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योगी की पाती: 'घुसपैठिए कतई स्वीकार्य नहीं, संसाधनों का बंटवारा नहीं होने देंगे', CM योगी ने लोगों से की सतर्क रहने की अपील

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों के नाम लिखी अपनी बहुचर्चित 'योगी की पाती' में घुसपैठ के प्रति सख्त कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने साफ कहा है कि किसी कीमत पर घुसपैठिए स्वीकार्य नहीं किए जाएंगे, देश के संसाधनों का बंटवारा नहीं होगा, संसाधनों पर अनाधिकृत बोझ की सफाई होकर रहेगी.

Created By: केशव झा
08 Dec, 2025
( Updated: 08 Dec, 2025
04:13 PM )
योगी की पाती: 'घुसपैठिए कतई स्वीकार्य नहीं, संसाधनों का बंटवारा नहीं होने देंगे', CM योगी ने लोगों से की सतर्क रहने की अपील

भारत में इन दिनों घुसपैठियों की धरपकड़ के लिए जोरदार कार्रवाई की जा रही है. इस पूरी प्रक्रिया में कोई सबसे बड़ा, तेज और ठोस अभियान चला रही है तो वो है यूपी की योगी सरकार. बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे अवैध लोगों की पहचान और उन्हें उनके मूल देश भेजने के लिए 3-D फॉर्मूले यानी कि डिटेक्ट, डिटेन और डिपोर्ट पर काम करने का निर्देश दिया था. अब इसी विषय पर प्रदेशवासियों के नाम 'योगी की पाती' आई है.

2017 में किए अपने वादे के अनुसार ही सीएम योगी ने हमेशा उत्तर प्रदेश की सुरक्षा, सामाजिक संतुलन और सुदृढ़ कानून-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. पूरे देश ने देखा है कि कैसे उनकी सरकार में प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या एवं बांग्लादेशी घुसपैठियों के विरुद्ध सख्त और निर्णायक कार्रवाई प्रारंभ की गई है.

इसी संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लोगों के नाम लिखी 'योगी की पाती' में योगी सरकार की घुसपैठ और घुसपैठिया-विरोधी अभियान का विस्तार से जिक्र किया और अपनी मंशा का उल्लेख किया. उन्होंने लिखा कि देश में घुसपैठियों की खातिरदारी नहीं की जा सकती. भारत के संसाधनों पर भारत के लोगों का हक है, न कि किसी दूसरे देश के लोगों का. इसी पर बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में CJI सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने भी सख्त टिप्पणी की थी. उच्चतम न्यायालय ने इससे पहले भी कहा था कि भारत कोई धर्मशाला नहीं, जहां कोई भी आए और आराम से रहने लगे.

'किसी कीमत पर स्वीकार्य नहीं घुसपैठिए'

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोहिंग्याओं, घुसपैठियों और शरणार्थियों की सही परिभाषा को लेकर बीते दिनों की गई टिप्पणी का हवाला देकर कहा कि भारत में घुसपैठियों के लिए लाल कालीन नहीं बिछाई जा सकती है. उन्होंने साफ कह दिया कि घुसपैठिए किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं हैं, संसाधनों पर अधिकार भारत के नागरिकों का है, घुसपैठियों का नहीं है.

सुरक्षा और कानून-व्यवस्था हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता: सीएम योगी

इतना ही नहीं, उन्होंने दो टूक कहा कि उनकी सरकार के लिए उत्तर प्रदेश की सुरक्षा, सामाजिक संतुलन और सुदृढ़ कानून-व्यवस्था सर्वोच्च प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री ने अपनी पाती में यह भी जानकारी दी कि कैसे बीते कुछ दिनों के अंदर प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या एवं बांग्लादेशी घुसपैठियों के विरुद्ध सख्त और निर्णायक कार्रवाई प्रारंभ की गई है. सभी नगरीय निकायों को संदिग्ध विदेशी नागरिकों की पहचान कर सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.

नहीं बंटने देंगे वंचितों के लाभ: सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने लोगों का ध्यान इस ओर भी दिलाया कि कैसे देश और प्रदेश में पिछड़ों और वंचितों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का अनाधिकृत बंटवारा हो रहा है. एक बड़ा हिस्सा उन लोगों को भी मिल रहा है, जो किसी भी तरह से इसके हकदार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संसाधनों पर अनाधिकृत बोझ की सफाई भी आवश्यक है. उन्होंने यह भी कहा कि योजनाओं के माध्यम से वंचितों को मिलने वाले लाभ को बंटने नहीं दिया जा सकता है.

SIR को लेकर भी योगी सरकार की सक्रियता और फर्जीवाड़े पर सख्ती के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि कैसे इसी उद्देश्य से दस्तावेज सत्यापन का विशेष अभियान चलाया जा रहा है और घुसपैठियों को चिह्नित कर उन्हें डिटेंशन केंद्रों में भेजा जा रहा है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके. इसके लिए प्रत्येक मंडल में डिटेंशन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं.

आपको बता दें कि पिछले महीने 22 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों (डीएम) को निर्देश दिए थे कि जल्द से जल्द घुसपैठिए और अवैध रूप से रह रहे लोगों की शिनाख्त की जाए और उनके बंदोबस्त किए जाएं. उन्होंने साफ कर दिया है कि इसको लेकर किसी भी स्तर पर कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

'हर जिले में बनेंगे डिटेंशन सेंटर!'

उन्होंने शासन-प्रशासन के सामने अपनी मंशा स्पष्ट करते हुए कहा कि जो लोग भी प्रदेश में अवैध हैं उनकी फौरन पहचान की जाए और उनके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाए. इसके अलावा सरकार ने साफ कर दिया कि जिन पर भी शक हो उनकी पहचान और दस्तावेजी कार्रवाई की प्रक्रिया को तेजी से पूरी करें. सरकार ने इसके पीछे के मकसद को भी स्पष्ट किया कि इनकी धरपकड़ के बाद इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि व्यवस्था पर बोझ न पड़े.

डिपोर्ट होगा हर एक घुसपैठिया!

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और प्रशासन को यह भी निर्देश दिए हैं कि प्रदेशभर में अवैध घुसपैठियों को रखने के लिए अस्थायी डिटेंशन सेंटर बनाए जाएँ. इसे और स्पष्ट करते हुए सरकार ने कहा कि ऐसे डिटेंशन सेंटर में जब तक इनकी पहचान प्रक्रिया पूरी न हो जाए तब तक इन्हें रखा जाए. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि इनकी पहचान पूरी होते ही इन सभी घुसपैठियों को उनके देश वापस भेजा जाएगा, यानी कि डिपोर्ट कर दिया जाएगा. साथ ही यह भी कहा गया है कि अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी.

'योगी की पाती' में सीएम योगी ने क्या अपील की है?

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आपको बताते चलें कि सीएम योगी ने अपनी 'योगी की पाती' में प्रदेश की जनता से अपील की कि वे सतर्क रहें और घरेलू अथवा व्यावसायिक कार्यों में किसी भी व्यक्ति को नियोजित करने से पूर्व उसकी पहचान अवश्य सुनिश्चित करें. उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश की सुरक्षा हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है, क्योंकि सुरक्षा ही समृद्धि का आधार है.

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