Advertisement

अमित शाह ने विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर साधा निशाना, कहा- उन्होंने आदिवासियों से आत्मरक्षा का अधिकार छीना

उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले अमित शाह ने विपक्षी उम्मीदवार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि एक फैसले से आदिवासियों से आत्मरक्षा का अधिकार छीन लिया गया था. सवाल यह है कि क्या यह मुद्दा चुनावी राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाएगा या फिर सिर्फ सियासी बयानबाज़ी साबित होगा?

25 Aug, 2025
( Updated: 25 Aug, 2025
11:41 PM )
अमित शाह ने विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर साधा निशाना, कहा- उन्होंने आदिवासियों से आत्मरक्षा का अधिकार छीना
Amit Shah

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 22 अगस्त 2025 को कोच्चि में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि बी सुदर्शन रेड्डी ने सलवा जुडूम को अवैध घोषित करके आदिवासियों का आत्मरक्षा का अधिकार छीन लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस फैसले के कारण नक्सलवाद को दो दशकों तक बढ़ावा मिला, जबकि उस समय यह समाप्त होने की कगार पर था. शाह ने यह भी कहा कि यदि यह फैसला नहीं होता, तो नक्सलवाद 2020 तक समाप्त हो चुका होता.

सलवा जुडूम क्या था?

सलवा जुडूम 2005 में छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा गठित एक सशस्त्र मिलिशिया थी, जिसका उद्देश्य नक्सलवादियों के खिलाफ स्थानीय आदिवासियों को संगठित करना था. इसमें आदिवासी युवाओं को विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) के रूप में नियुक्त किया गया था. हालांकि, इस आंदोलन पर मानवाधिकार उल्लंघन, जबरन भर्ती और हिंसा जैसे आरोप लगे थे.

सुदर्शन रेड्डी का फैसला और विवाद

2011 में, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी और एस. एस. निज्जर की बेंच ने सलवा जुडूम को अवैध और असंवैधानिक घोषित किया. कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य सरकार इस प्रकार के सशस्त्र नागरिक दस्तों को प्रोत्साहित नहीं कर सकती, क्योंकि यह संविधान और कानून के खिलाफ है.

विपक्षी गठबंधन का समर्थन

‘इंडिया’ गठबंधन ने बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया है. गठबंधन के नेताओं ने रेड्डी की न्यायिक योग्यता और संविधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने चेन्नई में एक रैली में कहा कि रेड्डी ने संविधान की रक्षा के लिए हमेशा अपनी आवाज उठाई है और भाजपा द्वारा पेश किए गए उम्मीदवार को केवल पहचान के आधार पर प्रस्तुत करना एक सतही रणनीति है.

न्यायिक स्वतंत्रता पर सवाल

अमित शाह के आरोपों के बाद, 18 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर शाह की टिप्पणियों को दुर्भाग्यपूर्ण और पक्षपाती बताया. उन्होंने कहा कि शाह का यह बयान न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करने का प्रयास है और इससे न्यायाधीशों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

सुदर्शन रेड्डी की प्रतिक्रिया

बी सुदर्शन रेड्डी ने अमित शाह के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सलवा जुडूम पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनका व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पूरी बेंच का निर्णय था. उन्होंने कहा कि वह इस मामले में गृह मंत्री के साथ बहस नहीं करना चाहते.

यह भी पढ़ें

उपराष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर, अमित शाह के आरोपों ने राजनीतिक और न्यायिक हलकों में हलचल मचा दी है. जहां एक ओर शाह ने सुदर्शन रेड्डी के फैसले को नक्सलवाद को बढ़ावा देने वाला बताया, वहीं दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन ने उन्हें संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए समर्थन दिया है. इस विवाद ने आगामी चुनावों में न्यायपालिका की भूमिका और राजनीतिक हस्तक्षेप पर महत्वपूर्ण सवाल खड़े किए हैं.

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
अधिक
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें