इतना महंगा विमान और रखरखाव में फेल ब्रिटेन?
लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित यह फाइटर जेट दुनिया का सबसे उन्नत माना जाता है. इसमें स्टील्थ टेक्नोलॉजी, हाई-टेक सेंसर, और STOVL (शॉर्ट टेक-ऑफ एंड वर्टिकल लैंडिंग) जैसी क्षमताएं होती हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, इटली और नीदरलैंड समेत नाटो के कई देश इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. इतने महंगे विमान को खरीदने के बाद ब्रिटेन का उसे ठीक से मेंटेन न कर पाना उसकी तकनीकी और रणनीतिक कमजोरी को दर्शाता है.

दुनिया में इस जेट की स्टील्थ तकनीक को लेकर चर्चा होती रही है, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि भारतीय वायुसेना के रडार ने इसे डिटेक्ट कर लिया था. अगर यह सही है, तो अमेरिका के दावों पर भी सवाल खड़े होते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस फजीहत से रूस के SU-57 जैसे फिफ्थ जनरेशन जेट की मांग बढ़ सकती है और भारत जैसे देशों में अमेरिका का प्रभाव कम हो सकता है.

भारत को बेचने चले थे ट्रंप, अब OLX पर लग रही बोली!
मार्च में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को भी F-35 बेचने की पेशकश की थी, जो भारतीय वायुसेना के लिए एक सामरिक विकल्प हो सकता था. लेकिन अब वही विमान 10 दिन से भारतीय एयरपोर्ट पर खड़ा है. सोशल मीडिया पर इसको लेकर मजाक भी उड़ाया जा रहा है—एक पोस्ट में 110 मिलियन डॉलर के इस जेट को OLX पर सिर्फ 4 मिलियन डॉलर में बिक्री के लिए लिस्ट किया गया, जो कि एक व्यंग्य था.

10 दिनों से खड़ा है एयरपोर्ट पर, कब तक रहेगा पता नहीं!
ब्रिटिश एफ-35बी ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर आपात लैंडिंग की थी. इसके डायवर्जन (मार्ग बदलने) को लेकर भारतीय वायुसेना ने स्पष्ट किया कि यह एक सामान्य प्रक्रिया थी और उड़ान सुरक्षा की दृष्टि से ऐसा किया गया. वायुसेना के प्रवक्ता ने बताया कि इस स्थिति से वे पूरी तरह अवगत थे और विमान को सभी आवश्यक सहायता प्रदान की गई.

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हिंद महासागर में मिशन पर था विमान
यह फाइटर जेट हिंद महासागर क्षेत्र में एक नियमित गश्ती मिशन पर था और जब पायलट ने ईंधन की मात्रा को खतरनाक रूप से कम होते देखा, तो निकटतम एयरपोर्ट पर आपात लैंडिंग का फैसला किया गया. विमान ने एक ब्रिटिश युद्धपोत से उड़ान भरी थी और भारतीय वायुसेना ने उसके सुरक्षित लैंडिंग के लिए सभी जरूरी सहयोग दिया.

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